नई दिल्ली : कोरोना महामारी और चीन के साथ तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया. देश में कोविड-19 के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम यह छठा संबोधन था. उनका यह संबोधन ऐसे समय में हुआ जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और उसके बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. पीएम का यह संबोधन ऐसे समय भी हो रहा है जब देश कोविड-19 महामारी के रोज बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन में ढील के 'अनलॉक-2' में प्रवेश करने जा रहा है जिसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार रात दिशा-निर्देश जारी किए थे.
पढ़ें प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा-
- इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए.
- हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है. अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है. जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है. त्योहारों का यह समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है.
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए. नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं.
- देश हो या व्यक्ति, समय पर फैसले लेने से, संवेदनशीलता से फैसले लेने से किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है. इसलिए, लॉकडाउन होते ही सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई.
- लॉकडाउन के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले. केंद्र सरकार हो, राज्य सरकारें हों, सिविल सोसायटी के लोग हों, सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए.
- पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे. अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है.
- अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है. समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है. लेकिन जब से देश में अन लॉक वन हुआ है तब से लापरवाही कुछ बढ़ती जा रही है.
- कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते-लड़ते अब हम अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं. हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं, जब सर्दी, जुखाम, बुखार जैसी बीमारी होती है. मेरी सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि अपना ध्यान रखिए.
मोदी ने पिछली बार देश को 12 मई को संबोधित किया था जब उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी.