नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जनौषधि दिवस पर जनऔषधि केंद्रों के लाभार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोनोवायरस को लेकर अफवाहों पर विश्वास न करें, जो भी संदेह है, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें. इसके साथ प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पूरी दुनिया नमस्ते की आदत डाल रही है. अगर किसी कारण से हमने ये आदत छोड़ दी है, तो हाथ मिलाने के बजाय इस आदत को फिर से डालने का भी ये उचित समय है.
इस दौरान प्रधानमंत्री एक लाभार्थी से बात करते हुए काफी भावुक हो गए. दरअसल भयंकर बीमारी से पीड़ित एक महिला अपना संघर्ष बता रही थी. प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि योजना की लाभार्थी दीपा शाह बातचीत कर रहे थे. उनकी कहानी सुनकर वह भावुक होते हुए देखे गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का बिंदुवार अंश :-
- हमें संतोष है कि जम्मू कश्मीर में जन औषधि परियोजना का बहुत लाभ हो रहा. नॉर्थ ईस्ट और अन्य पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में जन औषधि परियोजना को विस्तार भी देना है और वहां सभी दवाएं उपलब्ध हों, ये भी सुनिश्चित करना है.
- प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का लाभ समाज के हर वर्ग को हुआ है. गरीब और मध्यम वर्ग को इसका लाभ मिला है. इसमें भी हमारी बेटियों-बहनों को विशेष लाभ हुआ है.
- एक हजार से अधिक जरूरी दवाइयों की कीमत नियंत्रित होने से मरीजों के 12,500 करोड़ रुपये बचे हैं. इस योजना के तहत देश के गांव-गांव में आधुनिक हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं. अभी तक 31 हजार से ज्यादा सेंटर तैयार हो चुके हैं.
- जनऔषधि दिवस पर जनऔषधि केंद्रों के लाभार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे जनऔषधि दिवस की बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनऔषधि दिवस सिर्फ एक योजना को मनाने का दिन नहीं है, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों, लाखों परिवारों के साथ जुड़ने का दिन है, जिनको इस योजना से बहुत राहत मिली है.
- मोदी ने कहा कि अब तक 6 हजार से अधिक जनऔषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं. इससे पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो रहा है. अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000-2500 करोड़ रुपए की बचत जनऔषधि केंद्रों के कारण हुई है.
- वर्तमान में 6200 जनऔषधि केंद्र हैं, जो कई बीमारियों के लिए दवाएं प्रदान करते हैं और विभिन्न सर्जिकल उपकरण और चिकित्सा उपकरण प्रदान करते हैं. एक से सात मार्च तक जनौषधि सप्ताह मनाया जा रहा है. बता दें कि भारत के 728 जिलों में से 700 में जनऔषधि केंद्र शुरू हो गए हैं.