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पाक पीएम इमरान खान ने किया करतारपुर कॉरिडोर का उद्धघाटन - जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना

गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया और वहां पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत किया.

इमरान खान
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Published : Nov 9, 2019, 6:35 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 8:48 PM IST

करतारपुर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा के लिए शनिवार को ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया.

करतारपुर गलियारे के उद्घाटन अवसर पर भारत सहित दुनियाभर के हजारों सिख श्रद्धालु उपस्थित रहे. समारोह में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए.

इमरान खान ने करीब 12000 श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कहा, 'मेरा विश्वास कीजिए, मुझे इस जगह के महत्व का कोई अंदाजा नहीं था. मुझे एक साल पहले पता चला, गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर साहिब में व्यतीत किए, जो अब दुनिया का सबसे बड़ा सिख गुरुद्वारा बन गया है.'

अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान इमरान ने कश्मीर मुद्दे को उठाया और कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच 70 साल की नफरत हुई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान से भारत और पाकिस्तान की समृद्धि और आपसी विकास होगा.

इमरान ने घाटी में धारा 370 और संचार सेवाओं को समाप्त करने का जिक्र करते हुए कहा भारत को कश्मीर के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध सुधरेंगे.

पैगंबर मुहम्मद, नेल्सन मंडेला और सूफी संतों का हवाला देते हुए, खान ने कहा कि एक सच्चा नेता हमेशा लोगों को एक साथ लाता है.

उन्होंने कहा, 'मैं सिख समुदाय को देखकर हमेशा बहुत खुश होता हूं. ईश्वर हम सभी के दिलों में बसता है. सभी दूत, जो दुनिया में आए, वे केवल दो संदेश लाए हैं, शांति और न्याय.'

इससे पहले, खान ने गुरुद्वारा दरबार साहिब की विभिन्न इकाइयों का दौरा किया और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का स्वागत किया.

पढ़ें- करतारपुर गलियारा : सिद्धू को पाकिस्तान जाने की सशर्त अनुमति

इतना ही नहीं इस दौरान खान ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हाथ मिलाया और बातचीत की.

इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान से कहा, 'आपने दिल जीत लिया है.'

वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले गुरदासपुर में 500 से अधिक तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया, इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के बाद दरबार साहिब गुरुद्वारे में शीश नवाना आसान होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि गलियारे के खुलने और एकीकृत चेक पोस्ट से लोगों को दोहरी खुशी मिलेगी.

पढ़ें- करतारपुर के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना आवश्यक : PAK सेना

बता दें कि करतारपुर गये पहले 'जत्थे' में अकाल तख्त जत्थेदार हरप्रीत सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल शामिल हैं.

इसके अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य और मंत्रियों सहित पंजाब के सभी 117 विधायक और सांसद भी पहले 'जत्थे' का हिस्सा हैं.

पढ़ें - करतारपुर गलियाराः पीएम मोदी ने इमरान का किया धन्यवाद

गौरतलब है कि गलियारे का उद्घाटन भारत और पाकिस्तान के बीच अगस्त में नई दिल्ली के जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बीच हुआ.

कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कड़वाहट के बावजूद पिछले महीने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया गया.

यह समझौता प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति देगा, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे.

करतारपुर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा के लिए शनिवार को ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया.

करतारपुर गलियारे के उद्घाटन अवसर पर भारत सहित दुनियाभर के हजारों सिख श्रद्धालु उपस्थित रहे. समारोह में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए.

इमरान खान ने करीब 12000 श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कहा, 'मेरा विश्वास कीजिए, मुझे इस जगह के महत्व का कोई अंदाजा नहीं था. मुझे एक साल पहले पता चला, गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर साहिब में व्यतीत किए, जो अब दुनिया का सबसे बड़ा सिख गुरुद्वारा बन गया है.'

अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान इमरान ने कश्मीर मुद्दे को उठाया और कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच 70 साल की नफरत हुई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान से भारत और पाकिस्तान की समृद्धि और आपसी विकास होगा.

इमरान ने घाटी में धारा 370 और संचार सेवाओं को समाप्त करने का जिक्र करते हुए कहा भारत को कश्मीर के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध सुधरेंगे.

पैगंबर मुहम्मद, नेल्सन मंडेला और सूफी संतों का हवाला देते हुए, खान ने कहा कि एक सच्चा नेता हमेशा लोगों को एक साथ लाता है.

उन्होंने कहा, 'मैं सिख समुदाय को देखकर हमेशा बहुत खुश होता हूं. ईश्वर हम सभी के दिलों में बसता है. सभी दूत, जो दुनिया में आए, वे केवल दो संदेश लाए हैं, शांति और न्याय.'

इससे पहले, खान ने गुरुद्वारा दरबार साहिब की विभिन्न इकाइयों का दौरा किया और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का स्वागत किया.

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इतना ही नहीं इस दौरान खान ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हाथ मिलाया और बातचीत की.

इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान से कहा, 'आपने दिल जीत लिया है.'

वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले गुरदासपुर में 500 से अधिक तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया, इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के बाद दरबार साहिब गुरुद्वारे में शीश नवाना आसान होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि गलियारे के खुलने और एकीकृत चेक पोस्ट से लोगों को दोहरी खुशी मिलेगी.

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बता दें कि करतारपुर गये पहले 'जत्थे' में अकाल तख्त जत्थेदार हरप्रीत सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल शामिल हैं.

इसके अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य और मंत्रियों सहित पंजाब के सभी 117 विधायक और सांसद भी पहले 'जत्थे' का हिस्सा हैं.

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गौरतलब है कि गलियारे का उद्घाटन भारत और पाकिस्तान के बीच अगस्त में नई दिल्ली के जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बीच हुआ.

कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कड़वाहट के बावजूद पिछले महीने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया गया.

यह समझौता प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति देगा, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे.

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Imran Khan inaugurates Kartarpur corridor to facilitate visa-free entry of Indian pilgrims
By Manash Pratim Bhuyan
(Eds: Updating with more details)
         Kartarpur (Pakistan), Nov 9 (PTI) Pakistan Prime Minister Imran Khan on Saturday formally inaugurated the historic Kartarpur corridor to facilitate the visa-free entry of Indian Sikh pilgrims to celebrate the 550th birth anniversary of Sikhism founder Guru Nanak Dev.
         Khan inaugurated the corridor by removing a curtain that was lifted by hot air balloons in the presence of thousands of Sikhs from across the world including India. A huge 'kirpan' (dagger) was displayed at the inauguration site.
         "I am happy we could do this for you," he told a gathering of over 12,000 devotees, including former prime minister Manmohan Singh and cricketer-turned-politician Navjot Singh Sidhu.
         "Believe me, I had no idea of the importance this place holds; I found out a year ago," he said.
         Guru Nanak Dev spent last 18 years of his life at Kartarpur Sahib, which has now become the world's largest Sikh Gurdawara.
         During his brief address, Khan raked up the Kashmir issue and said it has resulted 70 years of hatred between India and Pakistan.
         "The resolution of the Kashmir issue will lead to greater prosperity and mutual development of India and Pakistan," Khan said.
         "India must ensure justice to people of Kashmir," he said, referring to the abrogation of the Article 370 and communication blackout in the Valley.
         He hoped that one day the relationship between the two neighbours will improve.
         Citing the examples of Prophet Muhammad, Nelson Mandela and Sufi saints, Khan said a true leader always brings people together.
         "I am always so happy to see the Sikh community who have come here. God lives in the hearts of all of us. All the messengers who have come and gone only ever brought two messages, that of peace and justice," he said.
         Earlier, Khan visited different units of Gurdawara Darbar Sahib.
         Prime Minister Khan welcomed the first batch of the Indian Sikh pilgrims who entered Pakistan through the corridor which links Gurdwara Darbar Sahib in Pakistan, the final resting place of Guru Nanak Dev, to Dera Baba Nanak shrine in Punjab's Gurdaspur.
         Khan shook hand with former Indian prime minister Manmohan Singh and exchanged pleasantries.
         Speaking on the occasion, Sidhu told Khan, "You have won hearts."
         Religious Affairs Minister Noorul Haq Qadri said the opening of the Kartapur corridor is "the biggest message of peace and love" since Partition.
         In his address, Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi said the doors of Kartarpur have been opened for Sikh pilgrims.
         "If the Berlin Wall can be demolished, if the Kartarpur Corridor can be opened, then the temporary boundary of the Line of Control can also be ended," Qureshi said, raking up the Kashmir issue during his address on the occasion.
         Prime Minister Narendra Modi earlier flagged off the first batch of over 500 pilgrims in Gurdaspur, saying it will be easy to pay obeisance at the Darbar Sahib gurdwara after the opening of the Kartarpur corridor.
         Asserting that he is fortunate to be able to dedicate the Kartarpur corridor to the country, Modi said the opening of the corridor and the integrated check post will bring double happiness to the people.
         The first 'jatha' also include Akal Takht Jathedar Harpreet Singh, Punjab Chief Minister Amarinder Singh, former chief minister Parkash Singh Badal, Sukhbir Singh Badal and Harsimrat Kaur Badal.
         The Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee members and all the 117 MLAs and MPs from Punjab including ministers are also part of the first 'jatha'.
         Prime Minister Khan, who congratulated the Sikh community on the 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev, said the historic opening of the Kartarpur corridor is a testimony to Pakistan's commitment to regional peace.
         "We believe that the road to prosperity of region and bright future of our coming generation lies in peace," Khan said in his message on the occasion.
         "Today we are not only opening the border, but also our hearts for the Sikh community," he said.
         The inauguration of the corridor comes in the midst of frayed ties between India and Pakistan following New Delhi's decision in August to withdraw Jammu and Kashmir's special status and bifurcate the state into two Union Territories.
         Notwithstanding a chill in bilateral ties over Kashmir, India and Pakistan after tough negotiations signed an agreement last month, paving the way for the inauguration of the Kartarpur corridor on November 9.
         The agreement will allow 5,000 Indian pilgrims daily to visit Gurdwara Darbar Sahib where Guru Nanak spent last 18 years of his life. PTI CPS MRJ AKJ
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Last Updated : Nov 9, 2019, 8:48 PM IST
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