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बाबरी मस्जिद ट्रस्ट अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए तैयार, 9 सदस्यों के नाम घोषित - सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड

विवादित बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, यूपी सरकार ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी थी, जहां एक मस्जिद और एक इमारत का निर्माण किया जाएगा.

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Published : Jul 30, 2020, 12:19 PM IST

लखनऊ(यूपी): सरकार ने 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण की नींव रखने के लिए कमर कस ली है, तो वहीं अयोध्या जिले के धनीपुर गांव में एक मस्जिद के निर्माण की तैयारी भी जोरों पर है.

राज्य के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उसके लिए एक ट्रस्ट भी बनाया है, जिसे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन कहा जाता है.

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड फाउंडेशन का ट्रस्टी होगा, जबकि अध्यक्ष जफर फारूकी मुख्य ट्रस्टी होंगे और अतहर हुसैन को ट्रस्ट का सचिव और प्रवक्ता नियुक्त किया गया है.

अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी ने अभी तक सभी 15 नामों की घोषणा नहीं की है. ट्रस्ट में लोगों की अधिकतम संख्या 15 होगी, इसमें अब तक केवल 9 नामों की घोषणा की गई है.

यह संभावना है कि इस ट्रस्ट में उन लोगों के नाम शामिल होंगे जो विवादास्पद बाबरी मस्जिद के बदले में दूसरी जगह जमीन लेने की कोशिश कर रहे थे.

बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, बाबरी मस्जिद मामले में, यूपी सरकार ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी थी. मस्जिद के अलावा, ट्रस्ट के तहत सार्वजनिक हित के लिए भूमि पर एक भवन का निर्माण किया जाएगा.

गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 5 अगस्त से शुरू होगा, जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास करेंगे. हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों और नेताओं ने कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर इसे अनुचित करार दिया है.

लखनऊ(यूपी): सरकार ने 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण की नींव रखने के लिए कमर कस ली है, तो वहीं अयोध्या जिले के धनीपुर गांव में एक मस्जिद के निर्माण की तैयारी भी जोरों पर है.

राज्य के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उसके लिए एक ट्रस्ट भी बनाया है, जिसे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन कहा जाता है.

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड फाउंडेशन का ट्रस्टी होगा, जबकि अध्यक्ष जफर फारूकी मुख्य ट्रस्टी होंगे और अतहर हुसैन को ट्रस्ट का सचिव और प्रवक्ता नियुक्त किया गया है.

अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी ने अभी तक सभी 15 नामों की घोषणा नहीं की है. ट्रस्ट में लोगों की अधिकतम संख्या 15 होगी, इसमें अब तक केवल 9 नामों की घोषणा की गई है.

यह संभावना है कि इस ट्रस्ट में उन लोगों के नाम शामिल होंगे जो विवादास्पद बाबरी मस्जिद के बदले में दूसरी जगह जमीन लेने की कोशिश कर रहे थे.

बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, बाबरी मस्जिद मामले में, यूपी सरकार ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी थी. मस्जिद के अलावा, ट्रस्ट के तहत सार्वजनिक हित के लिए भूमि पर एक भवन का निर्माण किया जाएगा.

गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 5 अगस्त से शुरू होगा, जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास करेंगे. हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों और नेताओं ने कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर इसे अनुचित करार दिया है.

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