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Anand Mohan Case: आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, 11 अगस्त को अगली सुनवाई

बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी ने याचिका को दायर किया है. बिहार सरकार और आनंद मोहन की ओर से हलफनामा दायर कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Aug 8, 2023, 6:00 AM IST

Updated : Aug 8, 2023, 2:44 PM IST

पटना/नई दिल्ली: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. इस मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी. पूर्व सांसद के वकील एपी सिंह के मुताबिक मंगलवार को केस की लिस्टिंग नहीं हुई. इस कारण अब मामले की सुनवाई अब अगली तारीख को होगी. बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने इस रिहाई के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को हलफनामा दायर करने को कहा था. दोनों ने अपना अदालत में हलफनामा दाखिल कर अपनी बात रख दी है.

ये भी पढ़ें- Bihar News: 'देश में दो वाशिंग पाउडर.. एक निरमा दूसरा BJP' - आनंद मोहन

आनंद मोहन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : गौरतलब है कि आनंद मोहन की रिहाई (परिहार) के खिलाफ दिवंगत IAS जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. इसमें उन्होंने बिहार सरकार की ओर से जेल नियमावली में किए गए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के साथ ही आनंद मोहन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. जिसपर बिहार सरकार और आनंद मोहन दोनों ने इस संबंध में अपने-अपने जवाब दे दिए हैं. आज इस पर सुनवाई होनी थी.

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बाहुबली आनंद मोहन का हलफनामा : बाहुबली आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामा में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उनकी रिहाई कानून सम्मत है. सरकार का ये फैसला मनमाना नहीं था. यह कहना गलत है कि सरकार ने उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए पूरी कवायद की गई है. आनंद मोहन की तरफ से तर्क में कहा गया है कि उनकी रिहाई से पीड़िता के मूल अधिकारों का हनन होने की बात गलत है.

बिहार सरकार का हलफनामा : सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार ने एफीडेविट देकर ये कहा है कि ''राज्य सरकार के अनुसार यह पाया गया कि एक लोक सेवक की हत्या के अपराध में कैदी आजीवन कारावास काट रहा था. उसकी समय पूर्व रिहाई पर विचार किया गया. प्रासंगिक रिपोर्ट अनुकूल होने के बाद आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया. पुलिस और राज्य सरकार ने सजा माफी नीति के अनुसार आनंद मोहन को रिहा किया है.''

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DM हत्याकांड में कब क्या हुआ? : 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या कर दी गई. 3 अक्टूबर 2007 को आनंद मोहन समेत तीन को फांसी हुई कुछ को उम्रकैद हुई बाकी 29 बरी कर दिए गए. 10 दिसंबर 2008 को पटना हाईकोर्ट ने आनंद मोहन की फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दिया. 10 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया. 27 अप्रैल 2023 को आनंद मोहन सहरसा जेल से रिहाई हो गई. 1 अगस्त को 2023 को आनंद मोहन ने अपना हलफनामा दाखिल किया था.

पटना/नई दिल्ली: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. इस मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी. पूर्व सांसद के वकील एपी सिंह के मुताबिक मंगलवार को केस की लिस्टिंग नहीं हुई. इस कारण अब मामले की सुनवाई अब अगली तारीख को होगी. बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने इस रिहाई के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को हलफनामा दायर करने को कहा था. दोनों ने अपना अदालत में हलफनामा दाखिल कर अपनी बात रख दी है.

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आनंद मोहन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : गौरतलब है कि आनंद मोहन की रिहाई (परिहार) के खिलाफ दिवंगत IAS जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. इसमें उन्होंने बिहार सरकार की ओर से जेल नियमावली में किए गए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के साथ ही आनंद मोहन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. जिसपर बिहार सरकार और आनंद मोहन दोनों ने इस संबंध में अपने-अपने जवाब दे दिए हैं. आज इस पर सुनवाई होनी थी.

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बाहुबली आनंद मोहन का हलफनामा : बाहुबली आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामा में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उनकी रिहाई कानून सम्मत है. सरकार का ये फैसला मनमाना नहीं था. यह कहना गलत है कि सरकार ने उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए पूरी कवायद की गई है. आनंद मोहन की तरफ से तर्क में कहा गया है कि उनकी रिहाई से पीड़िता के मूल अधिकारों का हनन होने की बात गलत है.

बिहार सरकार का हलफनामा : सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार ने एफीडेविट देकर ये कहा है कि ''राज्य सरकार के अनुसार यह पाया गया कि एक लोक सेवक की हत्या के अपराध में कैदी आजीवन कारावास काट रहा था. उसकी समय पूर्व रिहाई पर विचार किया गया. प्रासंगिक रिपोर्ट अनुकूल होने के बाद आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया. पुलिस और राज्य सरकार ने सजा माफी नीति के अनुसार आनंद मोहन को रिहा किया है.''

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DM हत्याकांड में कब क्या हुआ? : 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या कर दी गई. 3 अक्टूबर 2007 को आनंद मोहन समेत तीन को फांसी हुई कुछ को उम्रकैद हुई बाकी 29 बरी कर दिए गए. 10 दिसंबर 2008 को पटना हाईकोर्ट ने आनंद मोहन की फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दिया. 10 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया. 27 अप्रैल 2023 को आनंद मोहन सहरसा जेल से रिहाई हो गई. 1 अगस्त को 2023 को आनंद मोहन ने अपना हलफनामा दाखिल किया था.

Last Updated : Aug 8, 2023, 2:44 PM IST
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