अलीगढ़ : राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए अलीगढ़ का लाल सचिन लौर भी शहीद हो गया. सचिन अलीगढ़ के टप्पल इलाके के नगरिया गौरोला के रहने वाले थे. परिवार में सबके दुलारे सचिन की शहादत की खबर सुनने के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पूरे इलाके में शोक की लहर है. बलिदानी जवान सचिन का सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा. बताया जा रहा है कि 8 दिसंबर को सचिन के सिर पर सेहरा सजना था.
राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए दिया सर्वोच्च बलिदान
टप्पल क्षेत्र के गांव नगरिया गोरोला में सेना के पैरा कमांडो सचिन लौर ने राजोरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. गुरुवार को परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो घर और इलाके में मातम पसर गया. राजौरी के कालाकोट के बाजिमाल में बुधवार को हुई मुठभेड़ में सेना के 9 पैरा कमांडो रेजिमेंट के दो अधिकारियों सहित चार जवान शहीद हो गए. इसमें नगरिया गोरोला के पैरा कमांडो सचिन भी शामिल हैं. सचिन की उम्र महज 24 साल है. उनकी मौत की खबर सुनते ही परिजन भी बेसुध हो गए. वही आसपास गांव के लोग बलिदानी सचिन के घर पहुंच रहे हैं.
भाई से कहा था- ऑपरेशन चल रहा है, फ्री होकर बात करुंगा
सचिन लौर के बड़े भाई विवेक लौर नेवी में हैं. सचिन लौर 20 मार्च 2019 को आर्मी में भर्ती हुए थे. वहीं 2021 में स्पेशल फोर्स में कमांडो बन गए. इस समय राजौरी के पैरा टू रेजीमेंट में तैनात थे. सचिन की 8 दिसंबर को शादी थी. मथुरा के माट में शादी तय हुई थी. घर में इसकी तैयारी चल रही थी और खुशियों का माहौल था. घरवालों ने बताया कि राजौरी में मुठभेड़ से पहले सचिन ने बड़े भाई विवेक से फोन पर बात की थी. कहा था कि सब कुछ ठीक है. ऑपरेशन चल रहा है. फ्री होकर बात करने के लिए कहा था. इसके बाद फिर बात नहीं हुई और यह दुखद खबर सामने आई. सचिन के पिता रमेशचंद खेती करते हैं. इस दुखद खबर से मां भगवती देवी और पिता रमेश का रो-रोकर बुरा हाल है. शुक्रवार को बलिदानी सचिन का पार्थिव शरीर टप्पल लाया जाएगा.