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संघ के पास ब्रेन 'जीरो' है, मुसलमानों से नफरत 100% : ओवैसी

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम आबादी वाले बयान पर संघ प्रमुख मोहन भागवत पर पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा कि संघ मुस्लिम विरोधी नफरत का आदी है. पढ़ें पूरी खबर.

ओवैसी  भागवत
ओवैसी भागवत
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Published : Jul 22, 2021, 8:25 PM IST

हैदराबाद : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के मुस्लिम आबादी वाले बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा कि संघ के पास ब्रेन जीरो है, मुसलमानों से नफरत 100% है.

ओवैसी ने कहा कि 'संघ मुस्लिम विरोधी नफरत का आदी है और यही जहर समाज में घोल रहा है. इस महीने की शुरुआत में भागवत ने 'हम एक हैं' का नाटक किया, इससे उनके अनुयायियों को बहुत परेशानी हुई होगी इसलिए उन्हें मुसलमानों को नीचा दिखाने और झूठ बोलने की ओर लौटना पड़ा.

ओवैसी ने कहा कि साथ ही सवाल उठाया कि अगर हमारा सारा डीएनए एक ही है, तो गिनती क्यों रखें? साथ ही कहा कि भारतीय मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर में 1950-2011 के बीच सबसे तेज गिरावट देखी गई है.

दरअसल एक दिन पहले ही भागवत ने कहा था कि देश में 1930 से ही मुस्लिम आबादी बढ़ाने का संगठित प्रयास किया गया ताकि वर्चस्व बढ़ाकर इसे पाकिस्तान बनाया जा सके. भागवत ने कहा था कि ऐसा करके वे अपने मकसद में कुछ हद तक कामयाब भी हो गए और देश का बंटवारा हो गया. उन्होंने यह भी कहा था कि जिन स्थानों पर वे (मुस्लिम) बहुसंख्यक थे, वहां से उन लोगों को निकाल दिया गया, जो उनसे अलग थे.

पढ़ें- 1930 से ही देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ाने की कोशिश: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

भागवत ने साथ ही कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का हिंदू-मुस्लिम विभाजन और सांप्रदायिक आख्यान से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए दो मुद्दों को उछाल रहे थे.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकता कानून के कारण किसी भी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा.

हैदराबाद : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के मुस्लिम आबादी वाले बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा कि संघ के पास ब्रेन जीरो है, मुसलमानों से नफरत 100% है.

ओवैसी ने कहा कि 'संघ मुस्लिम विरोधी नफरत का आदी है और यही जहर समाज में घोल रहा है. इस महीने की शुरुआत में भागवत ने 'हम एक हैं' का नाटक किया, इससे उनके अनुयायियों को बहुत परेशानी हुई होगी इसलिए उन्हें मुसलमानों को नीचा दिखाने और झूठ बोलने की ओर लौटना पड़ा.

ओवैसी ने कहा कि साथ ही सवाल उठाया कि अगर हमारा सारा डीएनए एक ही है, तो गिनती क्यों रखें? साथ ही कहा कि भारतीय मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर में 1950-2011 के बीच सबसे तेज गिरावट देखी गई है.

दरअसल एक दिन पहले ही भागवत ने कहा था कि देश में 1930 से ही मुस्लिम आबादी बढ़ाने का संगठित प्रयास किया गया ताकि वर्चस्व बढ़ाकर इसे पाकिस्तान बनाया जा सके. भागवत ने कहा था कि ऐसा करके वे अपने मकसद में कुछ हद तक कामयाब भी हो गए और देश का बंटवारा हो गया. उन्होंने यह भी कहा था कि जिन स्थानों पर वे (मुस्लिम) बहुसंख्यक थे, वहां से उन लोगों को निकाल दिया गया, जो उनसे अलग थे.

पढ़ें- 1930 से ही देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ाने की कोशिश: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

भागवत ने साथ ही कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का हिंदू-मुस्लिम विभाजन और सांप्रदायिक आख्यान से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए दो मुद्दों को उछाल रहे थे.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकता कानून के कारण किसी भी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा.

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