पुष्कर के प्रसिद्ध देसी आंवलों पर मंडराने लगा संकट...

🎬 Watch Now: Feature Video

thumbnail
पुष्कर के ग्रामीण अंचल में पानी की भारी कमी के कारण गन्नो की खेती के विकल्प में आंवले के उत्पादन को शुरू किया. पर बदलते व्यावसायिक परिपेक्ष के चलते अब देशी आंवलो की बिक्री में भारी कमी देखने को मिल रही है. आंवला स्वास्थ्य के लिए गुणकारी एवं फायदेमंद है. साथ ही व्यावसायिक दृष्टि से भी आंवले का बहुत महत्व है. इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है. पुष्कर क्षेत्र में पिछले 20 वर्षो में आंवला उत्पादन का सिलसिला शुरू क्या हुआ, आज हर फार्म हाउस एवं खेत आंवले के पेड़ों से अटे पड़े हैं. सर्दी शुरू होने के साथ ही पेड़ों पर आंवले ही आंवले नजर आ रहे हैं. लेकिन ग्राफ्टेड आवलों की डिमांड अधिक होने के कारण देसी आंवलो की बिक्री में भारी गिरावट देखी जा रही है. किसानों का कहना है कि ग्राफ्टेड आंवले की बिक्री अत्यधिक हो रही है. वहीं देसी आंवले की बिक्री में भारी असर पड़ा है, ग्राफ्टेड आंवले दिखने में मोटे होते हैं तथा मुरब्बे, आचार और औषधियों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किए जा रहे हैं. वहीं देसी आंवला विटामिन से भरा होता है तथा शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है. लेकिन ग्राफ्टेड आंवले की बाजार में ज्यादा मांग है. दूसरी ओर आंवले की अत्यधिक खेती होने से पुष्कर में आंवले का मुरब्बा, कैंडी उत्पादन के उद्योग विकसित हो गए हैं. यहां माल का उत्पादन होकर एक्सपोर्ट हो रहा है. साथ ही आंवले को सुखाकर एवं पाउडर तैयार कर औषधियों के लिए भी सप्लाई हो रहा है. लेकिन इस साल अच्छी बारिश होने के बावजूद भी आंवले के भाव गिरे हैं. पूर्व में प्रति किग्रा भाव 20 से 25 रुपए था जो लुढ़ककर 10 से 15 रुपए किग्रा तक रह गया.

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.