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भेड़ियों के बच्चों की मौत का मामला : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चली मौत की वजह, जानिए... - Wolves pups death due to heat stroke in Udaipur

उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में चार भेड़ियों के बच्चों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई (Postmortem report of wolves pups) है. रिपोर्ट के अनुसार, इन बच्चों की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हुई है. भेड़िए के पांचवें बच्चे की स्पेशल केयर की जा रही है. वन विभाग और चिकित्साकर्मी उसके स्वास्थ्य पर निगरानी रखे हुए है.

Postmortem report of wolves pups
भेड़ियों के बच्चों की मौत का मामला: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चली मौत की वजह
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Published : May 1, 2022, 7:38 PM IST

उदयपुर. जिले के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में चार भेड़िए के बच्चों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई (Postmortem report of wolves pups) है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार इन चारों भारतीय भेड़ियों के बच्चों की मौत गर्मी के कारण हुई है. वहीं, एक अन्य भेड़िए के बच्चे की स्थिति फिलहाल ठीक बताई जा रही है.

बताया जाता है कि इन बच्चों को जहां रखा गया था, वहां पहाड़ी एरिया होने के कारण अन्य जगह की तुलना में पारा 6 से 8 डिग्री ज्यादा रहता है. इस विषय के विशेषज्ञों ने बताया कि चट्टानों से टकरा कर हवा सीधे फोल्डिंग एरिया को तपाती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चारों भेड़िए की मौत हीट स्ट्रोक से होने की पुष्टि हुई (Wolves pups death due to heat stroke in Udaipur) है. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इन बच्चों के लिए कूलर और पंखे की व्यवस्था भी की गई है. भेड़िए के पांचवें बच्चे की स्पेशल केयर की जा रही है. वन विभाग और चिकित्साकर्मी उसके स्वास्थ्य पर निगरानी रखे हुए है.

पढ़ें: वुल्फ ब्रीडिंग में जयपुर अव्वल, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भेड़िए के 10 बच्चे जन्म लिए

दरअसल, सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क मैं चेन्नई के अरीगना अन्ना जूलॉजिकल पार्क से 22 फरवरी, 2021 को भारतीय भेड़िए का एक जोड़ा लाया गया था. इसमें नर की आयु 2 वर्ष 6 माह और मादा की आयु 3 वर्ष 2 माह थी. इन्हें बायोपार्क के डिस्प्ले एरिया में रखा गया था. मेटिंग कराने के उपरांत उदयपुर के इतिहास में पहली बार इस भारतीय भेड़िए ने 5 बच्चों को जन्म दिया था. वरिष्ठ पशु चिकित्सक और केयरटेकर इनकी निगरानी कर रहे थे.

पढ़ें: अब विद्या होगी सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की “राजकुमारी“ चेन्नई से सज्जनगढ़ उदयपुर में मादा टाइगर और भेड़ियों के जोड़े का स्थानांतरण

विलुप्त हो रहे हैं भेड़िए: देशभर में भेड़ियों की संख्या में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. यही कारण है कि भेड़ियों को संरक्षण के लिए अतिसंकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में शामिल किया गया है. कभी राजस्थान में 20000 से ज्यादा भेड़िए हुआ करते थे. लेकिन अब प्रदेश में मात्र 1200 भेड़िए ही बचे हैं. भारतीय भेड़िए को दुनिया के सबसे लुप्तप्राय और विकासवादी रूप से अलग भूरे या ग्रे भेड़िए की आबादी में से एक माना जाता है. भारतीय भेड़िए भारत और पाकिस्तान तक सीमित हैं. जहां इसके रहने वाले घास के मैदानों में बढ़ते इंसानी दखल और भूमि के उपयोग में बदलाव से खतरा पैदा हो गया.

उदयपुर. जिले के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में चार भेड़िए के बच्चों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई (Postmortem report of wolves pups) है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार इन चारों भारतीय भेड़ियों के बच्चों की मौत गर्मी के कारण हुई है. वहीं, एक अन्य भेड़िए के बच्चे की स्थिति फिलहाल ठीक बताई जा रही है.

बताया जाता है कि इन बच्चों को जहां रखा गया था, वहां पहाड़ी एरिया होने के कारण अन्य जगह की तुलना में पारा 6 से 8 डिग्री ज्यादा रहता है. इस विषय के विशेषज्ञों ने बताया कि चट्टानों से टकरा कर हवा सीधे फोल्डिंग एरिया को तपाती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चारों भेड़िए की मौत हीट स्ट्रोक से होने की पुष्टि हुई (Wolves pups death due to heat stroke in Udaipur) है. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इन बच्चों के लिए कूलर और पंखे की व्यवस्था भी की गई है. भेड़िए के पांचवें बच्चे की स्पेशल केयर की जा रही है. वन विभाग और चिकित्साकर्मी उसके स्वास्थ्य पर निगरानी रखे हुए है.

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दरअसल, सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क मैं चेन्नई के अरीगना अन्ना जूलॉजिकल पार्क से 22 फरवरी, 2021 को भारतीय भेड़िए का एक जोड़ा लाया गया था. इसमें नर की आयु 2 वर्ष 6 माह और मादा की आयु 3 वर्ष 2 माह थी. इन्हें बायोपार्क के डिस्प्ले एरिया में रखा गया था. मेटिंग कराने के उपरांत उदयपुर के इतिहास में पहली बार इस भारतीय भेड़िए ने 5 बच्चों को जन्म दिया था. वरिष्ठ पशु चिकित्सक और केयरटेकर इनकी निगरानी कर रहे थे.

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विलुप्त हो रहे हैं भेड़िए: देशभर में भेड़ियों की संख्या में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. यही कारण है कि भेड़ियों को संरक्षण के लिए अतिसंकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में शामिल किया गया है. कभी राजस्थान में 20000 से ज्यादा भेड़िए हुआ करते थे. लेकिन अब प्रदेश में मात्र 1200 भेड़िए ही बचे हैं. भारतीय भेड़िए को दुनिया के सबसे लुप्तप्राय और विकासवादी रूप से अलग भूरे या ग्रे भेड़िए की आबादी में से एक माना जाता है. भारतीय भेड़िए भारत और पाकिस्तान तक सीमित हैं. जहां इसके रहने वाले घास के मैदानों में बढ़ते इंसानी दखल और भूमि के उपयोग में बदलाव से खतरा पैदा हो गया.

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