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किसके सिर होगा वल्लभनगर का ताज: कांग्रेस की जीत या बीजेपी को मिलेगा मौका, रिलैक्स मूड में दिख रहे उम्मीदवार - वल्लभनगर सीट का चुनावी गणित

उपचुनाव का शोर थमने के बाद अब सभी प्रत्याशी रिलेक्स मोड में है. सभी पार्टियां अपने-अपने कार्यकर्ताओं के साथ वोटों का प्रतिशत निकालने में जुटी हैं. वल्लभनगर सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला है. हालांकि राजनीतिक जानकार कांग्रेस की जीत तय मान रहे हैं

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किसके सिर होगा वल्लभनगर का ताज
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Published : Oct 31, 2021, 6:18 PM IST

उदयपुर. प्रदेश की वल्लभनगर विधानसभा सीट पर शनिवार को उप चुनाव की वोटिंग खत्म हुई. जिसके बाद अब सभी उम्मीदवार रिलैक्स मूड में नजर आ रहे हैं. पिछले लंबे समय से चुनाव प्रचार करते हुए उम्मीदवारों ने अपने-अपने पक्ष में वोट की अपील की. तो वहीं दिन रात एक करते हुए जमकर पसीना भी बहाया. अब मतदान होने के बाद रविवार का पूरा दिन उम्मीदवारों ने पार्टी कार्यकर्ताओं और परिवार के साथ गुजारा है.

इस बार का मुकाबला वल्लभनगर में बेहद दिलचस्प देखने को मिल रहा है. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर 71.45 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस बार सबसे ज्यादा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस और जनता सेना के साथ आरएलपी में देखने को मिल रहा है. वल्लभनगर में कांग्रेस, भाजपा, जनता सेना और आरएलपी के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है.

पढ़ें- राठौड़ के सियासी कद को भाजपा नहीं करती स्वीकार, उनको बनाना चाहिए था प्रदेशाध्यक्ष, बन गए सतीश पूनिया: खाचरियावास

वल्लभनगर सीट कांग्रेस के पायलट कैंप के माने जाने वाले विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई थी. कांग्रेस ने गजेंद्र सिंह की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया. जिसकी प्रीति शक्तावत को सिम्पैथी भी मिल सकती है. यही वजह है कि कांग्रेस के मंत्री रिजल्ट आने से पहले ही भविष्यवाणी कर रहे वल्लभनगर भारी बहुमत से जीत रहे हैं.

पढ़ें- एक बार फिर राजस्थान आ रहे हैं अजय माकन, मंत्रिमंडल पुनर्गठन और विस्तार की चर्चा तेज

इस बार मतदाताओं ने बिल्कुल शांति से अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ऐसे में राजनीतिक पंडित कयास तो जरूर लगा रहे हैं. लेकिन इस बार हार जीत का फैसला कितना होगा, इस पर कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा है. इस बार वल्लभनगर के उपचुनाव के जो परिणाम निकल कर आएंगे. वह सियासी संदेश में प्रदेश के आगामी विधानसभा पर काफी असर डालने वाले होंगे. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस बार भी यहां चतुष्कोण मुकाबला नजर आ रहा है. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने चुनाव प्रचार के साथ ही सारी शक्ति झोंक दी थी. लेकिन अब चुनाव के संपन्न होने के बाद सब अपने-अपने वोटों और परसेंटेज के आधार पर गणित लगाने में जुटे हुए हैं.

उदयपुर. प्रदेश की वल्लभनगर विधानसभा सीट पर शनिवार को उप चुनाव की वोटिंग खत्म हुई. जिसके बाद अब सभी उम्मीदवार रिलैक्स मूड में नजर आ रहे हैं. पिछले लंबे समय से चुनाव प्रचार करते हुए उम्मीदवारों ने अपने-अपने पक्ष में वोट की अपील की. तो वहीं दिन रात एक करते हुए जमकर पसीना भी बहाया. अब मतदान होने के बाद रविवार का पूरा दिन उम्मीदवारों ने पार्टी कार्यकर्ताओं और परिवार के साथ गुजारा है.

इस बार का मुकाबला वल्लभनगर में बेहद दिलचस्प देखने को मिल रहा है. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर 71.45 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस बार सबसे ज्यादा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस और जनता सेना के साथ आरएलपी में देखने को मिल रहा है. वल्लभनगर में कांग्रेस, भाजपा, जनता सेना और आरएलपी के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है.

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वल्लभनगर सीट कांग्रेस के पायलट कैंप के माने जाने वाले विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई थी. कांग्रेस ने गजेंद्र सिंह की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया. जिसकी प्रीति शक्तावत को सिम्पैथी भी मिल सकती है. यही वजह है कि कांग्रेस के मंत्री रिजल्ट आने से पहले ही भविष्यवाणी कर रहे वल्लभनगर भारी बहुमत से जीत रहे हैं.

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इस बार मतदाताओं ने बिल्कुल शांति से अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ऐसे में राजनीतिक पंडित कयास तो जरूर लगा रहे हैं. लेकिन इस बार हार जीत का फैसला कितना होगा, इस पर कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा है. इस बार वल्लभनगर के उपचुनाव के जो परिणाम निकल कर आएंगे. वह सियासी संदेश में प्रदेश के आगामी विधानसभा पर काफी असर डालने वाले होंगे. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस बार भी यहां चतुष्कोण मुकाबला नजर आ रहा है. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने चुनाव प्रचार के साथ ही सारी शक्ति झोंक दी थी. लेकिन अब चुनाव के संपन्न होने के बाद सब अपने-अपने वोटों और परसेंटेज के आधार पर गणित लगाने में जुटे हुए हैं.

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