जयपुर: सुप्रीम कोर्ट ने अलवर के सरिस्का में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर होटल संचालित करने व अवैध तरीके से बिजली लेने से जुडे मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह व उनकी पत्नी अंबिका सिंह तथा राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख वित्त सचिव सहित दस से जवाब देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश सोमवार को अशोक पाठक की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के 15 सितंबर 2023 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ चार आपराधिक केस लंबित रहने के आधार पर उसकी इस मामले में दायर जनहित याचिका खारिज कर दी थी. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट एके शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट किसी मुद्दे पर दायर जनहित याचिका को केवल इस आधार पर खारिज नहीं कर सकता कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं और ऐसे में वह कैसे पीआईएल दायर कर सकता है.
जबकि उन सभी केसों में याचिकाकर्ता को पूर्व में ही बरी कर दिया गया था. ऐसे में हाईकोर्ट ने उसकी पीआईएल को गलत तरीके से खारिज किया है. इसलिए मामले में राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने भंवर जितेन्द्र सिंह सहित अन्य पक्षकारों से जवाब देने के लिए कहा है.
दरअसल, अशोक पाठक ने हाईकोर्ट के समक्ष पीआईएल में कहा था कि सरिस्का में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर होटल चलाया जा रहा है. वहीं, अवैध तौर पर उसमें शराब की सप्लाई भी की जा रही है. इसलिए हाईकोर्ट मामले में उचित निर्देश जारी करे.