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Sajjangarh Biological Park : टाइगर टी-104 की मौत, एक दिन पहले ही रणथम्भौर से किया गया था शिफ्ट

रणथम्भौर नेशनल पार्क से उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क शिफ्ट किए गए टाइगर की एक दिन बाद ही मौत हो गई है. मंगलवार को ही टाइगर को पार्क में शिफ्ट किया गया था.

Tiger dies in Sajjangarh Biological Park
Tiger dies in Sajjangarh Biological Park
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Published : May 10, 2023, 5:00 PM IST

Updated : May 10, 2023, 9:07 PM IST

उदयपुर. जिले के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से बुधवार को एक बुरी खबर सामने आई है. रणथम्भौर से बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए गए टाइगर टी-104 की बुधवार को मौत हो गई. टाइगर को मंगलवार को ही वन विभाग के अधिकारियों ने शिफ्ट किया था. टाइगर का पोस्टमार्टम करवाया गया है. वन विभाग के अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राज्य मंत्री राजीव अरोड़ा ने इस घटना पर वन विभाग और संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.

डीएफओ अजय चितौड़ा ने बताया कि रणथम्भौर से टी-104 टाइगर को मंगलवार को शिफ्ट किया गया था, लेकिन बुधवार को उसकी मौत हो गई. फिलहाल टाइगर का पोस्टमार्टम करवाकर शाम को 4 बजे उसका अंतिम संस्कार किया गया. गठित टीम की ओर से बताया गया कि टाइगर टी-104 में मल्टी ऑर्गन संक्रमण पाया गया. इसके सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भिजवाए जा रहे हैं. अब जांच रिपोर्ट आने के बाद टाइगर की मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा. टाइगर को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने के साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार रात को प्रेस रिलीज जारी की थी. बुधवार को टाइगर की अचानक मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है.

पढ़ें. बुरी खबर: नहीं रहा Tiger T57, 20 दिन से बीमार था 'सिंहस्थ'

कार्रवाई की मांग : राज्य मंत्री राजीव अरोड़ा ने आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में बाघ को दिन के समय अपने स्थान से करीब 700 किलोमीटर दूर बंद गाड़ी से शिफ्ट करने में लापरवाही की गई. प्रारंभिक रूप से यह संबंधित विभाग और अधिकारियों की असंवेदनशीलता और लापरवाही को दर्शाता है. अरोड़ा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी से आग्रह किया कि इस अति संवेदनशील विषय पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

3 लोगों को मौत के घाट उतार चुका था : दरअसल टाइगर टी-104 सवाई माधोपुर के रणथम्भौर नेशनल पार्क के एनक्लोजर में करीब साढ़े तीन साल से कैद था. तीन लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद टाइगर को कैद किया गया था. एनटीसीए से अनुमिति मिलने के बाद वन विभाग की टीम रणथम्भौर के खूंखार टाइगर टी-104 को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लेकर आई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने टाइगर को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने के दौरान उसे ट्रेंकुलाइज किया था. इसके बाद टाइगर का स्वास्थ्य परिक्षण किया गया. इसके बाद ही टाइगर टी-104 को पिंजरे में शिफ्ट कर दिया गया था.

उदयपुर. जिले के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से बुधवार को एक बुरी खबर सामने आई है. रणथम्भौर से बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए गए टाइगर टी-104 की बुधवार को मौत हो गई. टाइगर को मंगलवार को ही वन विभाग के अधिकारियों ने शिफ्ट किया था. टाइगर का पोस्टमार्टम करवाया गया है. वन विभाग के अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राज्य मंत्री राजीव अरोड़ा ने इस घटना पर वन विभाग और संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.

डीएफओ अजय चितौड़ा ने बताया कि रणथम्भौर से टी-104 टाइगर को मंगलवार को शिफ्ट किया गया था, लेकिन बुधवार को उसकी मौत हो गई. फिलहाल टाइगर का पोस्टमार्टम करवाकर शाम को 4 बजे उसका अंतिम संस्कार किया गया. गठित टीम की ओर से बताया गया कि टाइगर टी-104 में मल्टी ऑर्गन संक्रमण पाया गया. इसके सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भिजवाए जा रहे हैं. अब जांच रिपोर्ट आने के बाद टाइगर की मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा. टाइगर को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने के साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार रात को प्रेस रिलीज जारी की थी. बुधवार को टाइगर की अचानक मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है.

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कार्रवाई की मांग : राज्य मंत्री राजीव अरोड़ा ने आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में बाघ को दिन के समय अपने स्थान से करीब 700 किलोमीटर दूर बंद गाड़ी से शिफ्ट करने में लापरवाही की गई. प्रारंभिक रूप से यह संबंधित विभाग और अधिकारियों की असंवेदनशीलता और लापरवाही को दर्शाता है. अरोड़ा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी से आग्रह किया कि इस अति संवेदनशील विषय पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

3 लोगों को मौत के घाट उतार चुका था : दरअसल टाइगर टी-104 सवाई माधोपुर के रणथम्भौर नेशनल पार्क के एनक्लोजर में करीब साढ़े तीन साल से कैद था. तीन लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद टाइगर को कैद किया गया था. एनटीसीए से अनुमिति मिलने के बाद वन विभाग की टीम रणथम्भौर के खूंखार टाइगर टी-104 को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लेकर आई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने टाइगर को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने के दौरान उसे ट्रेंकुलाइज किया था. इसके बाद टाइगर का स्वास्थ्य परिक्षण किया गया. इसके बाद ही टाइगर टी-104 को पिंजरे में शिफ्ट कर दिया गया था.

Last Updated : May 10, 2023, 9:07 PM IST
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