उदयपुर. उदयपुर में सर्दी धीरे धीरे अपने तेवर दिखाने लगी है. मौसम परिवर्तन सभी जीवों पर असर डालता है. यही कारण है कि वन्यजीवों के लिए भी बायोलॉजिकल पार्क्स में कुछ बदलाव किए जाते हैं ताकि उन्हें तकलीफ न हों और वो सेहतमंद रहें. उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भी वन्यजीवों को सर्दी के कहर से बचाने के लिए डाइट प्लान किया गया है (Special Arrangements for Wildlife in winters). अलग-अलग जानवरों को अलग-अलग खुराक के अनुसार सर्दी की विशेष डाइट दी जा रही है. इसके अलावा उनके रहने की जगहों को भी सुविधा सम्पन्न बनाया जा रहा है.
वन्यजीवों के एंक्लोजर में घास बिछाने के साथ बड़े मोटे पर्दे भी लगाए जा रहे हैं (winter Shield for Wild Animals). जिससे वन्यजीवों को गमास मिलती रहे. वन्यजीवों की डाइट में इंसानों की तरह ही कुछ परिवर्तन किया गया है. तभी पूरी गर्मी आइसक्रीम खाने वाले भालू को अब सर्दी के इस मौसम में ठंड से बचाने के लिए उबले अंडे खिलाए जा रहे हैं.
सर्दी से बचाव ऐसे- नवंबर समाप्ति के साथ ही और सर्दी का सितम भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. वन विभाग ने सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों को तेज ठंड से बचाने के लिए अलग-अलग तरह के जतन शुरू किए हैं. वन्यजीवों के पिंजरो को शीट से ढका जा रहा है. शेर के पिंजरे में सूखी घास लगाने के साथ पिंजरों तक धूप पहुंच सके इसके लिए झाड़ियों की कटाई छंटाई की जा रही है.
बेजुबानों के लिए खास इंतजाम- पार्क में शेर, हिरण, पैंथर, हिरण, भालू सरीखे वन्यजीवों के लिए विशेष इंतजामात किए गए हैं. गाजर, अमरुद्ध, दूध दलिया संग अंडे भी परोसे जा रहे हैं. केयरटेकर बकायदगी से डाइट के साथ इनके Holding एरिया पर भी ध्यान दे रहे हैं. पिंजरे में बैठने के लिए सूखी घास फैलाई गई है. ध्यान इस बात पर भी है कि सूरज की रोशनी भी उस एरिया में उचित मात्रा पर इन पर पड़ती रहे. एंक्लोजर पर ग्रीन नेट लगाया गया है.
हैलोजन देगा गर्माहट- क्षेत्रीय गणेश गोठवाल ने बताया कि आहार के साथ ही पिंजरों को भीतर से गर्म रखने के लिए एक और व्यवस्था की गई है. सर्दी के सितम से बचाने के लिए वन्यजीवों के पिंजरों में हैलोजन लाइट्स की भी व्यवस्था की गई है. चूंकि एरिया खुला है यहां ठंड ज्यादा पड़ती है तो बेजुबानों के लिए व्यवस्था भी चाकचौबंद की गई है.