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Rajasthan assembly Election 2023 : मेवाड़ में बीजेपी अपनों की बगावत से परेशान,सीपी जोशी के क्षेत्र चितौड़ में आक्या ने दिखाए तेवर - Udaipur political drama

उदयपुर संभाग की कई विधानसभा सीटों पर विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं. दक्षिणी राजस्थान में सत्ता का रास्ता कहे जाने वाले मेवाड़ की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को बगावत का सामना करना पड़ रहा है.

Rajasthan assembly Election 2023
विधानसभा की सियासत
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 30, 2023, 4:48 PM IST

उदयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी प्रत्याशियों की दो सूची जारी कर चुकी है. इन सूचियों के आने के बाद प्रदेश में पार्टी के 'अपने' ही बागवत पर उतर आए हैं. एक तरफ सभी का कहना है कि हाई कमान के आदेशों की पालना की जाएगी, लेकिन दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर नेताओं का विरोध किया जा रहा है. भाजपा की दूसरी सूची आने के बाद उदयपुर संभाग के कई सीटों पर विरोध नजर आया है.

मेवाड़ में भाजपा के लिए अपने ही बने सिरदर्द: खासकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ में ही विरोध ज्यादा नजर आ रहा है. चितौड़ के अलावा राजसमंद, नाथद्वारा, उदयपुर शहर, झाडोल, सलूंबर में भी कैंडिडेट घोषित होने के बाद विरोधी मुखर हो रहे हैं, हालांकि बीजेपी इन नेताओं को मनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. स्थानीय स्तर जारी विरोध प्रत्याशियों के लिए भी सिरदर्द साबित हो रहे हैं. बता दें की सबसे ज्यादा विरोध भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के संसदीय क्षेत्र चित्तौड़ में नजर आ रहा है. यहां दो बार से विधायक रहे चंद्रभान सिंह आक्या को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है. टिकट कटने से आक्या के समर्थक नाराज हैं. उनके कार्यकर्ता और आक्या लगातार पार्टी आलाकमान के खिलाफ विरोध जाता रहे हैं. बीजेपी ने चितौड़ से पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को मैदान में उतारा है.

पढ़ें:Rajasthan Election : विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू, बड़े नेता शुभ मुहूर्त में करेंगे नामांकन

चंद्रभान कर रहे हैं लगातार चुनावी सभा: वहीं दूसरी ओर चित्तौड़ में उपजे विवाद को थामने के लिए भाजपा हर संभव कोशिश कर रही है. चंद्रभान सिंह अलग-अलग समाज और संगठनों के साथ चुनावी सभा कर रहे हैं. चंद्रभान और उनके समर्थकों का कहना है कि टिकट को लेकर पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए. वहीं भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ कर दिया है कि टिकट बदलाव बिलकुल नहीं होगा.

मेवाड़ की विधानसभा सीटों पर विरोध: राजसमंद विधानसभा सीट पर भी बीजेपी को कार्यकर्ताओं के बगावती मूड का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा ने इस बार फिर पूर्व मंत्री स्वर्गीय किरण माहेश्वरी की पुत्री दिप्ती माहेश्वरी को मैदान में उतारा है. टिकट ऐलान के बाद इलाके से दावेदारी कर रही है नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. यही स्थिति कुंभलगढ़ और नाथद्वारा में भी दिखाई दे रही है, जहां अपनों की ही बगावत सामने आ रही है. उदयपुर के झाड़ोल और सलूंबर में भी टिकट नहीं मिलने को लेकर कुछ दावेदार विरोध कर रहे हैं.

पढ़ें:Rajasthan Assembly Election 2023 : सोशल मीडिया पर ताकत दिखा रहे राजनीतिक दल, बढ़ा चुनावी प्रचार का ट्रेंड

उदयपुर शहर में विरोध: उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर भाजपा ने ताराचंद जैन को अपना उम्मीदवार बनाया है. उदयपुर नगर निगम में उप महापौर और भाजपा से टिकट के दावेदारी कर रहे पारस सिंघवी बगावत के मूड में है. सिंघवी का कहना है कि पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए जैन के अलावा किसी अन्य प्रत्याशी को पार्टी मौका देगी तो उनका विरोध नहीं रहेगा. बता दें कि इस सीट पर कई नेता दावेदारी कर रहे थे जिनमें भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, पारस सिंघवी, प्रमोद सामर और अन्य लोग शामिल थे, लेकिन पार्टी ने ताराचंद जैन को मैदान में उतार दिया. टिकट मिलने के बाद कई भाजपा कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी दिखाई दे रही है.

उदयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी प्रत्याशियों की दो सूची जारी कर चुकी है. इन सूचियों के आने के बाद प्रदेश में पार्टी के 'अपने' ही बागवत पर उतर आए हैं. एक तरफ सभी का कहना है कि हाई कमान के आदेशों की पालना की जाएगी, लेकिन दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर नेताओं का विरोध किया जा रहा है. भाजपा की दूसरी सूची आने के बाद उदयपुर संभाग के कई सीटों पर विरोध नजर आया है.

मेवाड़ में भाजपा के लिए अपने ही बने सिरदर्द: खासकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ में ही विरोध ज्यादा नजर आ रहा है. चितौड़ के अलावा राजसमंद, नाथद्वारा, उदयपुर शहर, झाडोल, सलूंबर में भी कैंडिडेट घोषित होने के बाद विरोधी मुखर हो रहे हैं, हालांकि बीजेपी इन नेताओं को मनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. स्थानीय स्तर जारी विरोध प्रत्याशियों के लिए भी सिरदर्द साबित हो रहे हैं. बता दें की सबसे ज्यादा विरोध भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के संसदीय क्षेत्र चित्तौड़ में नजर आ रहा है. यहां दो बार से विधायक रहे चंद्रभान सिंह आक्या को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है. टिकट कटने से आक्या के समर्थक नाराज हैं. उनके कार्यकर्ता और आक्या लगातार पार्टी आलाकमान के खिलाफ विरोध जाता रहे हैं. बीजेपी ने चितौड़ से पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को मैदान में उतारा है.

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चंद्रभान कर रहे हैं लगातार चुनावी सभा: वहीं दूसरी ओर चित्तौड़ में उपजे विवाद को थामने के लिए भाजपा हर संभव कोशिश कर रही है. चंद्रभान सिंह अलग-अलग समाज और संगठनों के साथ चुनावी सभा कर रहे हैं. चंद्रभान और उनके समर्थकों का कहना है कि टिकट को लेकर पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए. वहीं भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ कर दिया है कि टिकट बदलाव बिलकुल नहीं होगा.

मेवाड़ की विधानसभा सीटों पर विरोध: राजसमंद विधानसभा सीट पर भी बीजेपी को कार्यकर्ताओं के बगावती मूड का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा ने इस बार फिर पूर्व मंत्री स्वर्गीय किरण माहेश्वरी की पुत्री दिप्ती माहेश्वरी को मैदान में उतारा है. टिकट ऐलान के बाद इलाके से दावेदारी कर रही है नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. यही स्थिति कुंभलगढ़ और नाथद्वारा में भी दिखाई दे रही है, जहां अपनों की ही बगावत सामने आ रही है. उदयपुर के झाड़ोल और सलूंबर में भी टिकट नहीं मिलने को लेकर कुछ दावेदार विरोध कर रहे हैं.

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उदयपुर शहर में विरोध: उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर भाजपा ने ताराचंद जैन को अपना उम्मीदवार बनाया है. उदयपुर नगर निगम में उप महापौर और भाजपा से टिकट के दावेदारी कर रहे पारस सिंघवी बगावत के मूड में है. सिंघवी का कहना है कि पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए जैन के अलावा किसी अन्य प्रत्याशी को पार्टी मौका देगी तो उनका विरोध नहीं रहेगा. बता दें कि इस सीट पर कई नेता दावेदारी कर रहे थे जिनमें भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, पारस सिंघवी, प्रमोद सामर और अन्य लोग शामिल थे, लेकिन पार्टी ने ताराचंद जैन को मैदान में उतार दिया. टिकट मिलने के बाद कई भाजपा कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी दिखाई दे रही है.

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