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गहलोत बोले- 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में लिप्त पाए गए, सरकार और प्रशासन नहीं है गंभीर - ADDICTION IN YOUTH

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नशे के बढ़ते चलन पर जताई चिंता. कह दी ये बड़ी बात. यहां जानिए पूरा मामला...

Ashok Gehlot
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 22, 2025, 5:55 PM IST

जयपुर: देश और प्रदेश में नशे के बढ़ते चलन पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 5 साल में राजस्थान में 50 पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में लिप्त पाए गए हैं. यह गंभीर है. नशे के बढ़ते खेल के पीछे प्रशासन और सरकार का इस ओर बेहद गंभीर न होना है. अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, पूरे देश में नशे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. पहले आमतौर पर कॉलेज में जाने पर बच्चों का नशे के प्रति रुझान दिख सकता था, लेकिन अब स्कूली बच्चों से बात करने पर पता चलता है कि अब स्कूल भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं. 10वीं, 12वीं के बच्चे भी शराब और ड्रग्स की ओर बढ़ रहे हैं. बच्चों द्वारा हर छोटे-बड़े सेलिब्रेशन में शराब का सेवन किया जा रहा है, जो पूरे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

युवा फंस रहे चंगुल में, बर्बाद हो रही नई पीढ़ी : गहलोत ने कहा कि नशे के बढ़ते खेल के पीछे वजह प्रशासन और सरकार का इस ओर बेहद गंभीर न होना, पुलिस की इस व्यापार में शामिल लोगों के साथ संलिप्तता तथा पैरेंट्स के पास बच्चों के लिए पर्याप्त समय न होना है. राजस्थान की ही बात करें तो 5 साल में 50 से अधिक पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में शामिल पाए गए हैं. ड्रग्स पर प्रतिबंध के कानून हैं एवं सजा का भी प्रावधान है लेकिन ट्रायल का लंबा समय, सबूतों का अभाव जैसी वजहों से आरोपी छूट जाते हैं. एमडीएमए टैबलेट जैसे ड्रग्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं और हमारी नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है.

युवाओं की बेहतरी के लिए की सख्ती, विरोध हुआ : उन्होंने कहा कि दो साल पहले उन्होंने देशभर में बढ़ रहे क्लब और पब कल्चर के बारे में बयान दिया और इन पर सख्ती की तो उनका काफी विरोध हुआ, लेकिन इरादा युवाओं की बेहतरी का रहा. नशे की लत ऐसी ही होती है, जिसमें नशा करने वाले व्यक्ति को मना करने या सही राह दिखाने पर वो विरोध करता है. हम सभी को सरकार एवं समाज दोनों के तौर पर ये सोचना होगा कि क्या पैसा कमाना, स्वयं के लिए सुख-सुविधाएं जुटाते रहना या अन्य प्राथमिकताएं हमारे बच्चों के भविष्य से अधिक जरूरी हैं?

पढ़ें : चित्तौड़गढ़ में ट्रक से पकड़ा 1.25 करोड़ का डोडा चूरा, एक आरोपी गिरफ्तार - CHITTORGARH POLICE ACTION

इन चार जिलों में ज्यादा फैला नशे का कारोबार : गहलोत बोले- क्या इसको लेकर कोई प्रभावी कार्रवाई हम नहीं कर सकते? वैसे तो ये समस्या पूरे प्रदेश में ही फैलती जा रही है, लेकिन गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर में तस्कर गैंग सक्रिय रूप से नशे का कारोबार चला रहे हैं. हमारे समय लगातार इन पर कार्रवाई की गईं थी. अब राजस्थान सरकार को विशेष तौर पर इन इलाकों पर फोकस कर कार्रवाई करनी चाहिए. जिससे युवाओं के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके.

जयपुर: देश और प्रदेश में नशे के बढ़ते चलन पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 5 साल में राजस्थान में 50 पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में लिप्त पाए गए हैं. यह गंभीर है. नशे के बढ़ते खेल के पीछे प्रशासन और सरकार का इस ओर बेहद गंभीर न होना है. अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, पूरे देश में नशे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. पहले आमतौर पर कॉलेज में जाने पर बच्चों का नशे के प्रति रुझान दिख सकता था, लेकिन अब स्कूली बच्चों से बात करने पर पता चलता है कि अब स्कूल भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं. 10वीं, 12वीं के बच्चे भी शराब और ड्रग्स की ओर बढ़ रहे हैं. बच्चों द्वारा हर छोटे-बड़े सेलिब्रेशन में शराब का सेवन किया जा रहा है, जो पूरे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

युवा फंस रहे चंगुल में, बर्बाद हो रही नई पीढ़ी : गहलोत ने कहा कि नशे के बढ़ते खेल के पीछे वजह प्रशासन और सरकार का इस ओर बेहद गंभीर न होना, पुलिस की इस व्यापार में शामिल लोगों के साथ संलिप्तता तथा पैरेंट्स के पास बच्चों के लिए पर्याप्त समय न होना है. राजस्थान की ही बात करें तो 5 साल में 50 से अधिक पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में शामिल पाए गए हैं. ड्रग्स पर प्रतिबंध के कानून हैं एवं सजा का भी प्रावधान है लेकिन ट्रायल का लंबा समय, सबूतों का अभाव जैसी वजहों से आरोपी छूट जाते हैं. एमडीएमए टैबलेट जैसे ड्रग्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं और हमारी नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है.

युवाओं की बेहतरी के लिए की सख्ती, विरोध हुआ : उन्होंने कहा कि दो साल पहले उन्होंने देशभर में बढ़ रहे क्लब और पब कल्चर के बारे में बयान दिया और इन पर सख्ती की तो उनका काफी विरोध हुआ, लेकिन इरादा युवाओं की बेहतरी का रहा. नशे की लत ऐसी ही होती है, जिसमें नशा करने वाले व्यक्ति को मना करने या सही राह दिखाने पर वो विरोध करता है. हम सभी को सरकार एवं समाज दोनों के तौर पर ये सोचना होगा कि क्या पैसा कमाना, स्वयं के लिए सुख-सुविधाएं जुटाते रहना या अन्य प्राथमिकताएं हमारे बच्चों के भविष्य से अधिक जरूरी हैं?

पढ़ें : चित्तौड़गढ़ में ट्रक से पकड़ा 1.25 करोड़ का डोडा चूरा, एक आरोपी गिरफ्तार - CHITTORGARH POLICE ACTION

इन चार जिलों में ज्यादा फैला नशे का कारोबार : गहलोत बोले- क्या इसको लेकर कोई प्रभावी कार्रवाई हम नहीं कर सकते? वैसे तो ये समस्या पूरे प्रदेश में ही फैलती जा रही है, लेकिन गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर में तस्कर गैंग सक्रिय रूप से नशे का कारोबार चला रहे हैं. हमारे समय लगातार इन पर कार्रवाई की गईं थी. अब राजस्थान सरकार को विशेष तौर पर इन इलाकों पर फोकस कर कार्रवाई करनी चाहिए. जिससे युवाओं के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके.

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