उदयपुर. मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार का संपत्ति विवाद एक बार फिर सुर्खियों में देखने (property dispute of former royal family of Mewar) को मिल रहा है. मेवाड़ राज परिवार के पूर्व सदस्य ने G 20 की शिखर सम्मेलन शेरपा बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री को एक पत्र लिखा है. यह पत्र अब सुर्ख़ियों में छाया हुआ है. इसमें मेवाड़ राज परिवार के पूर्व सदस्य ने G 20 के आयोजन (G 20 summit Sherpa meeting in udaipur) को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है.
दरअसल झीलों की नगरी उदयपुर में भारत की अध्यक्षता में पहली बार होने वाली G 20 शिखर सम्मेलन की शेरपा बैठक 5 से 7 दिसंबर आयोजित होने जा रही है. कार्यक्रम को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं. लेकिन इस बीच इस बैठक को लेकर अब एक नया विवाद भी खड़ा हो गया है. इस बैठक के आयोजन स्थल को लेकर पूर्व मेवाड़ राज परिवार के सदस्य ने (Objection to venue of G 20) सवाल उठाए हैं.
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दरअसल महेंद्र सिंह मेवाड़ के पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ ने उदयपुर में होने वाली G 20 की पहली शेरपा बैठक (Vishwaraj Singh Mewar letter to pm) को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने सिटी पैलेस में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को स्थगित करने की मांग की है.
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार का संपत्ति विवाद बहुत पुराना है जो कि अभी न्यायालय में चल रहा है. लेकिन इस बीच उदयपुर में आयोजित होने वाली G 20 शिखर सम्मेलन शेरपा बैठक के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के कुछ स्थानों को भी कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया था. इसे लेकर विश्वराज सिंह मेवाड़ ने आयोजन स्थल को लेकर बाकायदा प्रधानमंत्री मोदी को और अन्य लोगों को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है.
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विश्वराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि यह आयोजन सिटी पैलेस के स्थानों पर नहीं होना चाहिए क्योंकि मामला न्यायालय की अधीन है. इसमें शेरपा बैठक के लिए सिटी पैलेस में जो आयोजन स्थल बनाए जा रहे हैं वे हिंदू संयुक्त परिवार (एचयूएफ) की सम्पत्ति के रूप में मानी गई है. मेरे पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ हमारे परिवार के वर्तमान मुखिया है. सिटी पैलेस, दरबार हॉल, माणक चौक आदि स्थल एचयूएफ (HUF) की संपत्तियां हैं जिसको लेकर पारिवारिक मुकदमेबाजी बरसों से चली आ रही है. एचयूएफ की स्थिति को विभिन्न कराधान अधिकारियों और जोधपुर के समक्ष अन्य कार्रवाई में भी स्वीकार किया गया है. उन्होंने पत्र में कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वे उन कार्यालयों की गरिमा की रक्षा करें जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें कम से कम निर्णय के अधीन रहकर न्याय करने के साथ ही अत्यधिक विवादास्पद मामलों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
पत्र जारी होने के बाद उठ रहे सवाल...
G 20 की शिखर सम्मेलन शेरपा बैठक को लेकर उदयपुर के सिटी पैलेस में भी कई स्थानों पर कुछ कार्यक्रम होने हैं. मेवाड़ राज परिवार के पूर्व सदस्य की ओर से प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य लोगों को पत्र लिखे जाने के बाद अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अब यह आयोजन सिटी पैलेस में किया जाएगा या फिर इसके लिए कोई और अन्य स्थान देखना होगा.
पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है. 22 अप्रैल 1983 को दायर हमारे परिवार के विभाजन वाद 14/11 में जिला न्यायालय उदयपुर ने 30 जून 2020 के आदेश में इसे पारिवारिक संपत्ति हिंदू संयुक्त परिवार (एचयूएफ) के रूप में संज्ञा दी गई जिससे सब अवगत हैं. इसके बाद जोधपुर हाईकोर्ट के समक्ष अपील लंबित है, जिसमें यथास्थिति के आदेश जारी हैं. इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए था कि वाणिज्यिक और अन्य संस्थाओं की ओर से कुछ संपत्तियों के हस्तांतरण और उपयोग को लेकर चुनौती दी गई है, जबकि कुछ संपत्तियों को सभी पक्षों ने स्वीकार किया है. किसी भी इकाई को हस्तांतरित नहीं किया गया है.
पुराना है मेवाड़ पूर्व राजपरिवार का संपत्ति विवाद
पिछले 39 सालों से मेवाड़ पूर्व राजपरिवार का संपत्ति विवाद न्यायालय में चल रहा है. यह पूरा विवाद उदयपुर के सिटी पैलेस से जुड़ी हुई अलग-अलग प्रॉपर्टी पर है. इसमें राजघराने की शाही पैलेस, शंभू निवास, बड़ी पाल और घास घर शामिल है.ऐसे में करोड़ों रुपए की बेशकीमती इस जमीन को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहा है.जानकारी में सामने आया कि 1955 से 1983 तक मेवाड़ राजघराने की सारी संपत्ति भगवत सिंह के पास रही.भगवत सिंह के दो बेटे महेंद्र सिंह और अरविंद सिंह, एक बेटी योगेक्षरी है.जिनमें अलग-अलग संपत्तियों को लेकर विवाद फ़िलहाल न्यायालय में चल रहा है.