चूरू. जयपुर जाने वाले रास्ते पर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए ओवर ब्रिज पर केवल कार और बाइक चलाने की अनुमति है. जबकि इस ओवर ब्रिज के पास की अग्रसेन कॉलोनी जो की रिहायशी कॉलोनी है यहां से सरपट दिन रात बस और ट्रक दौड़ रहे हैं. पिछले 9 महीने से इस ओवर ब्रिज पर बड़े वाहनों की एंट्री पर रोक है. जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से यह ओवर ब्रिज बेकार साबित हो रहा है यानी कि इस रेलवे ओवरब्रिज को जिस मकसद से बनाया गया था वह पूरा नहीं हो रहा है.
पिछले साल सितंबर में टूटा था यह ओवर ब्रिज:
पिछले साल 26 सितंबर 2018 को ब्रिज टूट गया था इसके बाद प्रशासन ने इस ब्रिज से वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी थी. करीब एक महीने बाद यहां से छोटे वाहनों को एंट्री की अनुमति दे दी गई लेकिन 9 महीने बाद भी बड़े वाहनों को यहां से आवागमन की अनुमति नहीं दी गई है.
2010 में लोकार्पण 2013 में काम शुरू:
इस ब्रिज का निर्माण 2010 में आरयूआईडीपी ने शुरू किया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका शिलान्यास किया था. 2013 में चूरू-जयपुर रूट पर इस ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ था.
भारी वाहनों के आवागमन से अग्रसेन कॉलोनी की वाशिंदे परेशान:
अभी सभी बड़े वाहन बस और ट्रक अग्रसेन कॉलोनी के बीच से सरपट दौड़ रहे हैं. रोजाना करीब 100 बसें और सैकड़ों ट्रक गुजरते हैं रिहायशी कॉलोनी होने से इस कॉलोनी की सड़क भी टूट रही है. वहीं दुर्घटना का अंदेशा भी बना रहता है. इस कॉलोनी में करीब 500 मकान हैं और दूसरी कॉलोनियां भी जुड़ी हुई है.
इस मामले में कलेक्टर संदेश नायक का कहना है कि रेलवे ओवर ब्रीज पर भारी वाहनों का प्रवेश बंद है. ऐसे में यह वाहन रिहायशी कॉलोनी से गुजर रहे हैं. इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता को पत्र लिखा है. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया कि ब्रीज की मरम्मत और क्षमता जांचे लेकिन कोई कार्यवाही नहीं करने पर एसीएस को पत्र लिखा है.