जोधपुर: प्रदेश में पेपर लीक और भर्ती परीक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाली भाजपा के मंत्री अब एसआई भर्ती परीक्षा को रदृ करने के सवाल से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे सरकार के लिए यह भर्ती गले की फांस बन गई है. जब इस भर्ती में अनुचित कामों से चयनित एसआई की एसओजी ने पोल खोलनी शुरू की तो खुद सीएम व मंत्री बखान करते कहते थे किसी को भी नहीं छोड़ेंगे.
वहीं, इस मामले में जब 40 आरोपियों को सरकार निलंबित कर चुकी है, बावजूत इसके सरकार भर्ती रद्द करने से पीछे हट रही है. शुक्रवार को जोधपुर आए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सरकार के कामों को तो जोरदार तरीके से गिनाया, लेकिन ज्योंही एसआई भर्ती पर बोलने के लिए कहा गया तो वे पीछे हट गए. विधि मंत्री जोगाराम पटेल मामला न्यायालय में विचारधीन है, कहते-कहते उप मुख्यमंत्री के साथ निकल गए. उप मुख्यमंत्री जोधपुर में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 63वें प्रदेश अधिवेशन में शामिल होने आए थे. एयरपोर्ट से वे सीधे मारवाड़ इंटरनेशल सेंटर गए.
अब विपक्ष के निशाने पर : एसआई भर्ती में 40 चयनित और उनके 37 सहयोगियों को एसओजी ने पकडा था. हाईकोर्ट से जमानत के बाद वे फिर ट्रेनिंग में शामिल हो गए. उसके बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली, जिसके बाद उनको रेंज आवंटित कर दी गई, लेकिन इसके साथ संबंधित रेंज आईजी ने ऐसे एसआई को निलंबित कर दिया. सरकार द्वारा इस पर निर्णय नहीं लेने से विपक्ष भी मुखर है. सचिन पायलट इसको लेकर कह चुके हैं कि सरकार कंफ्यूज है. निर्णय नहीं ले पा रही है, जबकि सरकार में शामिल मंत्री ही इसे रदृ करने की वकालत कर चुके हैं.