टोंक. कोरोना को लेकर विश्व भर में बचाव और राहत के साथ जन-जागृति अभियानों के बीच राजस्थान में धारा 144 लगाई गई है. उसके बाद टोंक में भी विदेश से लौट रहे यात्रियों को जांच के लिए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी बीच टोंक जिला कलेक्टर ने एक चिट्ठी लिखकर जिले के जनप्रतिनिधियों से कोरोना को लेकर जनजागृति अभियान चलाने और आगे आने की अपील की है. साथ ही टोंक में धारा 144 लगने के बाद भी जारी CAA के विरोध में धरने को हटाने के लिए भी पुलिस को आदेश दिए हैं.
प्रदेश में काेराेना वायरस के तीन और ताजा मामले सामने आने के साथ ही राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लगाई गई है. उसके बाद टोंक जिले में विदेशों से आये 37 लोगों पर खास नजर है और उनमें से 8 को आइसोलेशन में रखा गया है. खुद जिला कलेक्टर ने मेडिकल सुविधाओं और आइसोलेशन वार्ड की स्थापना के बाद मेडिकल विभाग को अलर्ट पर रखकर खुद इसकी निगरानी करने के साथ ही एक पत्र भी जिले के जन प्रतिनिधियों और जनता के नाम लिखा है. जिसमें जनप्रतिनिधियों से कोरोना को लेकर जनजागृति अभियान चलाने और आगे आने की अपील की है.
इसी बीच टोंक के नगर फोर्ट में इंडोनेशिया विदेश से हनीमून से लौटे जोड़े में संदिग्ध लक्षण देखते हुए प्रसाशन अलर्ट पर आ गया है. जिन्हें टोंक या जयपुर शिफ्ट करने की कयावद शुरू हो गई है. बता दें कि चिकित्सा विभाग भी कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क है. कोरोना से बचने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है.
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टोंक पीएमओ नवींद्र पाठक का कहना है कि जिले अब तक करीब 37 विद्यार्थी चीन के विभिन्न प्रान्तों में रहकर लौटे हैं. जिनकी पूरी तरह से जांच की गई है. 28 दिन तक इनको घर से बाहर नहीं निकलने की एडवाइजरी भी दी गई. इन विद्यार्थियों में से किसी भी छात्र की कोरोना वायरस से पॉजीटिव होने की पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि जिले के समस्त निजी चिकित्सालयों और राजकीय चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को संदिग्ध रोगी पाए जाने पर जिला स्तर पर इसकी सूचना देने के लिए पाबंद किया गया है. इसको लेकर सआदत अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है.