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बाजरे की एमएसपी खरीद पर बवाल: कांग्रेस का भजनलाल सरकार पर निशाना - UPROAR OVER MSP PURCHASE OF MILLET

पूर्व सीएम अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली ने बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं करने पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.

Congress targets BJP Government
कांग्रेस का भजनलाल सरकार पर निशाना (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 22, 2025, 8:41 PM IST

जयपुर: बाजरे के समर्थन मूल्य पर खरीद के मुद्दे को लेकर एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इस साल भी सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं करने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की भजनलाल सरकार को आड़े हाथों लिया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीदारी को लेकर बयान में सरकार की खिंचाई की है.

दरअसल, राजस्थान बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद का वादा किया था. केंद्र सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 2,625 रुपए तय कर दिया है. हालांकि, प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं की जाएगी. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज को श्रीअन्न के रूप में प्रचारित कर रहे हैं.

पढ़ें: जयपुर में किसानों का प्रदर्शन, एमएसपी पर कानून और अन्य मांगें उठाईं, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - FARMERS PROTEST IN JAIPUR

जुमला बन गई मोदी की गारंटी-गहलोत: अशोक गहलोत ने कहा, भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में पेज संख्या 20 पर वादा किया था कि राजस्थान में सरकार आने पर ज्वार एवं बाजरा की खरीद एमएसपी पर की जाएगी. लेकिन विधानसभा में एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया है कि राजस्थान सरकार बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं करेगी. भाजपा सरकार किसानों को 12,000 रुपए प्रतिवर्ष किसान सम्मान निधि देने, गेहूं की खरीद 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर करने जैसे वादों से पहले ही मुकर चुकी है. इसी कड़ी में अब किसानों के साथ धोखाधड़ी करते हुए बाजरे की एमएसपी पर खरीद के झूठ का पर्दाफाश हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी जुमला बन चुकी है.

किसानों से अधिकार छीनना भाजपा की नीति-डोटासरा: गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, किसानों को 'झटका' देना, प्रताड़ित करना एवं उनके अधिकारों को छीनना भाजपा सरकारों की अघोषित नीति रही है. राजस्थान में सत्ता में आने से पहले भाजपा ने एमएसपी पर बाजरा खरीद का वादा किया था लेकिन अब वादाखिलाफी करके उन्हें धोखा दे रही है. वे बोले, भाजपा का दोहरा मापदंड देखिए... एक तरफ केंद्र सरकार श्रीअन्न योजना में मोटे अनाज को बढ़ावा देने का दावा कर रही है. जबकि दूसरी ओर राज्य की भाजपा सरकार बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से इनकार कर रही है.

पढ़ें: एमएसपी की मांग को लेकर 29 को बंद रहेंगे 45 हजार गांव, उत्पाद लेकर शहर नहीं जाएंगे किसान - 45000 VILLAGES CLOSED ON JAN 29

भाजपा सरकार का क्रूर मजाक सहन नहीं-जूली: टीकाराम जूली बोले, राजस्थान के किसानों के साथ भाजपा सरकार का यह क्रूर मजाक अब और सहन नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा बाजरे का समर्थन मूल्य 2,625 रुपए तय करने के बावजूद भाजपा सरकार ने बाजरे की एमएसपी पर खरीद से इंकार कर दिया है. यह कदम केवल किसानों के अधिकारों पर हमला नहीं है, बल्कि उनकी मेहनत और संघर्ष का अपमान भी है. भाजपा सरकार का यह निर्णय स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वह किसानों के प्रति कितनी उदासीन और संवेदनहीन है. 'योजनाओं में डिमांड नगण्य' का बहाना देकर सरकार ने प्रदेश के लाखों किसानों को उनके हक से वंचित कर दिया है. बाजरे की खरीद में 42 फीसदीकी गिरावट यह साबित करती है कि भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने की सोची-समझी साजिश रच रही है.

जयपुर: बाजरे के समर्थन मूल्य पर खरीद के मुद्दे को लेकर एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इस साल भी सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं करने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की भजनलाल सरकार को आड़े हाथों लिया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीदारी को लेकर बयान में सरकार की खिंचाई की है.

दरअसल, राजस्थान बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद का वादा किया था. केंद्र सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 2,625 रुपए तय कर दिया है. हालांकि, प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं की जाएगी. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज को श्रीअन्न के रूप में प्रचारित कर रहे हैं.

पढ़ें: जयपुर में किसानों का प्रदर्शन, एमएसपी पर कानून और अन्य मांगें उठाईं, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - FARMERS PROTEST IN JAIPUR

जुमला बन गई मोदी की गारंटी-गहलोत: अशोक गहलोत ने कहा, भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में पेज संख्या 20 पर वादा किया था कि राजस्थान में सरकार आने पर ज्वार एवं बाजरा की खरीद एमएसपी पर की जाएगी. लेकिन विधानसभा में एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया है कि राजस्थान सरकार बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं करेगी. भाजपा सरकार किसानों को 12,000 रुपए प्रतिवर्ष किसान सम्मान निधि देने, गेहूं की खरीद 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर करने जैसे वादों से पहले ही मुकर चुकी है. इसी कड़ी में अब किसानों के साथ धोखाधड़ी करते हुए बाजरे की एमएसपी पर खरीद के झूठ का पर्दाफाश हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी जुमला बन चुकी है.

किसानों से अधिकार छीनना भाजपा की नीति-डोटासरा: गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, किसानों को 'झटका' देना, प्रताड़ित करना एवं उनके अधिकारों को छीनना भाजपा सरकारों की अघोषित नीति रही है. राजस्थान में सत्ता में आने से पहले भाजपा ने एमएसपी पर बाजरा खरीद का वादा किया था लेकिन अब वादाखिलाफी करके उन्हें धोखा दे रही है. वे बोले, भाजपा का दोहरा मापदंड देखिए... एक तरफ केंद्र सरकार श्रीअन्न योजना में मोटे अनाज को बढ़ावा देने का दावा कर रही है. जबकि दूसरी ओर राज्य की भाजपा सरकार बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से इनकार कर रही है.

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भाजपा सरकार का क्रूर मजाक सहन नहीं-जूली: टीकाराम जूली बोले, राजस्थान के किसानों के साथ भाजपा सरकार का यह क्रूर मजाक अब और सहन नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा बाजरे का समर्थन मूल्य 2,625 रुपए तय करने के बावजूद भाजपा सरकार ने बाजरे की एमएसपी पर खरीद से इंकार कर दिया है. यह कदम केवल किसानों के अधिकारों पर हमला नहीं है, बल्कि उनकी मेहनत और संघर्ष का अपमान भी है. भाजपा सरकार का यह निर्णय स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वह किसानों के प्रति कितनी उदासीन और संवेदनहीन है. 'योजनाओं में डिमांड नगण्य' का बहाना देकर सरकार ने प्रदेश के लाखों किसानों को उनके हक से वंचित कर दिया है. बाजरे की खरीद में 42 फीसदीकी गिरावट यह साबित करती है कि भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने की सोची-समझी साजिश रच रही है.

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