टोंक. जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने टोंक पंचायत समिति की ग्राम पंचायत दाखियां, भरनी और डारडाहिंद में चारागाह विकास कार्यों का निरीक्षण किया. उन्होंने दाखियां ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि में आंवला, नीबू, अमरूद के विकसित किए गए फलदार पौधों को देखकर प्रसन्नता जाहिर की. साथ ही दाखियां सरपंच को अन्य पांच ग्राम पंचायतों के सरपंचों को भी इस तरह की चारागाह भूमि विकसित करने के लिए प्रेरित किया.
जिला कलेक्टर ने चारागाह भूमि पर औषधीय पौधे एवं सब्जियां लगाने पर दिया जोर
जिला कलेक्टर ने दाखिया में आईएलआई (खांसी, जुकाम, बुखार) मरीजों के डोर-टू-डोर सर्वे कार्य की समीक्षा की. सर्वे कार्य पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि आईएलआई के मरीजो को डोर-टू-डोर सर्वे कर रही टीमों द्वारा प्रारभिक अवस्था में ही चिन्हित कर लिया जाए तो सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को गभीर अवस्था में पहुंचने से रोका जा सकता है. सर्वे टीमों की ओर से आईएलआई के मरीज चिन्हित करने के बाद मेडिकल किट देने से मरीजों को समय पर उपचार मिल जाता है. जिला कलेक्टर ने कोविड-19 के पश्चात होने वाले ब्लैक फंगस के बारे में भी लोगों को अधिकाधिक जागरूक करने के निर्देश दिए.
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टोंक कलेक्टर ने ग्राम पंचायत भरनी में मॉडल तालाब एवं डारडाहिंद में चारागाह विकास कार्य का निरीक्षण किया. डारडाहिंद में चारागाह भूमि पर लगाए गए पौधों को जीवित रखने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए. उन्होंने ग्राम पंचायत स्थित कपीला गौषाला का भी अवलोकन किया.