टोंक. भले ही पिछले एक-दो दिनों में राजस्थान में मौसम ने करवट ली और कुछ शहरों में बारिश होने से लोगों को गर्मी से थोड़ी बहुत राहत मिल गई हो. लेकिन इससे पहले तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही थी और मौसम में इस आंशिक राहत के बाद आने वाले दिनो में भी गर्मी तेजी से बढ़ेगी. इसलिए बाजारों में मिट्टी के बर्तन की दुकानें सज चुकी है.
मिट्टी के बर्तनों में खासकर मटकी गर्मी के दिनों में कई घरों में फ्रिज के एक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. गरीबों को ठंडा पानी उपलब्ध कराने वाली मिट्टी की मटकी इन दिनों खूब बिक रही है. इसकी बिक्री देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मी अपना प्रकोप दिखाने लगी है. करीब 50-60 रुपयों में बाजार में बिकने वाली मिट्टी की मटकी की बिक्री शहरों से कहीं अधिक ग्रामीण क्षेत्रो में उपयोग में लाई जाती है और इसे बनाने वाले कुंभकारों के लिए ये मिट्टी के बर्तन ही उनकी आजीविका का साधन होते हैं.
घरेलू उपयोग में काम आने वाले मिट्टी के ये बर्तन गर्मी के इस मौसम में काफी लाभदायक माने जाते हैं और गर्मी के बावजूद घर मे फ्रिज न होने पर भी खाने पीने के सामान को खराब होने से बचाकर रखते हैं. लेकिन इस कार्य से जुड़े लोगों की पीड़ा ये भी है कि आधुनिकता की दौड़ में अभी भी आजीविका का साधन तो है, लेकिन साल भर की रोटी नहीं देता है. यही कारण है कि कुंभकारों की अगली पीढ़ी रोजगार की तलाश में बाहर निकल रही है.