देवली (टोंक). जिस तरह कोरोना वायरस पूरे प्रदेश में पैर पसार रहा है, उसी प्रकार टिड्डी दल भी प्रदेश के हर जिले में अपनी दस्तक दे रहा है. टिड्डी दल ने अब तक राजस्थान के कई जिले अपनी चपेट में ले लिया है. टोंक के देवली उपखंड के आंवा क्षेत्र में टिड्डी दलों के प्रवेश करने से कृषि विभाग के अधिकारियों और किसानों की नींद उड़ गई है. वहीं, किसानों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया.
क्षेत्र में टिड्डी दल के प्रवेश करने की सूचना पर सहायक कृषि अधिकारी अनवर हुसैन कृषि पर्यवेक्षक देवलाल गुर्जर, घीसा लाल बलाई, सेवा लाल मीणा, धनराज मीना, कृषक मित्र रमेश भील, जगदीश जाट सहीत कई लोगों ने ने सुबह 4 बजे से अभियान चलाकर लेमडा (Lemada), साईक्लोथरीन (Cyclothrin) और क्लोरोपोस (Chloropos) का छिड़काव किया. सहायक कृषि अधिकारी अनवर हुसैन ने बताया कि शाम को 6 से 7 बजे के आस-पास गांव में इन टिड्डी दल का प्रवेश हुआ और रात को ये दल आंवा के आस-पास के सभी खेतो में पहुंच गया. हरे-भरे वृक्षों को भी बहुत हानि पहुंचाई. जानकारी के अनुसार टिड्डी दल का फैलाव 800 से 1000 वर्ग मीटर था. दवा के छिड़काव से 60 फीसदी टिड्डियां समाप्त हो गईं. वहीं, बची हुई टिड्डी आंवा से बिशनपुरा कल्यापपुरा, नयागांव की तरफ रुख कर रही है.
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आंवा सरपंच दिव्यांश महेंद्र भारद्वाज ने ग्रामीणों के एक दल को लेकर प्रभावित इलाकों का दौरा किया. साथ ही कृषि अधिकारियों के साथ केमिकल का छिड़काव कर टिड्डी को गांव से भगाने का प्रयास किया. साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करते हुए टिड्डियों से सचेत रहने के बारे में विस्तार से बताया. सरपंच ने कहा कि इनको पीपे, थाली, धुआं, लाइट से भगाए ताकि इनका प्रजनन ना हो सके. समाज सेवी सुरेंद्र सिंह नरुका, किशन पारीक जोनी दाधीच, विक्रम सिंह, मुकेश सहीत कई ग्रामीण मोके पर मौजूद रहकर अधिकारियों की सहायता की.