टोंक. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व रविवार को जिलेभर में बड़ी सादगी के साथ रावण दहन करके मनाया गया. इस दौरान ना तो आसमान में आतिशबाजी की छटां दिखी और ना ही श्रीराम की भव्य शोभायात्रा के साथ करतब दिखाते पट्टेबाज. यही कारण रहा कि हर साल धूमधाम से मनाए जाने वाला दशहरा महोत्सव इस बार औपचारिक रहा.
रविवार शाम को शहर में पहले की तरह ही दो जगहों पर दशहरा मैदान (हाट बाजार) में रावण, मेेघनाद और कुंभकर्ण और गांधी खेल मैदान में रावण के पुतले का दहन किया गया. इस दौरान श्रीराम-लक्ष्मण और हनुमान की वेशभूषा धारण कर रंगमंच कलाकारों ने प्रशासन, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियो की मौजूदगी में रावण सहित मेेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया. इसी प्रकार श्री सेठ रामगोपाल-मांगीलाल धर्माथ ट्रस्ट श्रीरामकृष्ण मन्दिर की तरफ से गांधी खेल मैदान पर 20 फीट के पुतले का दहन किया गया. बिना आतिशबाजी के पुतले चंद मिनटों में जलकर खाक हो गए. वहीं, रावण दहन के दौरान लोग मैदान में ना पहुंचे, इसलिए पर्याप्ता मात्रा में पुलिस जाप्ता लगाने के साथ हाट बाजार के प्रवेश द्वारों पर बेरिकेट्स लगाए गए थे.
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कोरोना संक्रमण के चलते इस बार रावण दहन नहीं देख पाए लोगों ने सोशल मीडिया और न्यूज चैनल के माध्यम से रावण के कार्यक्रम देखे. साथ ही कुछ लोग घरों पर अपने स्तर पर रावण दहन कर इस परंपरा के निर्वहन में अपनी भागीदार बनते दिखे.