टोंक. जिले के वन क्षेत्रों में जारी बजरी और पत्थरों का खनन धड़ल्ले से जारी है. टोंक वन विभाग के उनियारा में तैनात क्षेत्रीय वन अधिकारी पर अपने ही अधीनस्थ सहायक वनपाल कर्मचारी पर मारपीट का आरोप लगा है. साथ ही संघ ने वन अधिकारी रामकरण मीणा के खिलाफ प्रदर्शन कर उन्हें हटाने की मांग की है.
जानकारी के अनुसार बुधवार रात्रि को क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बीना वजह शराब के नशे में धुत होकर सहायक वनपाल विनोद चौधरी से मारपीट कर दी. जिससे वन कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रामकरण मीणा आये दिन कार्यालय में खनन माफियाओं के साथ शराब की पार्टी करते है और फिर नशे में गाली गलौज करते है.
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राजस्थान अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ ने क्षेत्रीय वन अधिकारी पर आरोप लगाया है कि वो नशे में धुत होकर कर्मचारियों को गाली गलौज कर उनके साथ मारपीट करते है. साथ ही कार्यालय में शराब की पार्टी करने जैसे आरोप भी लगाए है. जब इस मामले में उप वन सरंक्षक अधिकारी से बात करना चाही तो वह कैमरे के सामने आने से बचते नजर आए.
क्षेत्रीय वन अधिकारी पर भले ही मारपीट और शराब पार्टी करने जैसे गंभीर आरोप लगे हो पर जब इस मामले में उप वन संरक्षक से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने मीडिया से बात करने से ही इंकार कर दिया है. साथ हीइसे छोटा माला बताया. ऐसे में सवाल यह खड़े होते है कि पहले से ही टोंक में जारी धड़ल्ले से पत्थरों और बजरी के खनन को लेकर सवालों के घेरे में वन विभाग क्या वाकई माफियाओं के आगे घुटने टेक चुका है और जमीर बेचकर अवैध खनन करवाने के आरोपों के बीच मारपीट का यह मामला आखिर क्यों अधिकारियों की नजर में छोटा है.