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टोंक: देवली में 'भारत बंद' का मिला जुला दिखा असर

टोंक के देवली में कृषि कानून के विरोध में किसानों की ओर से मंगलवार को भारत बंद के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बंद का असर काफी मिला-जुला रहा. इस दौरान जुलूस के रूप में निकल रहे किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता बाजार में खुलने वाली छोटी दुकानों को बंद करवाते नजर आए.

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देवली में 'भारत बंद' का असर मिला-जुला
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Published : Dec 8, 2020, 1:28 PM IST

देवली (टोंक). केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानून के विरोध में किसानों की ओर से मंगलवार को भारत बंद के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूरे जिले में बंद का असर काफी मिला-जुला रहा. इस दौरान जुलूस के रुप में निकल रहे किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता बाजार में खुलने वाली छोटी दुकानों को बंद करवाते नजर आ रहे हैं.

वहीं, किसानों की ओर से किया जा रहा आंदोलन के समर्थन में देवली बंद का मिला-जुला असर रहा. बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आह्वान पर 8 दिसंबर को 'भारत बंद' को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने समर्थन दिया है.

पढ़ें: करौली: शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सांस अभियान हुआ शुरू, समुदाय में लाई जाएगी जागरूकता

जिसके चलते देवली कांग्रेस की ओर से भी शहर को शांतिपूर्ण तरीके से बंद का आव्हान किया गया. देवली शहर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने एक साथ बाजार में माइक पर बंद करने की अपील करते हुए बाजार में घूम-घूम कर बाजार को बंद करवाते हुए नजर आए.

टोंक में किसान परेशान, प्रभावशाली लोगों पर पानी रोकने का आरोप...

जिले में पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता के नेतृत्व में किसानों ने घारेड़ा सागर बांध की मोरी की सुरक्षा के लिए पुलिस जाब्ता देकर अंतिम छोर के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की मांग की.

यह भी पढ़ें: पहले 6 साल झेला सामाजिक बहिष्कार, अब पत्नी के अंतिम संस्कार के 'तुगलकी फरमान' के आगे मजबूर पति

किसानों ने आरोप लगाया कि बांध के पानी को प्रभावशाली लोगों द्वारा रोक लिया जाता है, जिससे अंतिम छोर के किसानों तक पानी नहीं पहुंच पाता है. मेहता ने बताया कि एक माह पूर्व बांध की मोरी खोलने के बाबजूद अंतिम छोर पर मौजूद किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. किसान की फसलों के लिए पानी महत्वपूर्ण है पर नहरों में छोड़े जाने वाला पानी नजर नहीं आता है.

देवली (टोंक). केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानून के विरोध में किसानों की ओर से मंगलवार को भारत बंद के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूरे जिले में बंद का असर काफी मिला-जुला रहा. इस दौरान जुलूस के रुप में निकल रहे किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता बाजार में खुलने वाली छोटी दुकानों को बंद करवाते नजर आ रहे हैं.

वहीं, किसानों की ओर से किया जा रहा आंदोलन के समर्थन में देवली बंद का मिला-जुला असर रहा. बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आह्वान पर 8 दिसंबर को 'भारत बंद' को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने समर्थन दिया है.

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जिसके चलते देवली कांग्रेस की ओर से भी शहर को शांतिपूर्ण तरीके से बंद का आव्हान किया गया. देवली शहर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने एक साथ बाजार में माइक पर बंद करने की अपील करते हुए बाजार में घूम-घूम कर बाजार को बंद करवाते हुए नजर आए.

टोंक में किसान परेशान, प्रभावशाली लोगों पर पानी रोकने का आरोप...

जिले में पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता के नेतृत्व में किसानों ने घारेड़ा सागर बांध की मोरी की सुरक्षा के लिए पुलिस जाब्ता देकर अंतिम छोर के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की मांग की.

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किसानों ने आरोप लगाया कि बांध के पानी को प्रभावशाली लोगों द्वारा रोक लिया जाता है, जिससे अंतिम छोर के किसानों तक पानी नहीं पहुंच पाता है. मेहता ने बताया कि एक माह पूर्व बांध की मोरी खोलने के बाबजूद अंतिम छोर पर मौजूद किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. किसान की फसलों के लिए पानी महत्वपूर्ण है पर नहरों में छोड़े जाने वाला पानी नजर नहीं आता है.

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