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राम मंदिर के लिए श्रीगंगानगर से भी भेजा गया जल और मिट्टी - Ram temple Ayodhya clay Sriganganagar

अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. इसके लिए श्रीगंगानगर से भी जल और मिट्टी भिजवाई गई है. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री अयोध्या में इस मंदिर के लिए भूमिपूजन करेंगे.

राजस्थान न्यूज, Ram temple Ayodhya clay Sriganganagar
गंगानगर से भेजा गया भेजा जल और मिटटी
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Published : Aug 2, 2020, 4:36 PM IST

श्रीगंगानगर. अयोध्या में बनने जा रहे भगवान श्रीराम के निर्माणाधीन के भूमिपूजन हेतु पवित्र मिट्टी और जल श्रीगंगानगर से भी भिजवाया गया है. मंदिर निर्माण को लेकर करोड़ों हिंदुस्तानियों में उत्साह का अद्भुत वातावरण बना हुआ है. जिले की उपजाऊ मिट्टी और पंजाब से इस इलाके को सरसब्ज करने वाला सतलुज का पानी अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम मंदिर भूमिपूजन में उपयोग में लिया जाएगा.

गंगानगर से भेजा गया भेजा जल और मिटटी

5 अगस्त को प्रधानमंत्री अयोध्या में इस मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे. इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने देश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के धार्मिक स्थलों से मिट्टी और जल संग्रह कर अयोध्या पहुंचाने का अभियान शुरू किया है. इसी अभियान के तहत श्रीगंगानगर में परिषद की आयोजित सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन की पालना करते हुए आयोजित बैठक में प्रांत मंत्री परमेश्वर जोशी को रज-जल भेंट किया गया.

परिषद के जिला प्रचार प्रमुख विपिन कुमार सरीन ने बताया कि अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम मंदिर के लिए जिले के अनेक प्राचीन धार्मिक स्थलों से रज और जल एकत्रित किया गया है.

पढ़ें- विशेष : राम जन्मभूमि मंदिर या नया राम मंदिर?

परिषद के जिलाध्यक्ष राजेंद्र गोयल ने बताया कि श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के लिए प्राचीन शिवालय, शिवपुर हैड, बारहमासी नहर रामनगर और बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा साहिब से जल और मिट्टी एकत्रित कर कोरियर के जरिए अयोध्या भेजी गई है. प्रांत मंत्री रमेश जोशी ने कोरोना काल में कार्यकर्ताओं ने समाज और देश हित में किए जा रहे कार्यों की सराहना की.

गोयल ने बताया कि कोरोना को देखते हुए कई कोरियर वालों ने जल और मिट्टी भेजने से मना कर दिया. लेकिन इसके बाद एक कोरियर वाले ने जल-मिट्टी भेजने के लिए सहमति प्रदान की है. उन्होंने बताया कि 5 अगस्त की रात को लोग अपने-अपने घरों में श्रद्धा अनुसार दीपक जलाएं और मिट्टी का भोग लगाएं.

श्रीगंगानगर. अयोध्या में बनने जा रहे भगवान श्रीराम के निर्माणाधीन के भूमिपूजन हेतु पवित्र मिट्टी और जल श्रीगंगानगर से भी भिजवाया गया है. मंदिर निर्माण को लेकर करोड़ों हिंदुस्तानियों में उत्साह का अद्भुत वातावरण बना हुआ है. जिले की उपजाऊ मिट्टी और पंजाब से इस इलाके को सरसब्ज करने वाला सतलुज का पानी अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम मंदिर भूमिपूजन में उपयोग में लिया जाएगा.

गंगानगर से भेजा गया भेजा जल और मिटटी

5 अगस्त को प्रधानमंत्री अयोध्या में इस मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे. इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने देश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के धार्मिक स्थलों से मिट्टी और जल संग्रह कर अयोध्या पहुंचाने का अभियान शुरू किया है. इसी अभियान के तहत श्रीगंगानगर में परिषद की आयोजित सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन की पालना करते हुए आयोजित बैठक में प्रांत मंत्री परमेश्वर जोशी को रज-जल भेंट किया गया.

परिषद के जिला प्रचार प्रमुख विपिन कुमार सरीन ने बताया कि अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम मंदिर के लिए जिले के अनेक प्राचीन धार्मिक स्थलों से रज और जल एकत्रित किया गया है.

पढ़ें- विशेष : राम जन्मभूमि मंदिर या नया राम मंदिर?

परिषद के जिलाध्यक्ष राजेंद्र गोयल ने बताया कि श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के लिए प्राचीन शिवालय, शिवपुर हैड, बारहमासी नहर रामनगर और बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा साहिब से जल और मिट्टी एकत्रित कर कोरियर के जरिए अयोध्या भेजी गई है. प्रांत मंत्री रमेश जोशी ने कोरोना काल में कार्यकर्ताओं ने समाज और देश हित में किए जा रहे कार्यों की सराहना की.

गोयल ने बताया कि कोरोना को देखते हुए कई कोरियर वालों ने जल और मिट्टी भेजने से मना कर दिया. लेकिन इसके बाद एक कोरियर वाले ने जल-मिट्टी भेजने के लिए सहमति प्रदान की है. उन्होंने बताया कि 5 अगस्त की रात को लोग अपने-अपने घरों में श्रद्धा अनुसार दीपक जलाएं और मिट्टी का भोग लगाएं.

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