श्रीगंगानगर. कोरोना महामारी के चलते कोरोना संक्रमण की चपेट मे आ रहे दुनियाभर के लोग संकट में है. भारत में संक्रमितों का आंकड़ा काफी बड़ा है. अस्पतालों से लेकर गांवों के स्वास्थ्य केन्द्रों में इन संक्रमितों का इलाज डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंगकर्मी कर रहे हैं.
राज्य सरकार के सरकारी अस्पतालों में नियुक्त स्थाई नर्सिंगकर्मियों के अलावा अस्थाई नर्सिंगकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना रोगियों के बीच दिन रात अस्पतालों में सेवाए दे रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जान को जोखिम में ड़ालकर कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे इन अस्थाई नर्सिंगकर्मियों को घर चलाने के लिए संकट के दौर से तब गुजरना पड़ता है जब इनके वेतन की बात आती है.
बेहद कम वेतन के बाद भी महामारी के इस दौर में ये अस्थाई नर्सिंगकर्मी रोगियों का बेहतर इलाज करके उन्हें स्वस्थ कर घर भेजने में अपनी अहम भुमिका निभा रहे हैं. अस्थाई नर्सिंगकर्मियों के वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर अब राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है.
राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर संविदा पर कार्यरत इन नर्सेज के मानदेय में बढ़ोतरी करने की मांग की है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम योजना में संविदा के आधार पर कार्यरत नर्सेज को मात्र 7,900 रुपए के अल्प मानदेय का भुगतान किया जा रहा है.
सविदाकर्मी नर्सेज नर्स 2 की निर्धारित योग्यता रखते हैं और इनका चयन भी विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद किया गया है. प्रदेश में चिकित्सा विभाग संस्थानों में आमजन को नियमित नर्सेज की भांति अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना महामारी में भी आइसोलेशन वार्ड में ये संविदाकर्मी नर्सेज अपने कर्तव्यों का निर्वाहन जान की परवाह किए बिना इसी अल्प मानदेय पर काम कर रहे हैं.
ऐसे में राज्य में एनएचएम योजना में कार्यरत नर्सेज का मानदेय भी स्थाई नर्सेज की तरह हो. नर्सेज का मानदेय पूर्व में यूटीवी पर कार्यरत नर्सेज की भांति 26,500 प्रति माह किया जाए. संविदाकर्मी नर्सेज पिछले कई दिनों से गांधीवादी तरीके से अपना विरोध दर्ज करा मानदेय बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. जिसका राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन भी समर्थन कर रही है.
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राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर मुकेश शर्मा नर्स-2 जिला चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ का निलंबन रद्द कर राज्य सेवा में बहाल करने की मांग की है. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी चित्तौड़गढ़ की ओर से अपने पद का दुरुपयोग कर निर्दोष नर्स श्रेणी द्धितीय को मिथ्या और मनगढ़ंत आरोप लगाकर बिना किसी निष्पक्ष जांच के निलंबित कराया गया है, जिससे चित्तौड़गढ़ जिले सहित अन्य जिलों के नर्सेज में गहरा रोष व्याप्त है.
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन श्रीगंगानगर के जिलाध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी चित्तौड़गढ़ की ओर से की गई दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की एसोसिएशन कड़ी निंदा करती है. उन्होंने मांग की है कि मुकेश शर्मा को तत्काल राज्य सेवा में बहाल किया जाए.