श्रीगंगानगर. जिला पुलिस अधीक्षक को पद से हटाने और नार्को टेस्ट करवाने सहित विभिन्न मांगो को लेकर सोमवार से बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अदालतों में कार्य बहिष्कार कर आंदोलन का आगाज कर दिया है. दरसल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता को चार माह पूर्व उसकी पत्नी ने दुष्कर्म के मामले फसाकर महिला थाना में मुकदमा दर्ज करवाया था. मामले की जांच स्थानीय पुलिस के बाद सीआईडी ने की. जिसमें वकील को निर्दोष माना था. जिसके बाद जेल में बंद वकील को पोक्सो न्यायालय से सीआरपीसी की धारा 169 में रिहाई हुई.
मामले में आया नया मोड़
वहीं इस मामले में नया मोड़ तब आ गया जब जिला पुलिस अधीक्षक हेमन्त शर्मा की ओर से वकील का नार्को टेस्ट के लिए नोटिस जारी किया गया है. जिसके बाद जिला बार एसोसिएशन के वकीलों का आक्रोश फुट पड़ा और उन्होंने मामले में पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली को संदिग्ध बताकर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. वकीलों ने अदालतों में कार्य बहिष्कार कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर सभा कर घंटों तक धरना दिया. साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए.
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एसपी को पद से हटाने की मांग
बार एसोसिएशन के वकीलों ने मामले में एसपी हेमंत शर्मा की भूमिका संदिग्ध होने की बात कहते हुए उन्हें एसपी पद से हटाने की मांग की है. साथ ही वकील पूरे मामले का खुलासा करने के लिए एसपी का नार्को टेस्ट करवाने की बात कह रहे हैं.वहीं वकीलों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर प्रशासन द्वारा पूर्व में गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट सरकार को देने की मांग की. साथ ही बार एसोसिएशन के वकीलों ने एलान किया है कि अदालतों में कार्य बहिष्कार तब तक रखा जाएगा जब तक एसपी को पद से हटाया नहीं जाता.