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श्रीगंगानगर: जल्द होगा पानी की समस्या का समाधान, कच्ची बस्तियों में नियमित होगी पेयजल सप्लाई

पीएचईडी बीकानेर रोड पर 60 बीघा जमीन पर रॉ वाटर स्टोरेज के लिए 430 लाख लीटर क्षमता की 2 डिग्गियों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवा रखा है. पीएचईडी अधिकारियों की मानें तो निर्माण अगस्त 2020 तक पूरा हो जाएगा.

पानी की समस्या का समाधान,  water problem
पानी की समस्या का समाधान
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Published : Jan 13, 2020, 12:33 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 2:40 PM IST

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). आने वाले समय में जल्द ही शहर में रहने वाले 77 हजार लोगों को नियमित और शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं, गर्मियों में कच्ची बस्ती और ऊंचाई पर बसे लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.

पीएचईडी ने बीकानेर रोड पर 60 बीघा जमीन पर रॉ वाटर स्टोरेज के लिए 430 लाख लीटर क्षमता की 2 डिग्गियों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवा रखा है. पीएचईडी अधिकारियों की मानें तो निर्माण अगस्त 2020 तक पूरा हो जाएगा.

पानी की समस्या का समाधान

शहर में पीने के सप्लाई के लिए बना वाटर बॅक्स 20 हजार की आबादी को पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनाया गया था. साल 2005-06 में आबादी बढ़कर 50 हजार हो गई, तब विभाग ने 2 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियों का निर्माण करवा वाटरवर्क्स को रॉ वाटर की आपूर्ति लेने के लिए आईजीएनपी से जोड़ दिया था. साल 2011 में शहर की आबादी बढ़कर 70 हजार 536 पहुंच गई, जबकि वर्तमान में आबादी 77 हजार के करीब है.

यह भी पढ़ेंः NRC और CAA की बैठक से पहले मायावती का वार, कहा- कांग्रेस ने किया विश्वासघात

वहीं, बाहर से कोचिंग के लिए आए 15 हजार युवा पीजी में रह रहे हैं. ऐसे में रॉ वाटर स्टोरेज के लिए पुराने वाटरवर्क्स और 236 हैड पर बनी 80 हजार किलोलीटर पानी की क्षमता की 4 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियां अपर्याप्त साबित होने से शहर के सूर्योदय नगरी के 11 वार्डों के 20 हजार और दक्षिण दिशा में बसी कच्ची बस्ती के 5 वार्डों के 10-12 हजार लोगों को एक दिन के अंतराल पर पेयजल मिलने से उनको सर्दी और गर्मी में टैंकरों से पेयजल मंगवाना पड़ता है

नई पेयजल स्कीम पर 430 लाख लीटर पानी की क्षमता की 2 रॉ वाटरस्टोरेज डिग्गियां, 12 एमएलडी का 1 फिल्टर प्लांट, पंप हाऊस, 1500 किलोलीटर क्षमता का स्वच्छ जलाशय, चारदीवारी का निर्माण जारी है. एईएन गिरीराज रेगर के मुताबिक नई रॉ-वाटर स्टोरेज डिग्गियों को ढाई किलोमीटर लंबी 350 एमएम डीआई पाइप से आईजीएनपी से आ रही पेयजल पाइप लाइन से जोड़ दिया है, जो 600 एमएम की डीआई (लोहे) पाइप है.

एईएन के मुताबिक रॉ वाटर स्टोरज डिग्गियों का निर्माण फरवरी तक पूरा हो जाएगा. वहीं, नई शहरी जलप्रदाय स्कीम पर अन्य निर्माण पूरा होने पर 2050 तक बढ़ने वाली आबादी तक शहरवासियों को नियमित और पर्याप्त शुद्ध पानी मिलेगा. ऐसे में नई स्कीम पर रॉ-वाटर स्टोरेज के लिए निर्माणाधीन डिग्गियों का कार्य फरवरी में पूरा होने पर शहरवासियों को नहरबंदी के दौरान नियमित सप्लाईमिलने से पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, नियमित पानी से वंचित सूर्योदयनगरी, कच्ची बस्ती व ऊंचाई पर बसे लोगों को पेयजल सप्लाई से वंचित नहीं होना पड़ेगा.

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). आने वाले समय में जल्द ही शहर में रहने वाले 77 हजार लोगों को नियमित और शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं, गर्मियों में कच्ची बस्ती और ऊंचाई पर बसे लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.

पीएचईडी ने बीकानेर रोड पर 60 बीघा जमीन पर रॉ वाटर स्टोरेज के लिए 430 लाख लीटर क्षमता की 2 डिग्गियों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवा रखा है. पीएचईडी अधिकारियों की मानें तो निर्माण अगस्त 2020 तक पूरा हो जाएगा.

पानी की समस्या का समाधान

शहर में पीने के सप्लाई के लिए बना वाटर बॅक्स 20 हजार की आबादी को पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनाया गया था. साल 2005-06 में आबादी बढ़कर 50 हजार हो गई, तब विभाग ने 2 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियों का निर्माण करवा वाटरवर्क्स को रॉ वाटर की आपूर्ति लेने के लिए आईजीएनपी से जोड़ दिया था. साल 2011 में शहर की आबादी बढ़कर 70 हजार 536 पहुंच गई, जबकि वर्तमान में आबादी 77 हजार के करीब है.

यह भी पढ़ेंः NRC और CAA की बैठक से पहले मायावती का वार, कहा- कांग्रेस ने किया विश्वासघात

वहीं, बाहर से कोचिंग के लिए आए 15 हजार युवा पीजी में रह रहे हैं. ऐसे में रॉ वाटर स्टोरेज के लिए पुराने वाटरवर्क्स और 236 हैड पर बनी 80 हजार किलोलीटर पानी की क्षमता की 4 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियां अपर्याप्त साबित होने से शहर के सूर्योदय नगरी के 11 वार्डों के 20 हजार और दक्षिण दिशा में बसी कच्ची बस्ती के 5 वार्डों के 10-12 हजार लोगों को एक दिन के अंतराल पर पेयजल मिलने से उनको सर्दी और गर्मी में टैंकरों से पेयजल मंगवाना पड़ता है

नई पेयजल स्कीम पर 430 लाख लीटर पानी की क्षमता की 2 रॉ वाटरस्टोरेज डिग्गियां, 12 एमएलडी का 1 फिल्टर प्लांट, पंप हाऊस, 1500 किलोलीटर क्षमता का स्वच्छ जलाशय, चारदीवारी का निर्माण जारी है. एईएन गिरीराज रेगर के मुताबिक नई रॉ-वाटर स्टोरेज डिग्गियों को ढाई किलोमीटर लंबी 350 एमएम डीआई पाइप से आईजीएनपी से आ रही पेयजल पाइप लाइन से जोड़ दिया है, जो 600 एमएम की डीआई (लोहे) पाइप है.

एईएन के मुताबिक रॉ वाटर स्टोरज डिग्गियों का निर्माण फरवरी तक पूरा हो जाएगा. वहीं, नई शहरी जलप्रदाय स्कीम पर अन्य निर्माण पूरा होने पर 2050 तक बढ़ने वाली आबादी तक शहरवासियों को नियमित और पर्याप्त शुद्ध पानी मिलेगा. ऐसे में नई स्कीम पर रॉ-वाटर स्टोरेज के लिए निर्माणाधीन डिग्गियों का कार्य फरवरी में पूरा होने पर शहरवासियों को नहरबंदी के दौरान नियमित सप्लाईमिलने से पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, नियमित पानी से वंचित सूर्योदयनगरी, कच्ची बस्ती व ऊंचाई पर बसे लोगों को पेयजल सप्लाई से वंचित नहीं होना पड़ेगा.

Intro:सूरतगढ़ (श्रीगगानगर) आने वाले समय में शीध्र ही शहर में रहने वाले 77 हजार लोगों को नियमित व शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं, गर्मियों में कच्ची बस्ती व ऊंचाई पर बसे उपभोक्ताओं को पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। पीएचईडी ने बीकानेर रोड पर 60 बीघा जमीन पर रॉ वाटर स्टोरेज के लिए 430 लाख लीटर क्षमता की 2 डिग्गियों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवा रखा है। पीएचईडी अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा शहरी जलप्रदाय योजना में स्वीकृत 23 करोड़ की लागत से चल रहा नई पेयजल स्कीम का निर्माण अगस्त 2020 में पूरा होगा।

Body:शहर में पेयजल सप्लाई के लिए बना वाटर वक्र्स 20 हजार की आबादी को पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनाया गया था। वर्ष 2005-06 में आबादी बढ़कर 50 हजार हो गई, तब विभाग ने 2 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियों का निर्माण करवा वाटरवर्क्स को रॉ वाटर की आपूर्ति लेने के लिए आईजीएनपी से जोड़ दिया। वर्ष 2011में शहर की आबादी बढ़कर 70 हजार 536 पहुंच गई। जबकि वर्तमान में आबादी 77 हजार के करीब है। वहीं, बाहर से आए 15 हजार युवा कोचिंग के लिए पीजी में रह रहे हैं। ऐसे में रॉ वाटर स्टोरेज के लिए पुराने वाटरवर्क्स व 236 हैड पर बनी 80 हजार किलोलीटर पानी की क्षमता की 4 रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियां अपर्याप्त साबित होने से शहर के सूर्योदय नगरी के 11 वार्डों के 20 हजार व दक्षिण दिशा में बसी कच्ची बस्ती के 5 वार्डों के 10-12 हजार लोगों को एक दिन के अंतराल पर पेयजल मिलने से उनको सर्दी व गर्मी में टैंकरों से पेयजल मंगवाना पड़ता है।
2050 की आबादी तक नहीं आएगी पेयजल किल्लत, नियमित मिलेगा पेयजल
नई पेयजल स्कीम पर 430 लाख लीटर पानी की क्षमता की 2 रॉ वाटरस्टोरेज डिग्गियां, 12 एमएलडी का 1 फिल्टर प्लांट, पंप हाऊस, 1500 किलोलीटर क्षमता का स्वच्छ जलाशय, चारदीवारी का निर्माण जारी है। एईएन गिरीराज रेगर के मुताबिक नई रॉ-वाटर स्टोरेज डिग्गियों को ढाई किलोमीटर लंबी 350 एमएम डीआई पाइप से आईजीएनपी से आ रही पेयजल पाइप लाइन से जोड़ दिया है, जो 600 एमएम की डीआई (लोहे) पाइप है। एईएन के मुताबिक रॉ वाटर स्टोरज डिग्गियों का निर्माण फरवरी तक पूरा हो जाएगा। वहीं, नई शहरी जलप्रदाय स्कीम पर अन्य निर्माण पूरा होने पर वर्ष 2050 तक बढ़ने वाली आबादी तक शहरवासियों को नियमित व पर्याप्त शुद्ध पानी मिलेगा। नहरबंदी के चलते नहीं आएगी पेयजल किल्लत मार्च 2020 में 70 दिन की नहरबंदी प्रस्तावित है। ऐसे में नई स्कीम पर रॉ-वाटर स्टोरेज के लिए निर्माणाधीन डिग्गियों का कार्य फरवरी में पूरा होने पर शहरवासियों को नहरबंदी के दौरान नियमित सप्लाईमिलने से पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, नियमित पानी से वंचित सूर्योदयनगरी, कच्ची बस्ती व ऊंचाई पर बसे लोगों को पेयजल सप्लाई से वंचित नहीं होना पड़ेगा। विभाग के पास वर्तमान में 8 दिन के रॉ वाटर स्टोरेज की 4 डिग्गियां बनी है, जो बंदी के दौरान अपर्याप्त होने से विभाग को नहरबंदी के समय आईजीएनपी के तले में अतिरिक्त मोटरें लगा कर रॉ- वाटर की आपूर्ति लेकर शहर में पेयजल सप्लाई करता है, इस अवधि में प्रभावित वार्डों के साथ परकोटे वाले वार्डों में पेयजल किल्लत रहती है। उपभोक्ता साढ़े 10 हजार, पेयजल खपत रोज 11 हजार किलोलीटर विभागीय आकंड़ों के मुताबिक शहर में 10 हजार 500 उपभोक्ता है। एक उपभोक्ता नियमों के मुताबिक 135 लीटर पानी प्रतिदिन मिलना चाहिए। यानि प्रतिदिन 10500 उपभोक्ताओं को 14175 किलोलीटर पानी की आवश्यकता होती है। वहीं, विभाग मौजूदा संसाधनोंसे 11 हजार किलोलीटर प्रतिदिन की सप्लाई ही कर पा रहा है। यानि विभाग करीब 500 किलोलीटर पानी रोज कम सप्लाई कर रहा है। यही वजह है कि शहर 15 वार्डों में एक दिन छोड़ एक दिन पानी सप्लाई हो रहा है। ऐसे में नई पेयजल स्कीम शुरू होने पर शहर में पेयजल समस्या दूर हो जाएगी।

Conclusion:एक्सपर्ट बोले- नई स्कीम पूरी होने पर 2050 तक की आबादी को मिलेगा पर्याप्त व शुद्ध पानी पीएचईडी एक्सईएन अशोक कुमार जोधा ने बताया कि नई स्कीम पर रॉ वाटर स्टोरेज डिग्गियों का निर्माण तेजी चल रहा है। लेकिन अन्य कार्य में बजट के अभाव में दिक्कत आ रही है। अगस्त 2020 तक नई स्कीम का कार्य पूरा हो जाएगा, इसके बाद 2050 तक बढ़ने वाली आबादी को पर्याप्त व शुद्ध पानी मिलने लगेगा। रॉ-वाटर स्टोरेज डिग्गियों का निर्माण नहरबंदी से पूर्व पूरा हो सरकार को 15 करोड़ का बजट जल्द भिजवाने की डिमांड भेजी है। नई स्कीम पर 12 लाख लीटर क्षमता का फिल्टर प्लांट बनने पर शहरवासियों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल मिलेगा।
बाईट_1 अशोक कुमार, एक्सईन, जलदाय विभाग
बाईट_2 मनोज कुमार, वार्ड वासी कच्ची बस्ती
विजय स्वामी सूरतगढ़
मो 9001606958
Last Updated : Jan 13, 2020, 2:40 PM IST
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