श्रीगंगानगर. विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ शिक्षकों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. जिसको लेकर अब शिक्षक अपना विरोध जताने के लिए अब स्कूल से सड़कों पर उतर आए हैं. इसी क्रम में राजस्थान शिक्षक संघ ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर उनपर भार डाल रही है.
वहीं, पिछ्ले दिनों राज्य सरकार की ओर से बीएलओ से आधार सीडिंग करवाने के आदेश जारी करने के बाद शिक्षकों ने विरोध शुरू किया है. जहां बीएलओ की नियुक्ति निर्वाचन विभाग की ओर से निर्वाचन जारी करने के लिए की जाती है, जो कि रसद विभाग का कार्य विभाग की ओर से अपने कर्मचारियों से करवाया जाना चाहिए.
जिसको शिक्षकों से करवाया जा रहा है. राइट टू एजुकेशन कानून के अनुसार शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य नहीं करवाया जा सकता, जिसका सरकार की ओर से उल्लंघन किया जा रहा है. जिस पर संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से शिक्षकों से जुड़े आदेश वापस लेने की मांग की है.
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वहीं, कोरोना की आड़ में कर्मचारियों की वेतन कटौती और समर्पित अवकाश के भुगतान पर लगाई गई रोक को वापस लेने की भी मांग की गई है. इस पर राज्य सरकार ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए वेतन में कटौती की है, जबकि राज्य सरकार के पास धन की कमी नहीं है.
राज्य सरकार विधायकों के भत्तों में बीस हजार रुपये की बढ़ोतरी कर सरकार ने अपनी संवेदनहीनता का परिचय दिया है. जिसका विरोध करते हुए शिक्षक संगठन ने वेतन भुगतान करने की मांग की है. साथ ही शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो आंदोलन तेज किया जाएगा.