श्रीगंगानगर. आज के समय में महिला किसी से कम नहीं है. इसी बात को चरितार्थ करती है सूरतगढ की महिला कॉन्स्टेबल पार्वती के संघर्ष की कहानी. पुलिस कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी करने के साथ साथ खेल में अपना भाग्य आजमाया. इसके साथ ही राजस्थान पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर अपना व पुलिस विभाग का नाम रौशन किया है.
जानकारी के अनुसार पार्वती ने राजस्थान के बांदीकुई दौसा में हुई राजस्थान स्टेट पावर लिफ्टिंग वूमेन में 350 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. सूरतगढ़ इलाके के गांव सोमासर निवासी पार्वती सैन सन 2009 में पुलिस में श्रीगंगानगर से भर्ती हुई थी. वहीं पार्वती के पिता गांव में पोस्टमैन के पद पर कार्यरत हैं. तीन बहन व दो भाइयों में सबसे छोटी पार्वती करीब दो साल से पावर लिफ्टिंग कर रही है. अपनी ड्यूटी के साथ साथ पार्वती ने रोजाना करीब 4 घण्टे से ज्यादा जिम में जाकर अभ्यास किया. पार्वती ने बताया कि कोच संदीप चोयल के निर्देशन में पावर लिफ्टिंग की और आज इस मुकाम तक पंहुची.
ग्रामीण परिवेश में जन्म के बाद 2009 में बनी कॉन्स्टेबल : पार्वती सूरतगढ तहसील के सोमासर गांव की निवासी है. गांव में हुई प्राथमिक शिक्षा के बाद सन 2009 में श्रीगंगानगर पुलिस में ज्वाइन किया. वहीं पार्वती के पिता रामप्रताप डाक विभाग में पोस्टमैन के पद पर कार्यरत्त हैं. वहीं एक भाई क्रांति कुमार भी पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत है और दूसरा भाई पवन कुमार का गांव में खुद का निजी व्यवसाय है. पार्वती का सुसराल सूरतगढ उपखण्ड के 28 पीबीएन में है. तो वहीं पार्वती के पति अनिल कुमार सूरतगढ में ही कार एसेसरीज की दुकान चलाते हैं.
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पार्वती ने बताया कि उन्हें एक बेटा व बेटी भी है. वो ड्यूटी के साथ साथ उनकी देखभाल भी करती है और साथ साथ पावर लिफ्टिंग का भी अभ्यास करती है. पार्वती ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता सरस्वती देवी, पिता रामप्रताप, सास शकुंतला देवी व सुसर ओमप्रकाश सहित अपने पति अनिल व सिटी थाने के समस्त स्टाफ को दिया है. वहीं पार्वती की इस उपलब्धि पर सूरतगढ डीएसपी किशन सिंह बिजारणिया व सूरतगढ सिटी थानाधिकारी कृष्ण कुमार व एसआई रचना बिश्नाई सहित समस्त स्टाफ ने बधाई दी है.