श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डियों पर नियंत्रण करने के दौरान नष्ट हुई फसलों का मुआवजा तुरंत देने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन के पास पहुंचे किसान, उस समय नाराज हो गए जब कलेक्टर किसानों से बिना मिले कहीं और चले गए.
नाराज किसानों ने जिला कलेक्टर के चैंबर के बाहर ही धरना शुरू कर दिया. किसान नेताओं का कहना है, कि पाकिस्तान से आ रही टिड्डी किसानों की फसलों को बर्बाद कर रही है. अधिकारियों के पास किसानों की पीड़ा सुनने के लिए समय तक नहीं है. किसानों की बात नहीं सुन कर संवेदनहीन अधिकारी उनके ऊपर और ज्यादा कहर ढा रहे हैं.
पिछले 15 दिनों से श्रीगंगानगर जिले के सीमावर्ती इलाकों में टिड्डियां लगातार आ रही है. जिन्होंने पूरी फसलों को चौपट कर दिया है. टिड्डी दल अब धीरे-धीरे जिले में फैल गया है, जो गेहूं, जौ, चना, सरसों, हरा चारा और बागवानी को चौपट कर रहा है.
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किसान नेताओं के मुताबिक मुआवजे के रूप में सरकार और बीमा कंपनी से एक पैसा तक नहीं दिया गया है. ऐसे में बर्बाद किसान अब किसके आगे गुहार लगाएं. किसानों की मांग है, कि केंद्र सरकार से बातचीत कर टिड्डियों की समस्या को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए तुरंत प्रभाव से किसानों को मुआवजा दिया जाए.
टिड्डियों को नियंत्रण करने के लिए सरकारी संसाधनों और कीटनाशक दवाओं की बढ़ोतरी करते हुए नियंत्रण किया जाए. कलेक्टर के चैंबर के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों के पास पहुंच कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर वीरेंद्र जाखड़ ने उनसे ज्ञापन देने की बात कही. लेकिन आक्रोशित किसानों ने ज्ञापन देने से इनकार कर दिया.
किसानों का कहना है, कि या तो हमें जहर दे दो या हमारी सुनवाई करके बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलवा दो. जिससे किसान आत्महत्या करने से बच जाएं. फिलहाल किसान संगठनों के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर चैंबर के बाहर बैठे हैं और मौके पर पुलिस जाप्ता भी तैनात है.