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श्रीगंगानगर: टिड्डियों के आतंक से परेशान किसानों का धरना, ''जहर दे दो या फसल का मुआवजा दे दो''

टिड्डियों पर नियंत्रण करने के दौरान नष्ट हुई फसलों का मुआवजा तुरंत देने की मांग को लेकर किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन किसानों को कलेक्टर ने समय नहीं दिया. जिससे किसान नाराज हो गए. किसान नेताओं ने कलेक्टर के चैंबर के बाहर ही धरना शुरू कर दिया.

टिड्डी से परेशान किसानों का धरना,  Protest of farmers upset with grasshopper
टिड्डी से परेशान किसानों का धरना
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Published : Jan 24, 2020, 3:25 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डियों पर नियंत्रण करने के दौरान नष्ट हुई फसलों का मुआवजा तुरंत देने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन के पास पहुंचे किसान, उस समय नाराज हो गए जब कलेक्टर किसानों से बिना मिले कहीं और चले गए.

टिड्डी से परेशान किसानों का धरना

नाराज किसानों ने जिला कलेक्टर के चैंबर के बाहर ही धरना शुरू कर दिया. किसान नेताओं का कहना है, कि पाकिस्तान से आ रही टिड्डी किसानों की फसलों को बर्बाद कर रही है. अधिकारियों के पास किसानों की पीड़ा सुनने के लिए समय तक नहीं है. किसानों की बात नहीं सुन कर संवेदनहीन अधिकारी उनके ऊपर और ज्यादा कहर ढा रहे हैं.

पिछले 15 दिनों से श्रीगंगानगर जिले के सीमावर्ती इलाकों में टिड्डियां लगातार आ रही है. जिन्होंने पूरी फसलों को चौपट कर दिया है. टिड्डी दल अब धीरे-धीरे जिले में फैल गया है, जो गेहूं, जौ, चना, सरसों, हरा चारा और बागवानी को चौपट कर रहा है.

पढ़ें- श्रीगंगानगर में टिड्डियों से नुकसान को ना के बराबर बता रहा कृषि विभाग

किसान नेताओं के मुताबिक मुआवजे के रूप में सरकार और बीमा कंपनी से एक पैसा तक नहीं दिया गया है. ऐसे में बर्बाद किसान अब किसके आगे गुहार लगाएं. किसानों की मांग है, कि केंद्र सरकार से बातचीत कर टिड्डियों की समस्या को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए तुरंत प्रभाव से किसानों को मुआवजा दिया जाए.

टिड्डियों को नियंत्रण करने के लिए सरकारी संसाधनों और कीटनाशक दवाओं की बढ़ोतरी करते हुए नियंत्रण किया जाए. कलेक्टर के चैंबर के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों के पास पहुंच कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर वीरेंद्र जाखड़ ने उनसे ज्ञापन देने की बात कही. लेकिन आक्रोशित किसानों ने ज्ञापन देने से इनकार कर दिया.

किसानों का कहना है, कि या तो हमें जहर दे दो या हमारी सुनवाई करके बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलवा दो. जिससे किसान आत्महत्या करने से बच जाएं. फिलहाल किसान संगठनों के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर चैंबर के बाहर बैठे हैं और मौके पर पुलिस जाप्ता भी तैनात है.

श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डियों पर नियंत्रण करने के दौरान नष्ट हुई फसलों का मुआवजा तुरंत देने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन के पास पहुंचे किसान, उस समय नाराज हो गए जब कलेक्टर किसानों से बिना मिले कहीं और चले गए.

टिड्डी से परेशान किसानों का धरना

नाराज किसानों ने जिला कलेक्टर के चैंबर के बाहर ही धरना शुरू कर दिया. किसान नेताओं का कहना है, कि पाकिस्तान से आ रही टिड्डी किसानों की फसलों को बर्बाद कर रही है. अधिकारियों के पास किसानों की पीड़ा सुनने के लिए समय तक नहीं है. किसानों की बात नहीं सुन कर संवेदनहीन अधिकारी उनके ऊपर और ज्यादा कहर ढा रहे हैं.

पिछले 15 दिनों से श्रीगंगानगर जिले के सीमावर्ती इलाकों में टिड्डियां लगातार आ रही है. जिन्होंने पूरी फसलों को चौपट कर दिया है. टिड्डी दल अब धीरे-धीरे जिले में फैल गया है, जो गेहूं, जौ, चना, सरसों, हरा चारा और बागवानी को चौपट कर रहा है.

पढ़ें- श्रीगंगानगर में टिड्डियों से नुकसान को ना के बराबर बता रहा कृषि विभाग

किसान नेताओं के मुताबिक मुआवजे के रूप में सरकार और बीमा कंपनी से एक पैसा तक नहीं दिया गया है. ऐसे में बर्बाद किसान अब किसके आगे गुहार लगाएं. किसानों की मांग है, कि केंद्र सरकार से बातचीत कर टिड्डियों की समस्या को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए तुरंत प्रभाव से किसानों को मुआवजा दिया जाए.

टिड्डियों को नियंत्रण करने के लिए सरकारी संसाधनों और कीटनाशक दवाओं की बढ़ोतरी करते हुए नियंत्रण किया जाए. कलेक्टर के चैंबर के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों के पास पहुंच कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर वीरेंद्र जाखड़ ने उनसे ज्ञापन देने की बात कही. लेकिन आक्रोशित किसानों ने ज्ञापन देने से इनकार कर दिया.

किसानों का कहना है, कि या तो हमें जहर दे दो या हमारी सुनवाई करके बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलवा दो. जिससे किसान आत्महत्या करने से बच जाएं. फिलहाल किसान संगठनों के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर चैंबर के बाहर बैठे हैं और मौके पर पुलिस जाप्ता भी तैनात है.

Intro:श्रीगंगानगर : जिले में भयंकर रूप से आ रही टीडीओ को नियंत्रण करने पर नष्ट हुई फसल को का तुरंत मुहवजा देने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते के पास पहुंचे किसान नेता उस समय नाराज हो गये जब जिला कलेक्टर किसान नेताओ से बगेर मिले किसी जरूरी मीटिंग में चले गए। नाराज किसान नेताओ ने जिला कलेक्टर चैंबर के बाहर धरना शुरू कर दिया।किसानों से बगैर मुलाकात किए कलेक्टर के जाने के बाद आक्रोशित किसानों ने कलेक्टर चैंबर के बाहर नारेबाजी कर धरना शुरू कर दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान से आ रही टीडी किसानों की फसलों को बर्बाद कर रही है और अधिकारियों के पास किसानों की पीड़ा सुनने के लिए समय तक नहीं है। ऐसे में संवेदनहीन अधिकारी किसानों की बात नहीं सुन कर उनके ऊपर और ज्यादा कहर ढहा रहे हैं।


Body:पिछले 15 दिनों से श्रीगंगानगर जिले में खासतौर से सीमावर्ती इलाकों में भयंकर रूप से टीडिया लगातार आ रही है।जिन्होंने पूरी फसलों को चौपट कर के रख दिया है।टीडी दल अब धीरे-धीरे जिले में फैल गया है। गेहूं,जो,चना,सरसों, हरा चारा व बागवानी को झुंड के रूप में आई टीडीयो ने पूरी तरह चौपट कर दिया है। आज तक उन किसानों को मुआवजे के रूप में सरकार व बीमा कम्पनी से एक पैसा तक नहीं दिया। ऐसे में बर्बाद किसान अब किसके आगे गुहार लगाए।किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार से बातचीत करके टीडीओ की समस्या को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए तुरंत प्रभाव से किसानों को मुआवजा दिलवाए। साथ ही टीडीयो को नियंत्रण करने के लिए सरकारी संसाधनों व कीटनाशक दवाओं की बढ़ोतरी करते हुए टीडीयों पर तुरंत नियंत्रण किया जाए। जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते द्वारा किसानों से मुलाकात किए बगैर अपने कार्यालय से चले जाने के बाद पहुंचे किसान नेताओं ने धरना लगाकर नारेबाजी शुरू की तो अतिरिक्त जिला कलेक्टर वीरेंद्र जाखड़ किसानों के पास पहुंचकर उनसे ज्ञापन देने की बात कही। लेकिन आक्रोशित किसानों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। किसानों का कहना है कि या तो हमें जहर दे दो या हमारी सुनवाई करके बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलवा दो। ताकि किसान आत्महत्या करने से बच जाए। फिलहाल किसान संगठनों के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर चेंबर के बाहर बैठे हैं। मौके पर पुलिस जाब्ता भी तैनात है। विजुअल किसान


Conclusion:कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर किसान।
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