श्रीगंगानगर. एक वर्ष पहले आज ही के दिन पुलवामा आंतकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि देने और जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए अर्धसैनिक बलों सहित लाखों केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की मांग को लेकर न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के राज्यव्यापी आह्वान पर श्रीगंगानगर जिले में विशाल कैंडल मार्च का आयोजन किया गया.
बड़ी संख्या में केंद्र और राज्य के कर्मचारियों सहित समाज के गणमान्य नागरिक भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. देशभक्ति के नारे लगाते हुए और अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन लागू करवाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय से कैंडल मार्च शुरू होकर शहीद भगत सिंह चौक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी.
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संगठन के जिला संयोजक राहुल मोयल ने बताया कि सैन्य बलों की भांति 24 घंटे देश की सेवा में तत्पर रहने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन से वंचित कर बदहाल जीवन जीने के लिए मजबूर करना न्यायोचित नहीं है.
संगठन के राज्य सचिव अजीत शर्मा और डिंपल यादव ने बताया, कि पेंशन कोई खैरात नहीं है, बल्कि देश के विकास और देश की सुरक्षा में अर्धसैनिक बलों और कर्मचारियों के योगदान का प्रतिफल है. ऐसे में उन्हें पेंशन से वंचित कर देना संविधान सम्मत नहीं है. रिटायरमेंट के बाद ये कर्मचारी सम्मानजनक खुशहाल जीवन जी सकें, यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है.
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आंतकी हमले में देश के लिए शहीद हुये उन सीआरपीएफ जवानों को याद करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. युनियन के कर्मचारियों ने सीएमएचओ दफ्तर से भगत सिंह चौक तक कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित करके सभी ने पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर एनपीएस कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से मांग की है, कि सरकार पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों की आर्थिक हालत का जायजा लेकर उनके परिवारों की सुध ले, ताकी देश के लिए शहीद हुये जवानों के परिवारों को आर्थिक रुप से मजबूती मिल सके.