श्रीगंगानगर. जिले में नगर परिषद की अव्यवस्था का मामला सामने आया है. जिसमें पार्किंग बनाने के नाम पर ना केवल छात्राओं के स्कूल का खेल का मैदान उजाड़ दिया गया, बल्कि कपड़ा बेचकर गुजर-बसर करनेवाले परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है.
जिला मुख्यालय के मटकाचौक के कन्या विद्यालय में खेल मैदान को जिला प्रशासन और नगर परिषद ने पार्किंग बनाने के लिए चौपट कर दिया. वहीं, पार्किंग 30 लाख की रुपए खर्च करके बनाई गई, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतना सब होने के बाद भी पार्किंग में गाड़ियां खड़ी नहीं हो रही हैं.
बता दें कि मटका चौक स्कूल रोड के किनारे पर स्थाई रूप से कपड़ों की दुकानें लगाकर कई परिवार अपना गुजारा करते आ रहे हैं. जिला प्रशासन और नगर परिषद ने जब पार्किंग बनाने का फैसला किया तो इन लोगों ने विरोध किया. इन लोगों का कहना था कि यहां पार्किंग बनाने से उनका रोजगार चला जाएगा. पार्किंग बनने से ना केवल सालों से बैठे इन दुकानदारों की दुकानें तोड़ी गईं, बल्कि खेल मैदान और उसमें लगे हरियाली देते हरे-भरे पेड़ भी उखाड़े गए.
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सड़क पर सालों से दुकान लगाने वाली ममता कहती हैं कि हमारी दुकानें तोड़कर जिन लोगों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने पार्किंग बनाई थी, वे लोग आज भी उसी तरह से वाहनों को सड़क पर खड़े करके ट्रैफिक जाम करते हैं. साथ ही दुकानदार ओम प्रकाश कहते हैं कि पार्किंग बनने के बाद भी वे लोग अब भी अपने वाहनों को हमारी दुकानों के आगे खडे़ कर देते हैं. ऐसे में लाखों रुपए खर्च करके और हमारा सालों का रोजगार छिनकर प्रशासन को क्या हासिल हुआ. जिला प्रशासन व नगर परिषद ने जब पार्किंग बनाने का फैसला लिया तो प्रशासन ने इन लोगों को जगह देने का आश्वासन दिया, जो महज आश्वासन ही रह गया.
स्कूल को मिलने वाला राजस्व भी बंद...
उधर, छात्राओं के खेल मैदान की जगह लेकर पार्किंग बन तो गया, लेकिन उस पार्किंग पर ताले लटका है. पार्किंग में आने वाले राजस्व का 70 प्रतिशत हिस्सा राशि स्कूल को मिलनी थी. पार्किंग बंद है, जिससे स्कूल को भी नुकसान हो रहा है. कन्या विद्यालय के प्रिंसिपल नरेश शर्मा कहते हैं कि नगर परिषद पार्किंग की बोली लगाकर इसको चालू करवाए तो शहर का ट्रैफिक दबाव कम होने के साथ-साथ स्कूल को राजस्व का भी फायदा मिलेगा.