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टिड्डी अटैक : श्रीगंगानगर के 100 से ज्यादा गांव में मचा हड़कंप, किसानों की प्रदर्शन की चेतावनी - Sriganganagar in the grip of locust

श्रीगंगानगर जिले में पिछले 10 दिनों से चल रहे टिड्डी दल के प्रकोप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है. टिड्डी नियंत्रण में सरकारी संसाधन कम पड़ने लगे हैं. शुक्रवार को श्रीकरणपुर क्षेत्र में करीब 30 से 40 किलोमीटर के दायरे में फैले टिड्डी दल से किसानों में हड़कंप मच गया.

टिड्डी से किसान परेशान,  Locust attack in Sriganganagar
100 से ज्यादा गांव में टिड्डियों का आतंक
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Published : Jan 18, 2020, 12:20 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डी दल के हमले की चपेट में 6 तहसीलों के 100 से ज्यादा गांव की फसलें आ चुकी हैं. शुक्रवार को श्रीकरणपुर, केसरी सिंहपुर और पदमपुर क्षेत्र में भी टिड्डी आने से किसान परेशान रहे.

100 से ज्यादा गांव में टिड्डियों का आतंक

पदमपुर और केसरी सिंहपुर क्षेत्र में भी बड़ा टिड्डी दल आने से किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. फिलहाल 6 तहसीलों घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंह नगर,श्रीकरणपुर, पदमपुर के अलावा श्रीगंगानगर तहसील के कुछ गांव भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. टिड्डी नियंत्रण में सरकारी संसाधन कम पड़ने लगे हैं.

टिड्डी दल गांव में किसानों की फसलों के अलावा पेड़ों और नहर किनारे खड़ी झाड़ियों पर मंडराने लगा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है, कि टिड्डियां रात भर ठहराव के बाद यहां फसलों को खाने के बाद अंडे देकर आगे बढ़ जाएगी. इसके कुछ दिनों बाद फिर इनके बच्चों का प्रकोप शुरू होने की आशंका है.

पढ़ें- यह चुने गए कोटा की लाडपुरा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सरपंच, देखें सूची

हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर कृषि विभाग का अमला भी गांव में पहुंचा. किसानों ने ट्रैक्टर चलित स्प्रे पंप से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर टिड्डियों को मारने की कोशिश की. किसानों का आरोप है, कि सरकार गंभीर होती तो अबतक टिड्डियों के आतंक से उन्हें मुक्ति मिल जाती.

किसानों ने ये भी कहा, कि हेलीकॉप्टर से टिड्डियों पर स्प्रे करके उन्हें नष्ट किया जा सकता है. ऐसे में सरकार ने अगर 26 जनवरी तक टिड्डी मारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसान 26 जनवरी को काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे.

श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डी दल के हमले की चपेट में 6 तहसीलों के 100 से ज्यादा गांव की फसलें आ चुकी हैं. शुक्रवार को श्रीकरणपुर, केसरी सिंहपुर और पदमपुर क्षेत्र में भी टिड्डी आने से किसान परेशान रहे.

100 से ज्यादा गांव में टिड्डियों का आतंक

पदमपुर और केसरी सिंहपुर क्षेत्र में भी बड़ा टिड्डी दल आने से किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. फिलहाल 6 तहसीलों घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंह नगर,श्रीकरणपुर, पदमपुर के अलावा श्रीगंगानगर तहसील के कुछ गांव भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. टिड्डी नियंत्रण में सरकारी संसाधन कम पड़ने लगे हैं.

टिड्डी दल गांव में किसानों की फसलों के अलावा पेड़ों और नहर किनारे खड़ी झाड़ियों पर मंडराने लगा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है, कि टिड्डियां रात भर ठहराव के बाद यहां फसलों को खाने के बाद अंडे देकर आगे बढ़ जाएगी. इसके कुछ दिनों बाद फिर इनके बच्चों का प्रकोप शुरू होने की आशंका है.

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हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर कृषि विभाग का अमला भी गांव में पहुंचा. किसानों ने ट्रैक्टर चलित स्प्रे पंप से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर टिड्डियों को मारने की कोशिश की. किसानों का आरोप है, कि सरकार गंभीर होती तो अबतक टिड्डियों के आतंक से उन्हें मुक्ति मिल जाती.

किसानों ने ये भी कहा, कि हेलीकॉप्टर से टिड्डियों पर स्प्रे करके उन्हें नष्ट किया जा सकता है. ऐसे में सरकार ने अगर 26 जनवरी तक टिड्डी मारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसान 26 जनवरी को काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे.

Intro:श्रीगंगानगर : पिछले 10 दिनों से चल रहे टीडी दल के प्रकोप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है।जिले में टीडडी दल के हमले की चपेट में 6 तहसीलों के 100 से ज्यादा गांव की फसलें आ चुकी है। शुक्रवार को श्रीकरणपुर,केसरीसिंहपुर और पदमपुर क्षेत्र में भी टीडी आने से किसान संशय में रहे। जिले के अन्य हिस्सों के बाद पदमपुर और केसरीसिंहपुर क्षेत्र भी बड़ा टीडी दल आने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। फिलहाल टीडी से जिले की 6 तहसीलों घड़साना,अनूपगढ़,रायसिंहनगर,श्रीकरणपुर,पदमपुर के अलावा श्रीगंगानगर तहसील के कुछ गांव भी इसकी चपेट में आ चुके हैं।टीडी नियंत्रण में सरकारी संसाधन कम पड़ने लगे हैं। शुक्रवार को श्रीकरणपुर क्षेत्र में लगभग 30 से 40 किलोमीटर दायरे में फैला टीडी दल आया। इससे किसानों में एक बार हड़कंप की स्थिति बन गई।




Body:टीडी दल गांव में किसानों की फसलों के अलावा खेतों में पेड़ों और नहर किनारे खड़ी झाड़ियों पर मंडराने लगा है। आशंका जताई जा रही है कि टीडिया रात भर ठहराव के बाद यहां फसलों को खाने के बाद अंडे देकर आगे बढ़ जाएगी। इसके कुछ दिनों बाद फिर इनके बच्चों का प्रकोप शुरू होने की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर कृषि विभाग का अमला भी गांव में पहुंचा। किसानों ने भी ट्रैक्टर चलित स्प्रे पंप से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर टीडडीया मारने की कोशिश की। उधर किसानों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि टीडी मारने के लिए अगर सरकार गंभीर होती तो अब तक टीडडीयो को कंट्रोल करके किसानों को राहत दी जा सकती थी। लेकिन सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं है। किसानों ने कहा कि हेलीकॉप्टर के द्वारा टीडियो पर स्प्रे करके उन्हें नष्ट किया जा सकता है। ऐसे में सरकार ने अगर 26 जनवरी तक टीडी मारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसान 26 जनवरी को काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे।

बाईट : सुभाष सहगल,किसान नेता।
बाईट : अजित सिंह,किसान।

केसरीसिंहपुर,पदमपुर और रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव में टीडी दल आने के बाद किसानों में हड़कंप की स्थिति बन गई। पंचायत चुनाव में व्यस्त ग्रामीण चुनावी चर्चाओं को बीच में ही छोड़कर खेतों में पहुंच गए। किसानों ने पीपे,थालियां,डिब्बे,पटाखे आदि बजाकर टीडिया उड़ाने की कोशिश की। फकीरवाली और आसपास के कई गांवों में घरों में टीडीया दिखाई दी। कई जगह धूआं कर उड़ाने का प्रयास किया।




Conclusion:तेजी से फ़ेल रही है टीडडीया।
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