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किसानों ने कृषि अध्यादेश के विरोध में किया चक्काजाम, सुनसान नजर आई धान मंडी - धानमंडी में नहीं दिखे लोग

केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए लाए गए कृषि अध्यादेश के खिलाफ किसान, मजदूर और व्यापारी लगातार विरोध जता रहे हैं. प्रदेश में किसानों ने विरोध करते हुए चक्काजाम आंदोलन शुरू किया है. जिसके तहत शुक्रवार को धान मंडी सुनसान रही. साथ ही किसान जिंसों की बिक्री मंडी के बाहर कर रहे हैं.

rajasthan news, श्रीगंगानगर न्यूज
कृषि अध्यादेश के विरोध में बंद रही प्रदेश की मंडियां
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Published : Sep 25, 2020, 8:59 PM IST

श्रीगंगानगर. कृषि जिंसों की खरीद बेचान के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश और नए मंडी एक्ट के विरोध में किसान, मजदूरों और व्यापारियों ने चक्काजाम आंदोलन शुरू किया है. इस दौरान शुक्रवार को नई धान मंडी में भी हड़ताल रही. इस कारण शुक्रवार को मंडी में जिंसों की आवक नहीं हुई.

कृषि अध्यादेश के विरोध में बंद रही प्रदेश की मंडियां

बता दें कि धान मण्डी में किसी प्रकार की बोली नहीं करवाई गई. वैसे पिछले 3 दिन से किसान मंडी शुल्क के विरोध में जिंसों की बिक्री मंडी से बाहर ही कर रहे हैं. 3 दिन पहले किसानों ने मंडी प्रशासन के साथ वार्ता में स्पष्ट किया था कि जब तक मंडी टैक्स लागू रहेगा वे अपनी उपज को बाहर ही बेचेंगे. आंदोलन के चलते मंडी में रौनक नहीं रही है.

अधिकांश व्यापारी अपनी दुकानों पर आए और चक्काजाम के प्रभाव और केंद्र सरकार के सख्त रुख पर ही चर्चा में व्यस्त रहे. धानमंडी सुनसान रहने के चलते अधिकतर पिंड खाली नजर आए तो वहीं, पहले की रखी जिन्सों की बोरियां ही नजर आई.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: एसीबी ने रिश्वत लेते आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को दबोचा

कच्चा आढ़तिया संघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रेश जैन ने बताया कि नए कृषि अध्यादेश के विरोध में किसानों और मजदूरों को समर्थन देने के लिए व्यापारी भी चक्का जाम में शामिल है. जिसके चलते धान मंडी में किसी प्रकार की हलचल नहीं है. चक्का जाम के चलते धान मंडी में व्यापारी भी नहीं आए.

व्यापारियों की मानें तो केंद्र सरकार की ओर से कृषि जिंसों की खरीद में किए गए परिवर्तन से आने वाले दिनों में धान मंडी सुनसान नजर आने लगेगी. वहीं, किसानों का माल सीधा कंपनी को जाने के कारण किसानों के साथ धोखाधड़ी भी बढ़ेगी.

श्रीगंगानगर. कृषि जिंसों की खरीद बेचान के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश और नए मंडी एक्ट के विरोध में किसान, मजदूरों और व्यापारियों ने चक्काजाम आंदोलन शुरू किया है. इस दौरान शुक्रवार को नई धान मंडी में भी हड़ताल रही. इस कारण शुक्रवार को मंडी में जिंसों की आवक नहीं हुई.

कृषि अध्यादेश के विरोध में बंद रही प्रदेश की मंडियां

बता दें कि धान मण्डी में किसी प्रकार की बोली नहीं करवाई गई. वैसे पिछले 3 दिन से किसान मंडी शुल्क के विरोध में जिंसों की बिक्री मंडी से बाहर ही कर रहे हैं. 3 दिन पहले किसानों ने मंडी प्रशासन के साथ वार्ता में स्पष्ट किया था कि जब तक मंडी टैक्स लागू रहेगा वे अपनी उपज को बाहर ही बेचेंगे. आंदोलन के चलते मंडी में रौनक नहीं रही है.

अधिकांश व्यापारी अपनी दुकानों पर आए और चक्काजाम के प्रभाव और केंद्र सरकार के सख्त रुख पर ही चर्चा में व्यस्त रहे. धानमंडी सुनसान रहने के चलते अधिकतर पिंड खाली नजर आए तो वहीं, पहले की रखी जिन्सों की बोरियां ही नजर आई.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: एसीबी ने रिश्वत लेते आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को दबोचा

कच्चा आढ़तिया संघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रेश जैन ने बताया कि नए कृषि अध्यादेश के विरोध में किसानों और मजदूरों को समर्थन देने के लिए व्यापारी भी चक्का जाम में शामिल है. जिसके चलते धान मंडी में किसी प्रकार की हलचल नहीं है. चक्का जाम के चलते धान मंडी में व्यापारी भी नहीं आए.

व्यापारियों की मानें तो केंद्र सरकार की ओर से कृषि जिंसों की खरीद में किए गए परिवर्तन से आने वाले दिनों में धान मंडी सुनसान नजर आने लगेगी. वहीं, किसानों का माल सीधा कंपनी को जाने के कारण किसानों के साथ धोखाधड़ी भी बढ़ेगी.

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