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श्रीगंगानगरः श्रमिक संगठनों ने जिला कलेक्ट्रेट पर की नारेबाजी, हड़ताल की दी चेतावनी

श्रीगंगानगर के श्रमिक संगठनों ने अपनी मांगों के लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. श्रमिकों की मांग है कि मजदूरों के परिवारों को मूलभूत सुविधाएं और बच्चों को शिक्षा मिलें. इसेक साथ ही श्रमिकों ने हड़ताल करने की भी चेतावनी दी.

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Published : Mar 5, 2020, 8:41 PM IST

श्रीगंगानगर विरोध प्रदर्शन, protests in Shriganganagar
विरोध प्रदर्शन करते श्रमिक

श्रीगंगानगर. श्रमिक संगठनों ने अपनी 11 सूत्री मांगे मनवाने को लेकर गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट पर जमकर नारेबाजी की. श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में श्रमिक संगठन सीटू और ईट भट्टा यूनियन ने ईट भट्टों पर मजदूरी करने वाले मजदूरों के परिवारों को मूलभूत सुविधाएं दिलवाने और शिक्षा विभाग की ओर से ईंट भट्ठों के पास स्कूल खोलने की मांग की है.

विरोध प्रदर्शन करते श्रमिक

यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि यूनियन बनने के 30 सालों बाद भी ईट भट्टों पर मजदूरी करने वाले परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है. वहीं भट्टा मजदूरों के लिए किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं ईंट भट्टा मालिकों की तरफ से नहीं दी जाती है. जिससे ईंट भट्टों पर काम करने वाले मजदूर परिवार भयंकर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.

पढ़ेंः श्रीगंगानगरः गेहूं की कालाबाजारी करने पर डिपो संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

श्रमिकों का कहना है कि शिक्षा विभाग छोटे बच्चों को पढ़ाई करने के लिए ईट भट्टों के आसपास दूर-दूर तक स्कूल की कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है. जिससे इन परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित रहते हैं. श्रमिक संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार साक्षरता के बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन ईट भट्टों के आसपास शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.

ऐसे में श्रमिक संगठनों की मांग है कि नजदीक के भट्टों पर प्राथमिक स्कूल की व्यवस्था सरकार की ओर से करवाई जानी चाहिए. ताकि आसपास के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा ले सकें. उन्होंने आरोप लगाया कि श्रमिक मालिकों का व्यवहार ईट भट्टा मजदूरों के परिवारों के प्रति सही नहीं होने के कारण वार्ता तक नहीं हो पाती है. अगर श्रमिकों की मांगे पूरी नहीं हुई तो ऐसे में ईंट भट्टा यूनियन हड़ताल करने पर भी मजबूर होगी.

श्रीगंगानगर. श्रमिक संगठनों ने अपनी 11 सूत्री मांगे मनवाने को लेकर गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट पर जमकर नारेबाजी की. श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में श्रमिक संगठन सीटू और ईट भट्टा यूनियन ने ईट भट्टों पर मजदूरी करने वाले मजदूरों के परिवारों को मूलभूत सुविधाएं दिलवाने और शिक्षा विभाग की ओर से ईंट भट्ठों के पास स्कूल खोलने की मांग की है.

विरोध प्रदर्शन करते श्रमिक

यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि यूनियन बनने के 30 सालों बाद भी ईट भट्टों पर मजदूरी करने वाले परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है. वहीं भट्टा मजदूरों के लिए किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं ईंट भट्टा मालिकों की तरफ से नहीं दी जाती है. जिससे ईंट भट्टों पर काम करने वाले मजदूर परिवार भयंकर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.

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श्रमिकों का कहना है कि शिक्षा विभाग छोटे बच्चों को पढ़ाई करने के लिए ईट भट्टों के आसपास दूर-दूर तक स्कूल की कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है. जिससे इन परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित रहते हैं. श्रमिक संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार साक्षरता के बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन ईट भट्टों के आसपास शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.

ऐसे में श्रमिक संगठनों की मांग है कि नजदीक के भट्टों पर प्राथमिक स्कूल की व्यवस्था सरकार की ओर से करवाई जानी चाहिए. ताकि आसपास के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा ले सकें. उन्होंने आरोप लगाया कि श्रमिक मालिकों का व्यवहार ईट भट्टा मजदूरों के परिवारों के प्रति सही नहीं होने के कारण वार्ता तक नहीं हो पाती है. अगर श्रमिकों की मांगे पूरी नहीं हुई तो ऐसे में ईंट भट्टा यूनियन हड़ताल करने पर भी मजबूर होगी.

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