श्रीगंगानगर. अदालती कामकाज में तेजी लाने व अदालतों में लंबित चल रहे मामलों का मध्यस्था से निपटारा करने के लिए कदम उठाए गए है. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीगंगानगर के अध्यक्ष चंद्रेश शर्मा के निर्देशानुसार न्याय क्षेत्र में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.
लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु समस्त जिले के लिए कुल 19 बेंच का गठन किया गया. जिसमे प्रत्येक बेंच में एक न्यायिक अधिकारी तथा 1 सदस्य शामिल किए गए. श्रीगंगानगर जिले में लोक अदालत में आपसी राजीनामे से लगभग 1500 मामलों को निपटाने का लक्ष्य रखा गया था. जिला मुख्यालय पर जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव सुषमा पारीक ने लोक अदालत में मामलो को लेकर उनका निपटारा करवाया.
अपर जिला सेशन न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुषमा पारीक ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दाण्डिक शमनीय अपराध, चेक अनादर के मामले, बैंक ऋण संबंधी मामले, मोटरयान दुर्घटना संबंधी मामले, वैवाहिक मामले, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, बिजली पानी के अशमनीय मामलों के अतिरिक्त मामले, अन्य सिविल मामलों व राजीनामा योग्य मामलों को लोक अदालत की भावना से पक्षकारों के मध्यस्थता के जरिए राजीनामा निस्तारण का प्रयास किया गया.
राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित कुल 1077 प्रकरणों को निस्तारित किया जाकर कुल 5 करोड़ 7 लाख 35 हजार 118 रुपए का अवार्ड पारित किया गया. इसी प्रकार बैंक लोन तथा बीएसएनएल के 113 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे से किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत के शुभारंभ पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या दो एवं सचिव सुषमा पारीक द्वारा जिला न्यायालय कैंपस में पौधरोपण किया गया. इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अन्य उपस्थित रहे.