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नेशनल टीम सर्वे में पास हुए तो श्रीगंगानगर जिला अस्पताल को मिलेंगे 40 लाख रुपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा

राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम में एंट्री के लिए जिला अस्पताल सीकर ने 85% और जिला अस्पताल श्रीगंगानगर ने 80% को हासिल किया है. आनेवाले समय में सब ठीक रहा तो श्रीगंगानगर जिला अस्पताल बेहतर सेवाएं देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होगा.

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श्रीगंगानगर अस्पताल को मिला स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट
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Published : Apr 3, 2021, 10:36 AM IST

श्रीगंगानगर. सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में जिला अस्पताल बेहतर सेवाएं देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होगा. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में जिला अस्पताल की एंट्री की पात्रता बनने के बाद अब सर्वे के लिए आने वाली राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम की टीम के निरीक्षण में सेवाएं बेहतर मिली. जिला अस्पताल को हर साल 40 लाख रुपए केंद्र सरकार की तरफ से अनुदान दिया जायेगा. स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट राज्य में सीकर और श्रीगंगानगर सहित दो ही अस्पतालों को हासिल हुआ है.

श्रीगंगानगर अस्पताल को मिला स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट

2019-20 में जिला अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कायाकल्प प्रोजेक्ट में प्रथम रहा था. अब अस्पताल को 2020-21 का स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है. इससे जिले का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में अस्पताल की एंट्री की पात्रता बन चुकी है. स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट राज्य में सीकर और श्रीगंगानगर सहित दो ही अस्पतालों को हासिल हुआ है. पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम में एंट्री के लिए जिला अस्पताल सीकर ने 85 प्रतिशत और जिला अस्पताल श्रीगंगानगर ने 80 प्रतिशत को हासिल किया है. जनवरी में राज्य स्तरीय टीम ने राज्यभर के जिला अस्पतालों का निरीक्षण किया था. इसमें राज्य सरकार ने कम से कम 10 अस्पतालों की राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में एंट्री करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. राज्य स्तरीय क्वालिटी सर्टिफिकेट निरीक्षण में न्यूनतम 76% स्कोर होने पर राष्ट्रीय गुणवत्ता स्वास्थ्य कार्यक्रम में एंट्री होती है. इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम संबंधित चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण करती है. इसमें पात्र घोषित होने पर प्रति बेड 10000 रुपए के हिसाब से स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए हर साल अनुदान मिलता है.

यह भी पढ़ें. व्यापारियों व ट्रक ऑपरेटरों के बीच चल रहा गतिरोध हुआ समाप्त, धान मंडी के व्यापारी थे हड़ताल पर

यह अनुदान राशि 3 वर्ष तक दी जाती है. जिला अस्पताल में स्वीकृत बेडों की संख्या 400 है. इससे 40 लाख रुपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा.अस्पताल के विभिन्न विभागों के एचओडी की बैठक कर निरीक्षण की तैयारी करने पर चर्चा की जा रही है. जिससे जिला अस्पताल की बेहतरीन परफॉर्मेंस है.

श्रीगंगानगर. सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में जिला अस्पताल बेहतर सेवाएं देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होगा. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में जिला अस्पताल की एंट्री की पात्रता बनने के बाद अब सर्वे के लिए आने वाली राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम की टीम के निरीक्षण में सेवाएं बेहतर मिली. जिला अस्पताल को हर साल 40 लाख रुपए केंद्र सरकार की तरफ से अनुदान दिया जायेगा. स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट राज्य में सीकर और श्रीगंगानगर सहित दो ही अस्पतालों को हासिल हुआ है.

श्रीगंगानगर अस्पताल को मिला स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट

2019-20 में जिला अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कायाकल्प प्रोजेक्ट में प्रथम रहा था. अब अस्पताल को 2020-21 का स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है. इससे जिले का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में अस्पताल की एंट्री की पात्रता बन चुकी है. स्टेट क्वालिटी सर्टिफिकेट राज्य में सीकर और श्रीगंगानगर सहित दो ही अस्पतालों को हासिल हुआ है. पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम में एंट्री के लिए जिला अस्पताल सीकर ने 85 प्रतिशत और जिला अस्पताल श्रीगंगानगर ने 80 प्रतिशत को हासिल किया है. जनवरी में राज्य स्तरीय टीम ने राज्यभर के जिला अस्पतालों का निरीक्षण किया था. इसमें राज्य सरकार ने कम से कम 10 अस्पतालों की राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में एंट्री करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. राज्य स्तरीय क्वालिटी सर्टिफिकेट निरीक्षण में न्यूनतम 76% स्कोर होने पर राष्ट्रीय गुणवत्ता स्वास्थ्य कार्यक्रम में एंट्री होती है. इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम संबंधित चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण करती है. इसमें पात्र घोषित होने पर प्रति बेड 10000 रुपए के हिसाब से स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए हर साल अनुदान मिलता है.

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यह अनुदान राशि 3 वर्ष तक दी जाती है. जिला अस्पताल में स्वीकृत बेडों की संख्या 400 है. इससे 40 लाख रुपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा.अस्पताल के विभिन्न विभागों के एचओडी की बैठक कर निरीक्षण की तैयारी करने पर चर्चा की जा रही है. जिससे जिला अस्पताल की बेहतरीन परफॉर्मेंस है.

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