जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन में फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेंडर लेने से जुडे़ ईडी के मामले में आरोपी महेश मित्तल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने गत 31 जनवरी को सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जमानत याचिका में अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने अदालत को बताया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट से पदम चंद जैन, पीयूष जैन और संजय बडाया को जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा यदि उसने संजय बडाया के जरिए तत्कालीन मंत्री महेश जोशी को रुपए देना बताया जा रहा है तो फिर महेश जोशी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी पदम चंद जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बिंदु पर सवाल खड़ा किया था. याचिका में यह भी कहा गया कि उसे जेल में रखने से उसके संविधान प्रदत्त अनुच्छेद 21 के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
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इसका विरोध करते हुए ईडी की ओर से एएसजी राज दीपक रस्तोगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की लार्जर बेंच तय कर चुकी है कि ऐसे मामलों में यदि अदालत जमानत देती है तो उसे यह बताना होगा कि संबंधित आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता. इस मामले में आरोपी के खिलाफ ईडी कोर्ट प्रसंज्ञान ले चुका है. इसके अलावा कोई भी आरोपी यह नहीं कह सकता कि उसके सह आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है तो उसे जमानत दी जाए. ऐसे में आरोपी की जमानत याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.