सादुलपुर (श्रीगंगानगर). हिसार रोड पर स्थित निजी स्कूल में ब्लॉक स्तरीय पांच दिवसीय एकीकृत शीक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ एडीपीसी रमेशचंद्र पूनिया ने किया. राजस्थान राज्य स्कूल परिसर तथा कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान चूरू के निर्देशानुसार आयोजित शिविर में लगभग डेढ़ सौ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया.
वहीं मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से प्रारंभ कार्यक्रम में एडीपीसी रमेशचंद्र पूनिया ने वर्तमान समय में प्रशिक्षण की आवश्यकता और महत्ता पर प्रकाश डाला. साथ ही विद्यालय में गुणवत्ता पूर्वक विद्यार्थियों को शिक्षा उपलब्ध करवाने तथा ब्लॉक में रैकिंग का सुधार करने पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को जिम्मेदारी के साथ स्कूलों और विद्यार्थियों के विकास की प्रेरणा दी, तथा कहा कि किसी भी हाल में ब्लॉक पिछड़े नहीं और ना ही रैकिंग कम हो. पूनिया ने प्रशिक्षण में प्राप्त सुविधाओं पर शिघ्र मनन करने की आवश्यकता जताई है. पूनिया ने कहा कि जब तक काम नहीं बोलेगा तब तक विकास भी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि सीखने की उम्र नहीं होती, बल्कि दिल में भावना और ललक भी होना चाहिए.
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बता दें कि नरेश कुमार सहायक निदेशक मुख्य जिला शिक्षाधिकारी चूरू ने प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण प्राप्त ज्ञान का उपयोग करने की आवश्कता जताई. साथ ही एक योजना बनाकर विद्यालय का विकास करने, अधिक से अधिक नामांकन बढ़ाने, शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को नैतिक चरित्र निर्माण कर सभ्य नागरिक बनाने तथा मानवीय गुणों का विकास करने पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यार्थी की प्रतिभा शिक्षक की उपलब्धि होती है. ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को प्यार-दुलार देकर स्कूल से जोड़ने का काम करें. हरलालसिंह हुड्डा ने अधिकारियों और प्रशिक्षणार्थियों का आभार जताया. वहीं अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षाधिकारी प्रथम दीवान सिंह सुरा ने शिविर में संचालित गतिविधियों, नवाचार, गुणवत्तापूर्वक शिक्षा आदि की जानकारी दी तथा कहा कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास शिक्षा से ही संभव है.
साथ ही अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षाधिकारी द्वितीय कमल स्वामी ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. सुरेन्द्र शर्मा कार्यक्रम अधिकारी समसा चूरू और सुरेन्द्र पूनिया व्यवस्था प्रभारी ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस अवसर पर सोमवीर सरावग, एसआरएलपी और प्रशिक्षण शिविर समन्वयक आदि ने भी विचार व्यक्त किए. वहीं रामचंद्रसिंह राठौड़, कलावति खीचड़, कृश्णदत्त शर्मा, गोपीकृष्ण निमीवाल आदि ने भागीदारी निभाई. संचालन वीरेन्द्र मांजू ने किया. आइडियल पब्लिक स्कूल के रविन्द्र श्योराण ने अतिथियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया.