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श्रीगंगानगर : टिड्डी दल के अटैक से परेशान किसानों की गुहार, 'स्थाई समाधान करो सरकार'

श्रीगंगानगर में टिड्डी दल के बढ़ते आतंक से किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. कई किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है. किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया. प्रशासन से गुहार लगाई है, कि सरकार टिड्डियों का स्थाई समाधान करे और किसानों की बर्बाद हो चुकी फसलों का मुआवजा दे.

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किसानों ने किया धरना प्रदर्शन
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Published : Jan 25, 2020, 1:39 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डी के स्थाई समाधान करने, प्रभावित क्षेत्र में किसानों को मुआवजा और फसल बीमा क्लेम शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया.

टिड्डी की मार से किसान बेहाल

किसानों के प्रदर्शन के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी चौकन्ने हो गए. प्रदर्शन में शामिल अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन से जुड़े प्रमुख किसान नेताओं को कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने ड्रोन से दवा का छिड़काव करके टिड्डी नियंत्रण का आश्वासन दिया है.

टिड्डी की मार से किसान बेहाल

पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने आरोप लगाया, कि टिड्डियों के नियंत्रण को लेकर प्रशासन और राज्य सरकार गंभीर नहीं है. प्रशासन के पास पुख्ता इंतजाम नहीं है. जिससे किसानों की पूरी फसलें चौपट होने की कगार पर है.

बेनीवाल ने कहा, कि टिड्डियों को रोक पाना किसान की समझ से परे है. वहीं राज्य सरकार भी साथ नहीं दे रही है. किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने कहा, कि टिड्डियों के खात्मे के लिए मनरेगा श्रमिकों की मदद ली जाए. गड्ढे खोदकर प्राचीन युक्ति के तहत टिड्डियों को जमीन में दफन किया जा सकता है.

पढ़ेंः सादुलशहर पहुंचा टिड्डी दल, खेत में थाली बजा कर टिड्डी भगा रहे किसान

प्रशासन के पास फायर ब्रिगेड, दवाई की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है. किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी ने हेलीकॉप्टर से दवा छिड़काव की मांग की.

बता दें, कि पाकिस्तान से जिले में टिड्डियों के बड़ी संख्या में प्रवेश करने की वजह से रायसिंहनगर के पीएस क्षेत्र, आरबी, एमके, टीके क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है.

टिड्डी की मार से परेशानी झेल रहे किसान नेता जब प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां भी निराशा हाथ लगी.

पढ़ेंः बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

पाकिस्तान से लगातार आ रही टिड्डी दल से बर्बाद हो चुके सीमावर्ती एरिया के किसानों और किसान संगठनों के पदाधिकारियों से ईटीवी भारत ने बात की तो उनका दर्द कुछ यूं सामने आया. पाकिस्तान सीमा से लेकर पूरे जिले में धीरे-धीरे फैल रही टिड्डियों से किसान परेशान हैं.

किसान सभा के नेताओं ने कहा है, कि टिड्डियों का स्थाई सामाधान, खराब फसल का मुआवजा और फसल बीमा क्लेम की मांग के समर्थन में किसान पदमपुर, श्रीविजयनगर, रायसिंहनगर, रावला, घड़साना,अनूपगढ़ सीमावर्ती तहसीलों में 28 जनवरी को प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ेंः लालगढ़ जाटान में पंचायत चुनाव सम्पन्न, महेन्द्र राठौड़ 18 वोट से बने उपसरपंच

वहीं 3 फरवरी को जिला मुख्यालय पर किसान पड़ाव डालेंगे. किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने टिड्डी पर नियंत्रण करने के लिए कृषि विभाग अधिकारियों के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए प्रशासन और सरकार को गुमराह करने की बात कही.

उन्होंने कहा, कि कृषि विभाग के आला अधिकारी टिड्डियों को नियंत्रित करने की बात कह रहे हैं, जबकि जिले में लगातार टिड्डियां फैलती जा रहीं हैं. वहीं कृषि विभाग के अधिकारी यह दावे कर रहे हैं, कि नुकसान ज्यादा नहीं हुआ है, लेकिन कुछ किसानों के खेत पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. ऐसे में उन्हें किस प्रकार से मुआवजा दिया जाएगा यह भी एक बड़ा सवाल है.

श्रीगंगानगर. जिले में टिड्डी के स्थाई समाधान करने, प्रभावित क्षेत्र में किसानों को मुआवजा और फसल बीमा क्लेम शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया.

टिड्डी की मार से किसान बेहाल

किसानों के प्रदर्शन के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी चौकन्ने हो गए. प्रदर्शन में शामिल अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन से जुड़े प्रमुख किसान नेताओं को कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने ड्रोन से दवा का छिड़काव करके टिड्डी नियंत्रण का आश्वासन दिया है.

टिड्डी की मार से किसान बेहाल

पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने आरोप लगाया, कि टिड्डियों के नियंत्रण को लेकर प्रशासन और राज्य सरकार गंभीर नहीं है. प्रशासन के पास पुख्ता इंतजाम नहीं है. जिससे किसानों की पूरी फसलें चौपट होने की कगार पर है.

बेनीवाल ने कहा, कि टिड्डियों को रोक पाना किसान की समझ से परे है. वहीं राज्य सरकार भी साथ नहीं दे रही है. किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने कहा, कि टिड्डियों के खात्मे के लिए मनरेगा श्रमिकों की मदद ली जाए. गड्ढे खोदकर प्राचीन युक्ति के तहत टिड्डियों को जमीन में दफन किया जा सकता है.

पढ़ेंः सादुलशहर पहुंचा टिड्डी दल, खेत में थाली बजा कर टिड्डी भगा रहे किसान

प्रशासन के पास फायर ब्रिगेड, दवाई की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है. किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी ने हेलीकॉप्टर से दवा छिड़काव की मांग की.

बता दें, कि पाकिस्तान से जिले में टिड्डियों के बड़ी संख्या में प्रवेश करने की वजह से रायसिंहनगर के पीएस क्षेत्र, आरबी, एमके, टीके क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है.

टिड्डी की मार से परेशानी झेल रहे किसान नेता जब प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां भी निराशा हाथ लगी.

पढ़ेंः बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

पाकिस्तान से लगातार आ रही टिड्डी दल से बर्बाद हो चुके सीमावर्ती एरिया के किसानों और किसान संगठनों के पदाधिकारियों से ईटीवी भारत ने बात की तो उनका दर्द कुछ यूं सामने आया. पाकिस्तान सीमा से लेकर पूरे जिले में धीरे-धीरे फैल रही टिड्डियों से किसान परेशान हैं.

किसान सभा के नेताओं ने कहा है, कि टिड्डियों का स्थाई सामाधान, खराब फसल का मुआवजा और फसल बीमा क्लेम की मांग के समर्थन में किसान पदमपुर, श्रीविजयनगर, रायसिंहनगर, रावला, घड़साना,अनूपगढ़ सीमावर्ती तहसीलों में 28 जनवरी को प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ेंः लालगढ़ जाटान में पंचायत चुनाव सम्पन्न, महेन्द्र राठौड़ 18 वोट से बने उपसरपंच

वहीं 3 फरवरी को जिला मुख्यालय पर किसान पड़ाव डालेंगे. किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने टिड्डी पर नियंत्रण करने के लिए कृषि विभाग अधिकारियों के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए प्रशासन और सरकार को गुमराह करने की बात कही.

उन्होंने कहा, कि कृषि विभाग के आला अधिकारी टिड्डियों को नियंत्रित करने की बात कह रहे हैं, जबकि जिले में लगातार टिड्डियां फैलती जा रहीं हैं. वहीं कृषि विभाग के अधिकारी यह दावे कर रहे हैं, कि नुकसान ज्यादा नहीं हुआ है, लेकिन कुछ किसानों के खेत पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. ऐसे में उन्हें किस प्रकार से मुआवजा दिया जाएगा यह भी एक बड़ा सवाल है.

Intro:श्रीगंगानगर : जिले में टीडीयों के स्थाई समाधान करने,प्रभावित क्षेत्र में किसानों को मुआवजा एवं फसल बीमा क्लेम शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना देकर प्रदर्शन किया तो प्रशासनिक अधिकारी भी चौकाने हो गए। प्रदर्शन में शामिल अखिल भारतीय किसान सभा,किसान संघर्ष समिति एवं जय किसान आंदोलन से जुड़े प्रमुख किसान नेताओं को कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने ड्रोन से दवा का छिड़काव करके टीडी नियंत्रण का आश्वासन दिया है। पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने आरोप लगाया कि टीडीयों के नियंत्रण को लेकर प्रशासन व राज्य सरकार गंभीर नहीं है। प्रशासन के पास पुख्ता इंतजाम नहीं है।किसानो की पूरी फसलें चौपट होने की कगार पर है।बेनीवाल ने कहा कि टीडीयो को रोक पाना किसान की समझ से परे है।वहीं राज्य सरकार भी साथ नहीं दे रही है।किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने कहा कि टीडीओ के खात्मे के लिए मनरेगा श्रमिकों की मदद ली जाए। गड्ढे खोदकर प्राचीन युक्ति के तहत टीडीयों को जमीन में दफन किया जा सकता है। वहीं प्रशासन के पास फायर ब्रिगेड,दवाई आदि की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी ने हेलीकॉप्टर से दवा छिड़काव की मांग की। पाकिस्तान से जिले में टीड़ियों का बड़ी संख्या में प्रवेश करने की वजह से रायसिंहनगर के पीएस क्षेत्र,आरबी,एमके,टीके आदि क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। टीडी की मार से परेशानी झेल रहे किसान नेताओ ने जब प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां भी निराशा हाथ लगी। पाकिस्तान से लगातार आ रही टिड्डी दल से बर्बाद हो चुके सीमावर्ती एरिया के किसानों व किसान संगठनो के पदाधिकारियों से ईटीवी भारत ने बात की तो उनका दर्द कुछ यू सामने आया।


Body:पाकिस्तान सीमा से लेकर पूरे जिले में धीरे-धीरे फैल रही टीडीयों से किसान परेशान है।टीड़ियों के झुंड पहुंचने से किसानों की परेशानी पर चिंता की लकीरें उभर आई है।अब किसानो को अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है। किसान सभा के नेताओं ने कहा है कि टीडीयो की समस्या के स्थाई समाधान फसल खराबे का मुआवजा व फसल बीमा क्लेम की मांग के समर्थन में किसान पदमपुर,श्रीविजयनगर,रायसिंहनगर,रावला,घड़साना,अनूपगढ़ आदि सीमावर्ती तहसीलों में 28 जनवरी को प्रदर्शन करेंगे।वहीं 3 फरवरी को जिला मुख्यालय पर किसान पड़ाव डालेंगे।किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने टीडी पर नियंत्रण करने के लिए कृषि विभाग अधिकारियों के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए प्रशासन व सरकार को गुमराह करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के आलाधिकारी टीडीओ को नियंत्रण करने की बात कह रहे हैं,जबकि टीड़िया लगातार जिले में फैलती जा रही है। वही कृषि विभाग के अधिकारी यह दावे कर रहे हैं कि नुकसान ज्यादा नहीं हुआ है लेकिन कुछ किसानों के खेत पूरे के पूरे बर्बाद हो गए हैं।ऐसे में उन्हें किस प्रकार से मुआवजा दिया जाएगा यह भी एक बड़ा सवाल है।

121 किसान संगठन के नेताओ के साथ।


Conclusion:ईटीवी भारत के सामने झलका किसानो का दर्द।
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