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बजट के अभाव में अटका संगमेश्वर हैंगिंग ब्रिज का कार्य, ठेकेदार को नहीं हुआ पूरा भुगतान - SANGAMESHWAR HANGING BRIDGE

डूंगरपुर के चीखली में बन रहा संगमेश्वर हैंगिंग ब्रिज का कार्य अटक गया है. ठेकेदार को 33 करोड़ का ही भुगतान किया गया है.

Sangameshwar Hanging Bridge
संगमेश्वर हैंगिंग ब्रिज (ETV Bharat Dungarpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2025, 4:11 PM IST

डूंगरपुर: जिले की चिखली ग्राम पंचायत के बेडुआ में पिछले 9 साल से प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े हैंगिंग ब्रिज का काम बजट के अभाव में अटक गया है. दिसंबर 2020 तक इस ब्रिज का काम पूरा होना था, लेकिन पहले कोरोना काल, फिर ब्रिज के डिजाइन संबंधित समस्या और अब ठेकेदार को 33 करोड़ से अधिक का भुगतान नहीं होने से ब्रिज का काम अटक गया है. ऐसे में ब्रिज के बनने से डगर आसान होने का सपना देख रहे क्षेत्रवासियों का इंतजार बढ़ गया है.

क्यों अटका हैंगिंग ब्रिज का काम (ETV Bharat Dungarpur)

गुजरात से सटे डूंगरपुर के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में माही-अनास और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम संगमेश्वर और बांसवाड़ा जिले के आन्नदपुरी के बीच हैंगिंग ब्रिज का काम पिछले 9 सालों से चल रहा है. इस पुल के बनते ही सागवाड़ा से लेकर गलियाकोट समेत कई कस्बे 20 किमी की दूरी में बांसवाड़ा के आनंदपुरी से जुड़ जाएंगे. लेकिन 2020 में पूरा होने वाला पुल का काम अभी तक भी पूरा नहीं हो पाया है.

पढ़ें: घोड़ा पछाड़ नदी में तैयार हो रहा लक्ष्मण झूला, 1500 गांव की बस्ती को मिलेगी राहत, जुगाड़ की नाव से मिलेगा छुटकारा

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में हुआ था स्वीकृत: यह ब्रिज पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय में 2016 में स्वीकृत हुआ था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान सरकार की ओर से हैंगिंग ब्रिज का काम करवाया जा रहा है. इस ब्रिज की कुल लम्बाई 1.925 किलोमीटर लंबा है. इसके लिए स्वीकृत राशि में से सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ एवं एसआरएफ से 34.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस काम को 13 दिसंबर, 2020 को पूरा करने की डेडलाइन दी गई थी. लेकिन पुल के डिजाइन के साथ ही कोरोना के चलते ये काम रुक गया था. वहीं अब बजट के अभाव में काम फिर से अटक गया है.

Sangameshwar Hanging Bridge
हैंगिंग ब्रिज का कार्य का काम अटका (ETV Bharat Dungarpur)

पढ़ें: मोनेटाइजेशन स्कीम में हैंगिंग ब्रिज को दिया गया लीज पर, कोटा के वाहनों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन - KOTA HANGING BRIDGE

90 फीसदी हो गया कार्य: डूंगरपुर जिले के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में 125 करोड़ की लागत से हैंगिंग ब्रिज बन रहा है. ये एक्स्ट्राडोज्ड ब्रिज राजस्थान में अपनी तरह का दूसरा होगा जो केबल से सहारे टिकेगा. अब तक चौखली और आनंदपुरी के दोनों छोरों को मिलाकर 17 पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं. विदेशी कंपनी के माध्यम से तारों का कार्य शुरू कर दिया है. अब तक इस प्रोजेक्ट का 90 फीसदी से भी ज्यादा काम पूरा हो चुका है.

पढ़ें: 3 साल से खतरे में कोटा हैंगिंग ब्रिज की सुरक्षा, हादसों को निमंत्रण देते धड़ल्ले से गुजरते ओवरलोड वाहन - East West Corridor

सफर होगा आसान, दूरियां होगी कम: इस पुल के बनने से चिखली से बेडुवा की दूरी 4 किमी और बेडुवा से आनंदपुरी की दूरी 4 किमी होगी. आनंदपुरी से मानगढ़ की दूरी 8 किलोमीटर है. ऐसे में इस पुल के बन जाने से चिखली से मानगढ़ की दूरी केवल 16 किलोमीटर ही रह जाएगी. वर्तमान में चिखली से सागवाड़ा, परतापुर होकर मानगढ़ जाने के लिए 115 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों की सीमाओं का विभाजन करने वाली माही नदी पर डूंगरपुर जिले के चीखली तथा बांसवाड़ा जिले के डोकर के मध्य अनास नदी का संगम होता है. माही नदी पर गुजरात की सीमा पर कड़ाणा बांध का निर्माण हुआ है. जिससे कड़ाणा का बैंक वाटर आने से यह स्थान और अपस्ट्रीम डूब क्षेत्र में है.

विधायक बोले सरकार से करेंगे बात: इधर इस मामले में जब विभागीय अधिकारी से बात करनी चाही, तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया. वहीं मामले में चौरासी विधायक अनिल कटारा ने कहा कि संगमेश्वर हैंगिंग ब्रिज बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट है. इसके पूर्ण होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. बजट के अभाव में कार्य अटका पड़ा है. इस संबंध में सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी.

बहराल संगमेश्वर पुल का निर्माण कार्य बजट के अभाव में अटका पड़ा है जिसके चलते लोगों का इंतजार भी और बढ़ गया है. ऐसे में फिलहाल यात्रियों का सफर नाव से ही जारी है. बांसवाड़ा जिले के आंदनपुरी सहित सैकड़ों गांवों में सामाजिक समोराह में सम्मिलित होने के लिए लोग नाव से ही आना-जाना करते हैं. दूसरी और राजकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी भी इसी जलमार्ग से आते-जाते हैं. इस ब्रिज का काम पूरा होने के बाद लोगों की राह आसान होगी. अब देखने वाली बात ये होगी कि ये राहत आखिर लोगों को कब तक मिल पाती है.

डूंगरपुर: जिले की चिखली ग्राम पंचायत के बेडुआ में पिछले 9 साल से प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े हैंगिंग ब्रिज का काम बजट के अभाव में अटक गया है. दिसंबर 2020 तक इस ब्रिज का काम पूरा होना था, लेकिन पहले कोरोना काल, फिर ब्रिज के डिजाइन संबंधित समस्या और अब ठेकेदार को 33 करोड़ से अधिक का भुगतान नहीं होने से ब्रिज का काम अटक गया है. ऐसे में ब्रिज के बनने से डगर आसान होने का सपना देख रहे क्षेत्रवासियों का इंतजार बढ़ गया है.

क्यों अटका हैंगिंग ब्रिज का काम (ETV Bharat Dungarpur)

गुजरात से सटे डूंगरपुर के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में माही-अनास और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम संगमेश्वर और बांसवाड़ा जिले के आन्नदपुरी के बीच हैंगिंग ब्रिज का काम पिछले 9 सालों से चल रहा है. इस पुल के बनते ही सागवाड़ा से लेकर गलियाकोट समेत कई कस्बे 20 किमी की दूरी में बांसवाड़ा के आनंदपुरी से जुड़ जाएंगे. लेकिन 2020 में पूरा होने वाला पुल का काम अभी तक भी पूरा नहीं हो पाया है.

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पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में हुआ था स्वीकृत: यह ब्रिज पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय में 2016 में स्वीकृत हुआ था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान सरकार की ओर से हैंगिंग ब्रिज का काम करवाया जा रहा है. इस ब्रिज की कुल लम्बाई 1.925 किलोमीटर लंबा है. इसके लिए स्वीकृत राशि में से सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ एवं एसआरएफ से 34.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस काम को 13 दिसंबर, 2020 को पूरा करने की डेडलाइन दी गई थी. लेकिन पुल के डिजाइन के साथ ही कोरोना के चलते ये काम रुक गया था. वहीं अब बजट के अभाव में काम फिर से अटक गया है.

Sangameshwar Hanging Bridge
हैंगिंग ब्रिज का कार्य का काम अटका (ETV Bharat Dungarpur)

पढ़ें: मोनेटाइजेशन स्कीम में हैंगिंग ब्रिज को दिया गया लीज पर, कोटा के वाहनों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन - KOTA HANGING BRIDGE

90 फीसदी हो गया कार्य: डूंगरपुर जिले के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में 125 करोड़ की लागत से हैंगिंग ब्रिज बन रहा है. ये एक्स्ट्राडोज्ड ब्रिज राजस्थान में अपनी तरह का दूसरा होगा जो केबल से सहारे टिकेगा. अब तक चौखली और आनंदपुरी के दोनों छोरों को मिलाकर 17 पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं. विदेशी कंपनी के माध्यम से तारों का कार्य शुरू कर दिया है. अब तक इस प्रोजेक्ट का 90 फीसदी से भी ज्यादा काम पूरा हो चुका है.

पढ़ें: 3 साल से खतरे में कोटा हैंगिंग ब्रिज की सुरक्षा, हादसों को निमंत्रण देते धड़ल्ले से गुजरते ओवरलोड वाहन - East West Corridor

सफर होगा आसान, दूरियां होगी कम: इस पुल के बनने से चिखली से बेडुवा की दूरी 4 किमी और बेडुवा से आनंदपुरी की दूरी 4 किमी होगी. आनंदपुरी से मानगढ़ की दूरी 8 किलोमीटर है. ऐसे में इस पुल के बन जाने से चिखली से मानगढ़ की दूरी केवल 16 किलोमीटर ही रह जाएगी. वर्तमान में चिखली से सागवाड़ा, परतापुर होकर मानगढ़ जाने के लिए 115 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों की सीमाओं का विभाजन करने वाली माही नदी पर डूंगरपुर जिले के चीखली तथा बांसवाड़ा जिले के डोकर के मध्य अनास नदी का संगम होता है. माही नदी पर गुजरात की सीमा पर कड़ाणा बांध का निर्माण हुआ है. जिससे कड़ाणा का बैंक वाटर आने से यह स्थान और अपस्ट्रीम डूब क्षेत्र में है.

विधायक बोले सरकार से करेंगे बात: इधर इस मामले में जब विभागीय अधिकारी से बात करनी चाही, तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया. वहीं मामले में चौरासी विधायक अनिल कटारा ने कहा कि संगमेश्वर हैंगिंग ब्रिज बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट है. इसके पूर्ण होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. बजट के अभाव में कार्य अटका पड़ा है. इस संबंध में सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी.

बहराल संगमेश्वर पुल का निर्माण कार्य बजट के अभाव में अटका पड़ा है जिसके चलते लोगों का इंतजार भी और बढ़ गया है. ऐसे में फिलहाल यात्रियों का सफर नाव से ही जारी है. बांसवाड़ा जिले के आंदनपुरी सहित सैकड़ों गांवों में सामाजिक समोराह में सम्मिलित होने के लिए लोग नाव से ही आना-जाना करते हैं. दूसरी और राजकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी भी इसी जलमार्ग से आते-जाते हैं. इस ब्रिज का काम पूरा होने के बाद लोगों की राह आसान होगी. अब देखने वाली बात ये होगी कि ये राहत आखिर लोगों को कब तक मिल पाती है.

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