श्रीगंगानगर. लॉकडाउन में नगर परिषद ने शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए सफाई अभियान शुरू किया है. संकट की इस घड़ी में गंदगी को दूर करने वाले स्वच्छता के प्रहरी इन दिनों शहर के नालों की सफाई करने में जोर शोर से जुटे हुए हैं. शहर के उन नालों को साफ किया जा रहा है, जिनकी वर्षों से सफाई नहीं होने के कारण मामूली सी बारिश में ये नाले अवरुद्ध हो जाते हैं.
बता दें कि मुख्य नाले की सफाई का काम सफाईकर्मी लगातार तेज गति से कर रहे हैं. नगर परिषद अब मलबा उठाव और नए चेंबर बनाने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है. संभवत ऐसा पहली बार है कि शहर में नालों की सफाई के दौरान लोगों ने विरोध की बजाय बराबर साथ दिया है. पार्षद संजय बिश्नोई का कहना है कि 10 से 15 वर्षों के दरमियान पहली बार नालों के तल की सफाई हो रही है. पहले भी नालों की सफाई को लेकर लोगों के विरोध और शिकायतों के बाद परिषद ने जेसीबी से नाले के ऊपर से सिल्ट और कचरा हटा दिया जाता था.
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फिर भी जैसे ही थोड़ी सी बारिश या पानी का दबाव बढ़ता था, नाले ओवरफ्लो हो जाते थे. इनका गंदा पानी सड़क पर आ जाता था. वहीं नाले पर सफाई देखकर शहरवासी भी खुश हैं. इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाले की सफाई के दौरान लोगों के घर और दुकानों के आगे सिल्ट के ढेर लगे हैं. इसके बावजूद हर कोई पूरी तरह साथ दे रहा है.
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नगर परिषद के अमित सीडाना ने बताया कि जहां से सिल्ट सूखती है. वहां ट्रैक्टर ट्राली की मदद से उठाकर शहर से बाहर भिजवायी जा रही है. बीरबल चौक से भाटिया पेट्रोल पंप तक 20 से 25 चैनलों की जरूरत होगी. सिल्ट भी उठाने का काम तेजी से किया जाएगा. जिससे लोगों को राहत मिले.
वहीं सिडाना ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद दुकानदारों, वार्डवासी और ग्राहकों को काफी अच्छा लगेगा. शहरवासियों को बारिश के बाद पानी भराव जैसी समस्या से भी स्थाई निजात मिल जाएगी. शहर के मुख्य नालों की सफाई लंबे समय से नहीं होने के कारण बारिश के दौरान यह नाली अवरुद्ध हो जाते हैं. जिसके चलते पानी निकासी नहीं हो पाती है.