श्रीगंगानगर. जिले के गरीबों को बांटने के लिए दिए गए गेहूं की कालाबाजारी करने के मामले में रसद विभाग ने डिपो संचालक के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत पुरानी आबादी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. रसद विभाग ने जो गेहूं गरीबों को बांटने के लिए डिपो संचालक को आवंटित किया था, वही गेहूं डिपो संचालक ने गरीबों को नहीं देकर कालाबाजारी करते हुए बाजार में बेच दिया.
पुरानी आबादी के डीलर दिनेश कुमार डिपो संचालक के खिलाफ जिला कलेक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते को शिकायत मिली थी कि डिपो संचालक की ओर से उचित मूल्य का राशन गरीबों को वितरण नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने जिला रसद अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए. जिला रसद अधिकारी के निर्देश पर की गई जांच में आवंटित गेहूं का मिलान किया तो पोस मशीन में 11 किलो गेहूं बकाया दिखाया जा रहा था, जबकि डिपो संचालक की दुकान में करीब 65 क्विंटल गेहूं मौके पर मिला.
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डीलर दिनेश कुमार को थोक विक्रेता की ओर से करीब 857 क्विंटल गेहूं उपलब्ध करवाया गया था. जबकि उसके ओर से 857 क्विंटल के स्थान पर 785 क्विंटल गेहूं की ऑनलाइन रिसीव किया गया. डीलर का पोस वितरण 791 क्विंटल कुल ऑनलाइन आमद में से कम करने के उपरांत उसका अंतिम बकाया दिसंबर 2019 में 11 किलोग्राम प्रदर्शित हो रहा था.
डीलर दिनेश कुमार पुत्र लोकचंद की ओर से 65 क्विंटल गेहूं उजागर नहीं होने पर विभाग ने मामले में कार्रवाई करते हुए उचित मूल्य दुकानदार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनुदानित श्रेणी के 65 क्विंटल गेहूं की कालाबाजारी में बेचान पाया गया. जिसके बाद रसद विभाग ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 में पुरानी आबादी थाना मे मुकदमा दर्ज करवाया है. पुरानी आबादी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.