श्रीगंगानगर. अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर कोविड-19 में सेवाएं दे रही आशा सहयोगिनों को अतिरिक्त मानदेय, सैनिटाइजर और मास्क नियमित रूप से देने की मांग की है.
संघ सदस्यों ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 के अंतर्गत आशा सहयोगीन अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से इन्हें ना तो अतिरिक्त मानदेय दिया जा रहा है और ना ही कोई सामग्री उप्लब्ध करवाई जा रही है. यही नहीं, आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय के रूप में जो 1 हजार रुपए मिलते तो वो भी बंद कर दिया गया है. मानें तो आशा कार्यकर्ताओं की जान के साथ विभाग खिलवाड़ कर रहा है. यदि किसी आशा सहयोगीन के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.
आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं ने सर्वे कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें कोरोना ड्यूटी के दौरान मानदेय और सेनेटाइजर मास्क सहित तमाम सुरक्षा के उपकरण नहीं दिए गए, तो वे इस सर्वे कार्य का बहिष्कार कर देंगे. इनकी मानें तो आशा सहयोगिन और एएनएम नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी कोरोना संक्रमण के सर्वे में हैं, लेकिन सर्वे केवल आशा सहयोगिन से ही करवाया जाता है, जबकि एएनएम खुद ड्यूटी पर नहीं जाती है.
इसी के साथ उन्होंने कहा कि अब वे सर्वे नहीं करेंगी. वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 में आशाओं के लिए किसी प्रकार के लिखित आदेश नहीं दिए गए हैं, बावजूद इसके आशा सहयोगिन करोना में सर्वे कार्य कर रही है. सरकार की तरफ से कोविड-19 के लिए तमाम सारी सुविधाएं दी जा रही है, मगर उन्हें नहीं मिल रही है. जिससे उनका शोषण किया जा रहा है.