श्रीगंगानगर. सरसों की फसल मंडी में आने के साथ ही व्यापारियों ने टैक्स चोरी के रास्ते भी निकालने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में सबसे ज्यादा सरसों को फसल होती है. ऐसे में यहां के व्यापारी किसानों से ओने-पौने दामों में सरसों खरीदकर टैक्स पंजाब-हरियाणा में ऊंचे दामों में बेचते हैं. बताया जाता है कि इस दौरान टैक्स चोरी करने के लिए भी व्यापारी पूरी कोशिश करते हैं.
मंडी में सरसों के आने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग की प्रति करापवंचन शाखा ने टैक्स चोरी रोकने के उद्देश्य से अभियान शुरू किया है. विभाग की अलग-अलग टीम ने कार्रवाई करते हुए कुल 17 गाड़ियों में लदे सरसों की टैक्स चोरी के संदेह में जांच की. इसमें समाने आया कि सरसों से भरे 8 वाहन टैक्स चोरी के उद्देश्य से दूसरे राज्यों में बेचने के लिए भेजे जाने थे.
सरसों के पकडे़ गए वाहनों में माल बिना ई-वे बिल के ही परिवहित हो रहा था, जिसमें कर चोरी का संदेह होने पर वाहनों को निरुद्ध किया गया. बताया जा रहा है कि टैक्स चोरी जांच अभियान के दौरान 16 लाख रुपये के टैक्स की वसूली की गई है.
संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) हरीराम लोहार ने बताया कि खरीफ की फसल आने के कारण कर चोरी और अवैध माल के परिवहन की अधिक आशंका होती है. वहीं, विभाग में भी शिकायतें मिलती रहती हैं. इस कारण प्रति करापवंचन शाखा को वाहन चेकिंग के निर्देश दिए गए थे. श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से सटे पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर भी जांच विभाग की ओर से वाहनों की जांच की जा रही है. अधिकारियों ने अपूर्ण दस्ताववेजों से सरसों परिवहित करने पर कर चोरी का संदेह होने पर 8 गाड़ियों को रोका. इनसे टैक्स और जुर्माना वसूला गया. मंडी में सरसों के आने के बाद टैक्स चोरी ना हो, इसको देखते हुए भविष्य में चेकिंग लगातार जारी रहेगी.