कोटपुतली-बहरोड: सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे किरतपुरा क्षेत्र के बडियाली ढाणी गांव स्थित बोरवेल के गड्ढे में फंसी 3 साल की चेतना को बचाने के लिए एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. रिंग रॉड और अंब्रेला जैसे जुगाड़ फेल होने के बाद मंगलवार देर रात फरीदाबाद से पाइलिंग मशीन मंगवाई गई है. पाइलिंग मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदने का काम शुरू हो चुका है. कई ट्रैक्टर ट्रॉलियों से मिट्टी उठाकर बाहर फेंकी जा रही है. गड्ढे में लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. हालांकि, कैमरे में बच्ची का मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है. प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि चेतना को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
प्लान ए और प्लान बी पर दोनों पैरलल जारी है. बच्ची की स्थिति पहले जैसी ही है. बच्ची को 10 से 12 फीट के ऊपर लाया गाया था, अभी वह वहीं है. एनडीआरएफ की टीम लगातार काम कर रही है, ताकि बच्ची सकुशल बाहर आ सके. अभी इस मामले पर कुछ कहा नहीं जा सकता है. : बृजेश चौधरी, एसडीम, कोटपुतली
एसडीएम बृजेश चौधरी ने बताया कि चेतना को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस व पुलिस की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. अभी तक रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक की मदद से बच्ची को बचाने का प्रयास किया जा रहा था. इसके लिए गड्ढे में 15 लोहे की छड़ों को डाला गया. 150 फीट गहरे गड्ढे में से 30 फीट ऊपर बच्ची को खींचा गया, लेकिन इसके बाद वो फंस गई. बच्ची को कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए फरीदाबाद से पाइलिंग मशीन मंगवाई गई, जिसका काम बुधवार सुबह से शुरू किया गया है.
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बोरवेल के गड्ढे में पाइप की मदद से ऑक्सीजन लगातार छोड़ी जा रही है. प्रशासन ने दावा किया है कि पाइलिंग मशीन की मदद से पहले भी बच्चों को गड्ढे से बचाया गया है. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हैं. वहीं, प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं. चेतना के माता-पिता व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. कैमरे में चेतना की मूवमेंट नजर नहीं आ रही है.
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