जयपुर : प्रदेश में भले ही सत्ता संभालने के साथ सीएम भजनलाल एक विधानसभा और लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए हों, लेकिन साल के आखिरी में आते-आते उपचुनाव की अग्नि परीक्षा में न केवल पास हुए, बल्कि उपचुनाव में 1952 के बाद इतिहास रच दिया. पहली बार सत्ताधारी दल ने दमदार प्रदर्शन किया है. भारतीय जनता पार्टी ने 7 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की. सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की सत्ता और संगठन के नेतृत्व में रचे इस इतिहास ने दोनों के कद को काफी बढ़ा दिया. हालांकि, लोकसभा चुनाव के परिणाम में झटके का खामियाजा तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की अध्यक्ष पद गवां कर चुकाना पड़ा.
15 दिसंबर को सीएम भजनलाल ने ली थी शपथ : 15 दिसंबर, 2023 को जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल से सांगानेर विधानसभा से पहली बार जीत कर आए विधायक भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके 15 दिन बाद नए साल यानी 2024 का आगाज हुआ, सरकार ने नए साल में कई ऐतिहासिक फैसलों के साथ प्रदेश की जनता के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं की भी घोषणा की. सत्ता के लिहाज से पूर्ण बहुमत वाली भजनलाल सरकार ने ERCP, यमुना जल समझौता, पेपर लीक पर नकेल सहित कई महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ते हुए काम किए. वहीं दूसरी ओर संगठन में ऊर्जा का संचार था.
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साल की शुरुआत में खराब प्रदर्शन : तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी के नेतृत्व में हुए विधानसभा चुनाव 2023 के बाद जोशी का कद सियासी मायनों में काफी बढ़ गया था. यही वजह थी कि जातीय समीकरण फेवर में नहीं होने के बावजूद 2024 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी आलाकमान ने जोशी को अध्यक्ष पद पर बनाए रखा. हालांकि, ये अलग बात रही कि पार्टी को इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में 11 सीटें गवां कर चुकाना पड़ा. इससे पहले सरकार बनने के एक महीने के भीतर ही श्रीकरणपुर विधानसभा चुनाव 2023 में हुई हार सत्ता और संगठन के लिए पहला खराब प्रदर्शन था. दरअसल, विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन होने से चुनाव स्थगित हुए. इस बीच कांग्रेस ने गुरमीत सिंह के बेटे रुपिंदर (रूबी) पर दांव खेला. वहीं, भाजपा ने अपने प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को चुनाव से पहले ही मंत्री बना दिया, लेकिन 8 जनवरी के आए नतीजे में रूपिंदर सिंह कुन्नर को जीत मिली. चुनाव हारने पर टीटी ने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
जोशी को गंवाना पड़ा अध्यक्ष पद : बहुमत के साथ सत्ता में आई भजनलाल सरकार ने श्रीकरणपुर विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद भी कोई सबक नहीं लिया. लिहाजा 2013 और 2019 से अजय बढ़त के साथ आगे बढ़ रही बीजेपी के विजय रथ में राजस्थान से डेंट लगा. 25 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीकर में सीपीआई (एम), नागौर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन और डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत को समर्थन देकर भाजपा के अश्वमेध रथ को रोकने में कामयाब रही. गठबंधन वाली तीन सीटों के अलावा कांग्रेस ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की. इस तरह दो चुनाव में सभी 25 सीटें जीतने वाली भाजपा से कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों के साथ मिल कर 11 सीट छीन ली थी. हार की नैतिक जिम्मेदारी के साथ जोशी ने इस्तीफे की पेशकश की और पार्टी आलाकमान ने उसे स्वीकार करते हुए राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त करते हुए बड़ी जिम्मेदारी दी.
उपचुनाव में रचा इतिहास : 1952 से लेकर अब तक कुल 101 उपचुनावों में 57 सीटें जीतकर कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. भाजपा 1980 में अस्तित्व में आई. इसके बाद प्रदेश में 61 सीटों पर उपचुनाव हुए. इनमें से कांग्रेस के खाते में सिर्फ 23 सीटें गई तो भाजपा के खाते में 31 सीटें आईं, हालांकि साल 2021 में 5 सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव हुए थे, इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जिसमें चार सीटें कांग्रेस के खाते में गई और एक सीट भाजपा ने जीती थी, लेकिन इस बार हुए उप चुनाव 2024 में भाजपा ने इतिहास रच दिया. लोकसभा चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए सत्ता और संगठन के तालमेल में पार्टी को 7 में से 5 सीटों पर जीत मिली. भाजपा ने उप चुनाव में सबसे अधिक पांच सीटें- खींवसर, रामगढ़, देवली-उनियारा, सलूंबर, और झुंझुनू में जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने केवल एक सीट दौसा पर जीत दर्ज किया है. वहीं, चौरासी उपचुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) को जीत मिली है.
सीएम ने पीएम को तो राठौड़ ने सीएम को दिया श्रेय : चुनाव परिणाम आने पर मुख्यमंत्री भजनलाल ने पीएम मोदी को तो प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सीएम भजनलाल को जीत का श्रेय दिया था. सीएम भजनलाल ने कहा था कि यह नतीजा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आम जन के भरोसे का नतीजा है. ऐसे क्षेत्र भी थे जहां बीजेपी नहीं जीत रही थी, वहां के जनता ने भी बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभाई है और बीजेपी को बड़ी मार्जिन से जिताया है. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 महीने हमने वह सभी काम कराए, जो की लंबी समय से अटके हुए थे, जिसके चलते लोगों का भरोसा हमारे प्रति बढ़ा. पीएम मोदी के निर्देशानुसार गरीब, किसान, युवा और महिला का विकास पूरे संकल्प के साथ किया, जिस पर जनता ने मुहर लगा दी. पीएम मोदी की तरह हम जो कहते हैं वही कर रहे हैं, गरीब लोगों के सपने को पूरा करेंगे आने वाले समय में एक उत्कृष्ट राजस्थान का निर्माण करेंगे. जानता सब कुछ देख रही है और समझ रही है. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भजनलाल सरकार के 11 महीने के कामकाज को जीत का कारण बताया था. राठौड़ ने कहा था कि प्रदेश की जनता ने डबल इंजन की सरकार पर मुहर लगाईं है, भजनलाल सरकार के 11 महीने के कामकाज का परिणाम जनता के आशीर्वाद के रूप में सामने है.